पति पत्नी और टीचर

यह कहानी एक महाराष्ट्र की है जहां एक परिवार रहता था उस परिवार में पति-पत्नी और एक बच्चा रहता था आदमी का नाम शंकर था उसकी पत्नी का नाम नीलू था और उनके बच्चे का नाम आदर्श था उसकी उम्र 8 साल की थी

 1 दिन शंकर को अपने काम के सिलसिले मैं 2 दिन के लिए बाहर जाना पड़ता है जब शंकर अपने ऑफिस से घर आता है तो अपनी बीवी से फाइल मंगवाता है और कहता है कि मुझे काम के सिलसिले से 2 दिन के लिए बाहर जाना पड़ रहा है तब नीलू बोलती है कि पिछली बार की तरह 2 दिन बोल कर एक हफ्ते के लिए जाने का इरादा है

Pati patani or teacher crime story


 तब शंकर बोला तुम्हें पता ही है मेरा काम कैसा है तब नीलू बोली इसका मतलब यह थोड़ी है कि तुम अपने परिवार पर ध्यान ही ना दो आदर्श कितना बड़ा हो गया है वह पढ़ाई भी नहीं करता मेरी तो बिल्कुल भी नहीं सुनता शंकर बोला तुम आदर्श की पढ़ाई की चिंता मत करो मैं 2 दिन में वापस आ जाऊंगा

पति पत्नी और टीचर क्राइम स्टोरी

 तभी एक पड़ोस का लड़का जिसका नाम सोनू था उसकी उम्र 25 साल की थी वह पढ़ाई में बहुत होशियार था हमेशा अच्छे नंबरों से पास होता था उसके साथ उसके दादाजी भी रहते थे उसी दिन शंकर के घर सोनू चीनी मांगने आता है सोनू को देखकर शंकर बोलता है कि सोनू तुम मेरे बेटे को ट्यूशन पढ़ा दोगे तब सोनू कहता है

 कि ठीक है मैं पढ़ा दूंगा इतना बोल कर सोनू चीनी लेकर चला जाता है अगले दिन शंकर काम के सिलसिले में बाहर चला जाता है थोड़ी देर बाद सोनू आदर्श को पढ़ाने के लिए शंकर के घर पहुंच जाता है और उसे पढ़ाने लगता है तभी नीलू झाड़ू लगाती है लगाते लगाते उसकी साड़ी का पल्लू नीचे गिर जाता है सोनू की नजर उसके ऊपर पड़ती है तो सोनू कि नियत खराब हो जाती है

तब वह नीलू को किसी ना किसी बहाने से देखता रहता है और छूने की कोशिश करता है नीलू भी उसकी सारी हरकत देखती रहती है लेकिन कुछ नहीं कहती तभी एक दिन रात को शंकर का फोन आता है और वह कहता है कि मैं 4 दिन बाद वापस आऊंगा ठीक है तब नीलू भी ठीक है बोलकर फोन काट देती है

फिर वह सोनू की हरकतो को याद करती रहती है फिर अगले दिन नीलू के भाई का फोन आता है तो नीतू कहती है कि आदर्श की 2 दिन की छुट्टी पड़ गई है आदर्श तुम्हारे पास आने को बोल रहा है  तब वह कहता है की भेज दो नीलू आदर्श को अपने भाई के पास छोड़ने चली जाती है

 कुछ देर के बाद सोनू उसके घर आदर्श को पढ़ाने जाता है देखता है कि उसके घर ताला बंद है तब वह वापस लौटने लगता है तभी नीलू अपने घर की तरफ आती है और सोनू से मुलाकात हो जाती है नीतू सोनू को सब कुछ बता देती है तब सोनू बोलता है कि आज ट्यूशन की छुट्टी तो नीलू  बोलती है आज नहीं 2 दिन के लिए गया है

 सोनू बोला ठीक है तो मैं चलता हूं जब आ जाए तो बता देना इतना बोल कर सोनू चला जाता है रात को जब सोनू पढ़ाई करता है तो नीलू के बारे में सोचता रहता है इधर नीलू भी सोनू के बारे में सोचती है तभी सोनू नीलू के घर चीनी के बहाने से जाता है नीलू सोनू को देखकर पूछती है

 इतनी रात को कैसे तब वो बोला कि चीनी खत्म हो गई थोड़ी सी दे दो तब नीलू सोनू को अंदर ले जाती है और कहती है कि मैं एक काम करती हूं चाय बना कर लाती हूं  तब सोनू बोला नहीं इसकी कोई जरूरत नहीं मैं चलता हूं

 तब नीलू बोली मैं कुछ दिनों से देख रही हूं कि तुम मुझे छुप-छुप के देखते हो तब वह बोला नहीं भाभी मैं नहीं देखता तब नीलू बोली तुम झूठ मत बोलो मुझे सब पता है पर मुझे बुरा नहीं लगता क्योंकि तुम्हारी उम्र में यह सब फील करना आम बात है तब दोनों आपने मन की हवस मिटा लेते है

 और यह सिलसिला चलता रहता है जब सोनू का रिजल्ट आता है तो पता चलता है कि सोनू फेल हो गया तब उसके दादा उसे बहुत डांटते हैं और बोलते हैं आज के बाद तुम परीक्षा में पास नहीं हुए तो तुम्हारी पढ़ाई बंद यह सुनकर सोनू को बहुत दुख होता है और वह फिर से पढ़ाई में ध्यान देने लगता है

लेकिन नीलू उसे बार-बार फोन करती है और वह फोन काट देता है नीलू फिर उसे एक एसएमएस करती है आज रात को तुम नहीं आए तो देख लेना मैं क्या करूंगी यह s.m.s. पढ़कर सोनू बाहर जाकर बात करता है तब नीलू बोलती है कि तुम मेरा फोन क्यों नहीं उठा रहे थे तब सोनू बोला मैं दादा जी के पास ही लेटा हुआ था मैं फोन कैसे उठा लेता

वैसे भी मैं परीक्षा में फेल हो गया हूं मैं अपनी पढ़ाई पर फोकस करना चाहता हूं इसलिए मैं नहीं आ सकता तब नीलू बोली तुम्हें किसने मना किया है दिन में खूब पढ़ाई करो जब शंकर मेरे पास ना हो तब तुम मेरे पास आओ लेकिन सोनू मना कर देता है तब नीलू बोलती है मुझे कुछ नहीं सुनना मैंने बोल दिया एक बार आओ तो आओ इतना बोल कर फोन काट देती है

सोनू गुस्से में नीलू के घर चला जाता है नीलू बोली मुझे पता था तुम जरूर आओगे सोनू बोला कि हमें यह सब बंद कर देना चाहिए मुझे पढ़ना है और कुछ बनना है तब नीलू बोली पहले तुम्हें पढ़ाई नहीं करनी थी तब तुम्हें कुछ नहीं बनना था अभी तुम टेंशन में हो चलो मैं तुम्हारी टेंशन दूर कर देती हूं

तब सोनू चिल्ला कर बोलता है मुझे नहीं करना यह सब तब नीलू जबरदस्ती करने लगती है तब सोनू नीलू को एक चांटा मारता है नीलू और सोनू में हाथापाई होने लगती है होते-होते नीलू सीढ़ी के कोने पर गिर जाती है जिससे उसका सिर फट जाता है और उसकी मौत हो जाती है

 तभी आदर्श एक डंडा सोनू को मारता है लेकिन सोनू को उसका असर नहीं होता और वो आदर्श को किडनैप कर लेता है क्योंकि अगर आदर्श ने किसी को बता दिया तो उसे सजा हो जाएगी जब शंकर लौटकर आता है तो नीलू को मरा हुआ देखकर हैरान हो जाता है

और अपने बेटे को आवाज लगाता है जब उसकी कोई आवाज नहीं सुनता तो थाने में जाकर रिपोर्ट दिखाता है पुलिस नीलू के घर जाकर लास को पोस्टमार्टम के लिए भेज देती है और शंकर से पूछताछ करती है उसके बाद शंकर को बोलती है जब तक यह केस पूरा नहीं हो जाता तब तक तुम कहीं नहीं जाओगे

शंकर फिर सोनू के दादा के पास जाता है और नमस्ते करता है तब दादा जी बोले क्या हुआ कुछ पता चला आदर्श का तब शंकर बोला नहीं पुलिस पता लगा रही है तब शंकर भोला सोनू कहां है मुझे आदर्श के बारे में कुछ पूछना है तब दादा बोले की सोनू तो कहीं परीक्षा देने के लिए गया हुआ है

इतना सुनकर शंकर वहां से चला जाता है और अपनी बीवी के बारे में सोचने लगता है चलते चलते अचानक उसकी नजर सोनू पर पड़ती है वह चुपचाप सोनू का पीछा करने लगता है और देखता है कि सोनू ने उसके बेटे आदर्श को किडनैप कर रखा है यह देखकर शंकर वहां से धीरे से पुलिस स्टेशन चला जाता है

और सारी बात बता देता है तब पुलिस उसके साथ जाकर सोनू को पकड़ लेती है और आदर्श अपने पापा के पास आ जाता है तभी शंकर सोनू को मारने लगता है तब उसका बेटा बोलता है पापा इसमें इनका कसूर नहीं इसमें मम्मी भी शामिल हैं पुलिस सोनू को लेकर थाने चली जाती है और कोर्ट में पेश कर देती है

कोर्ट ने सोनू को नीलू के साथ गलत संबंध बनाने के जुर्म में धारा 497 नीलू के कत्ल के जुर्म में धारा 302 आदर्श को अगवा करने के जुर्म में 361 लागू की जिससे सोनू को उम्र कैद की सजा सुनाई गई

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पति पत्नी और टीचर पति पत्नी और टीचर Reviewed by Anand Singh on May 08, 2020 Rating: 5

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