निशा और दिनेश ki love story
यह कहानी एक ऐसी औरत की है जो पति के लिए सब कुछ कर सकती थी एक मां की बेटी जिसका नाम निशा था उसकी शादी कोलकाता के रहने वाले दिनेश नाम के लड़के से हुई शादी के बाद सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था
अचानक फिर एक दिन उसका पति अपनी बीवी को बुलाता है और गुस्से से कहता है जल्दी इधर आओ मुझे ऑफिस के लिए निकलना है क्या करती रहती हो खामखा मुझे ऑफिस के लिए लेट कर देती हो इतना बोल कर वह जाने लगता है और जाते वक्त अपनी बीवी से बोलता है की रात को चिकन मसाला और पराठे बना कर रखना
तब निशा बोलती है ठीक है तब उसका पति ऑफिस के लिए चला जाता है कुछ देर के बाद उसके भाई का फोन आता है वह अपने भाई से बात करती है तभी अचानक उसके पति का फोन आता है तब वह अपने भाई से कहती है कि फोन रखो तुम्हारे जीजा का फोन आ रहा है मैं बाद में फोन करूंगी
फिर वह अपने पति के पास फोन करती है उसका पति कहता है इतनी देर से तुम कहां व्यस्त थी किस से बात कर रही थी जब उसका पति शाम को घर आता है तो गुस्से में कहता है रोज रोज तुम किससे बात करती हो हमेशा तुम्हारा फोन व्यस्त जाता है और उसे बछलन कह कर चला जाता है
फिर अगले दिन उसका पति ऑफिस जाने से पहले अपनी बीवी को धमकी देता है आज अगर तुम्हारा फोन व्यस्त आया तो देख लेना तुम्हारे साथ मैं क्या करूंगा जब शाम को उसका पति घर आता है तब उसकी बीवी अपने पति से कहती है कि आज मेरे भाई का फोन आया था और वह कह रहा था कि मम्मी की तबीयत बहुत ज्यादा खराब है
मैं कुछ दिनों के लिए अपने घर हो आऊ उसका पति मना कर देता है नहीं तुम अगर चली गई तो घर का काम कौन करेगा खाना कौन बनाएगा और मुझसे यह सब नहीं होगा ये सुनकर उसकी बीबी रोटी हुई अपने बैडरूम में चली जाती है फिर कुछ देर के बाद उसका पति भी बैडरूम में जाता है और अपनी बीबी को छेड़ता है
लेकिन उसकी बीबी मना कर देती हैं कि आज कुछ नहीं होगा तब उसका पति बोलता है कि मै तुम्हारा पति हूं मुझे पूरा अधिकार है तब वो बोली मै पीरियड में हूं लेकिन उसका पति नहीं मानता और जबर्जस्ती करता है अगले दिन उसका पति अपने दोस्त से मिलने उसके पास जाता है तब उसका दोस्त बोलता है
और बता भाई भाभी कैसी हैं कोई खुशखबरी है क्या तब दिनेश कहता है देख यार यह जो बीवी होती हैं हम लोगों की सेवा करने के लिए होती हैं कामकाज करने के लिए होती हैं और हमें खुश करने के लिए होती हैं और बच्चे पैदा करने के लिए होती है
उन्हें ज्यादा सर पर नहीं चढ़ाना चाहिए इतना कहकर दिनेश चल देता है तभी अचानक एक गाड़ी आती है उसे ठोक कर चली जाती है तब उसका दोस्त निशा को फोन करता है और बताता है भाभी भैया का एक्सीडेंट हो गया है और वह अस्पताल में भर्ती है मैं उनका दोस्त बोल रहा हूं यह सुनकर दौड़ती हुई अस्पताल जाती है
अपने पति का इलाज करवाती है 10 दिन के बाद जब वह अपने पति को अस्पताल से घर लेकर आती है और उसकी खूब सेवा करती है उसे टाइम पर दवाई देती है उसे घुमाने ले जाती है तब उसका पति अपनी बीबी को मानने लगता है जब उसके आदमी की तबीयत कुछ ठीक हो जाती है तब वह अपनी बीवी से सॉरी बोलता है
और कहता है मुझे माफ कर दो मैं तुम्हें काफी भला बुरा कहता रहता हूं तब नीषा कहती है मुझे इसकी कोई जरूरत नहीं है और आप मुझसे क्यों सॉरी बोल रहे हो मैं तो आपके पैरों की जूती हू जो तुम पर भरोसा करके अपने भाई बहन माता-पिता सब कुछ छोड़ कर तुम्हारे साथ आ गई
मैं तो वह औरत हूं जो अगर उसकी मां मर भी जाए तो उसे घर जाने की इजाजत नहीं मिलती क्योंकि अगर वह चली गई तो तुम्हारे घर का खाना कौन बनाएगा तुम्हारा काम कौन करेगा तुम्हारे कपड़े कौन देगा तुम्हारा घर साफ कौन करेगा
मैं तो वह औरत हूं जिसकी कोई मर्जी होती ही नहीं चाहे वो पीरियड में भी हो तब भी उसके सात जबरजस्ती करना जरूरी है तब उसका पति उससे माफी मांगता हैं और कहता है आज के बाद तुम्हे कभी भला बुरा नहीं कहूंगा और तुम्हारी इज्जत करूंगा फिर वो दोनो पहले कि तरह प्यार से रहने लगते है
अचानक फिर एक दिन उसका पति अपनी बीवी को बुलाता है और गुस्से से कहता है जल्दी इधर आओ मुझे ऑफिस के लिए निकलना है क्या करती रहती हो खामखा मुझे ऑफिस के लिए लेट कर देती हो इतना बोल कर वह जाने लगता है और जाते वक्त अपनी बीवी से बोलता है की रात को चिकन मसाला और पराठे बना कर रखना
तब निशा बोलती है ठीक है तब उसका पति ऑफिस के लिए चला जाता है कुछ देर के बाद उसके भाई का फोन आता है वह अपने भाई से बात करती है तभी अचानक उसके पति का फोन आता है तब वह अपने भाई से कहती है कि फोन रखो तुम्हारे जीजा का फोन आ रहा है मैं बाद में फोन करूंगी
Love syory
फिर वह अपने पति के पास फोन करती है उसका पति कहता है इतनी देर से तुम कहां व्यस्त थी किस से बात कर रही थी जब उसका पति शाम को घर आता है तो गुस्से में कहता है रोज रोज तुम किससे बात करती हो हमेशा तुम्हारा फोन व्यस्त जाता है और उसे बछलन कह कर चला जाता है
फिर अगले दिन उसका पति ऑफिस जाने से पहले अपनी बीवी को धमकी देता है आज अगर तुम्हारा फोन व्यस्त आया तो देख लेना तुम्हारे साथ मैं क्या करूंगा जब शाम को उसका पति घर आता है तब उसकी बीवी अपने पति से कहती है कि आज मेरे भाई का फोन आया था और वह कह रहा था कि मम्मी की तबीयत बहुत ज्यादा खराब है
मैं कुछ दिनों के लिए अपने घर हो आऊ उसका पति मना कर देता है नहीं तुम अगर चली गई तो घर का काम कौन करेगा खाना कौन बनाएगा और मुझसे यह सब नहीं होगा ये सुनकर उसकी बीबी रोटी हुई अपने बैडरूम में चली जाती है फिर कुछ देर के बाद उसका पति भी बैडरूम में जाता है और अपनी बीबी को छेड़ता है
लेकिन उसकी बीबी मना कर देती हैं कि आज कुछ नहीं होगा तब उसका पति बोलता है कि मै तुम्हारा पति हूं मुझे पूरा अधिकार है तब वो बोली मै पीरियड में हूं लेकिन उसका पति नहीं मानता और जबर्जस्ती करता है अगले दिन उसका पति अपने दोस्त से मिलने उसके पास जाता है तब उसका दोस्त बोलता है
और बता भाई भाभी कैसी हैं कोई खुशखबरी है क्या तब दिनेश कहता है देख यार यह जो बीवी होती हैं हम लोगों की सेवा करने के लिए होती हैं कामकाज करने के लिए होती हैं और हमें खुश करने के लिए होती हैं और बच्चे पैदा करने के लिए होती है
उन्हें ज्यादा सर पर नहीं चढ़ाना चाहिए इतना कहकर दिनेश चल देता है तभी अचानक एक गाड़ी आती है उसे ठोक कर चली जाती है तब उसका दोस्त निशा को फोन करता है और बताता है भाभी भैया का एक्सीडेंट हो गया है और वह अस्पताल में भर्ती है मैं उनका दोस्त बोल रहा हूं यह सुनकर दौड़ती हुई अस्पताल जाती है
अपने पति का इलाज करवाती है 10 दिन के बाद जब वह अपने पति को अस्पताल से घर लेकर आती है और उसकी खूब सेवा करती है उसे टाइम पर दवाई देती है उसे घुमाने ले जाती है तब उसका पति अपनी बीबी को मानने लगता है जब उसके आदमी की तबीयत कुछ ठीक हो जाती है तब वह अपनी बीवी से सॉरी बोलता है
और कहता है मुझे माफ कर दो मैं तुम्हें काफी भला बुरा कहता रहता हूं तब नीषा कहती है मुझे इसकी कोई जरूरत नहीं है और आप मुझसे क्यों सॉरी बोल रहे हो मैं तो आपके पैरों की जूती हू जो तुम पर भरोसा करके अपने भाई बहन माता-पिता सब कुछ छोड़ कर तुम्हारे साथ आ गई
मैं तो वह औरत हूं जो अगर उसकी मां मर भी जाए तो उसे घर जाने की इजाजत नहीं मिलती क्योंकि अगर वह चली गई तो तुम्हारे घर का खाना कौन बनाएगा तुम्हारा काम कौन करेगा तुम्हारे कपड़े कौन देगा तुम्हारा घर साफ कौन करेगा
मैं तो वह औरत हूं जिसकी कोई मर्जी होती ही नहीं चाहे वो पीरियड में भी हो तब भी उसके सात जबरजस्ती करना जरूरी है तब उसका पति उससे माफी मांगता हैं और कहता है आज के बाद तुम्हे कभी भला बुरा नहीं कहूंगा और तुम्हारी इज्जत करूंगा फिर वो दोनो पहले कि तरह प्यार से रहने लगते है
निशा और दिनेश ki love story
Reviewed by Anand Singh
on
May 08, 2020
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