जेठानी के शौक

भारत के दंगल शहर में सुजाता नाम की एक औरत अपने दो बेटों के साथ रहती थी उसके दोनों बेटों की शादी हो चुकी थी बड़ी बहू का नाम पायल था छोटी बहू का नाम संजना संजना कुछ ही दिनों पहले सुजाता के घर की बहू बनी थी पूरा परिवार बड़ी ही खुशहाली से रह रहा था

एक दिन संजना अपने कमरे में दरवाजा बंद करके बैठी थी तभी पायल ने दरवाजा खटखटाया और कहां संजना दरवाजा खोल कब से अंदर बैठी है चल मेरा रसोई में हाथ बटा दे खाना बनाने में देर हो रही है तभी संजना कहती है दीदी आ रही हूं तभी संजना दरवाजा खोलती है

Jethani ke shauk moral story


तब पायल कहती है अरे तू अंदर इतनी देर से क्या कर रही थी सुजाता कहती है कुछ नहीं दीदी चलो खाना बनाते हैं तभी पायल कहती है नहीं पहले मुझे दिखा कि तू अंदर क्या कर रही थी सुजाता बार-बार कहती है कुछ नहीं कुछ नहीं मगर पायल नहीं मानती और कमरे के अंदर चली जाती है और जैसे ही वो अंदर आती है

जेठानी के शौक moral story


उसकी आंखें खुली की खुली रह जाती है पूरे बिस्तर पर इतनी सारी अलग-अलग तरह की चूड़ियां रखी हुई थी तभी पायल कहती है अरे संजना यह क्या है यह सब इतनी सारी चूड़ियां तभी संजना कहती है मुझे ना चूड़ियों का कलेक्शन करने का बहुत शौक है

 बस इन्हीं को ही सेट कर रही थी अरे पर इतनी सारी चूड़ियां हां दीदी कुल मिलाकर डेढ़ सौ के करीब हैं पायल उसे देखकर सोच में पड़ जाती है कि उसने तो कभी ऐसा किसी चीज को कलेक्शन किया ही नहीं फिर वह अपने कमरे में जाती है और अपनी चूड़ियों का सेट गिरने लगती है और कहती है यह क्या सिर्फ 10 सेट

 अरे संजना के पास तो कितने सारे सेट हैं चलो साड़ियां निकालती हूं मेरे पास कितनी साड़ियां हैं पायल अपनी सारी की सारी साड़ियों को गिरने लगती है और वह चौक जाती है सिर्फ 20 साड़ियां पायल अब परेशान होती है कहती है सिर्फ 20 साड़ियां अब संजना को देखकर किसी चीज की कलेक्शन करने की भावना होती है

 उसे यह समझ नहीं आ रहा था कि वह किस चीज का कलेक्शन करें तभी पायल रसोई में चली जाती है और सोचने लगती है क्या करूं समझ में नहीं आ रहा एक काम करती हूं संजना से पूछती हूं वह संजना के पास पूछने के लिए जाती है और कहती है संजना यह बताओ कि तुम चूड़ियों का ही कलेक्शन क्यों करती हो

 मतलब दुनिया में तो कितनी चीजें हैं मगर तुम्हें चूड़ियां को ही क्यों चुना तभी संजना कहती है अरे दीदी आपको जो चीज पसंद होती है उसी को करने में मजा आता है मुझे तो बचपन से ही चूड़ियों का कलेक्शन करने का बड़ा शौक था इसलिए मैं उसका इलेक्शन करती हूं

 पायल को अब पूरी बात समझ में आ जाती है अगले दिन पायल अपना पूरा दिन यही सोचने में निकाल देती है कि उसे किस चीज में रुचि है तभी पायल कहती है याद आया याद आया जब भी मेरे लिए यह झुमके या एयर रिंग ले आते हैं तो मुझे बड़ी खुशी होती है

इसका मतलब मुझे झुमके पसंद हैं मतलब कि मुझे झुमको का ही कलेक्शन करना चाहिए अगले दिन पायल पूरा दिन मार्केट में घूमती है और हर जगह से तरह-तरह के ईयररिंग खरीद कर ले आती है और अपने कमरे में गिनने लगती है और कहती है इतने सारे एयर रिंग यह हुई ना बात इसे कहते हैं कलेक्शन

 तभी विकास शाम को ऑफिस से घर आता है कहता है पायल मुझे एटीएम कार्ड का मैसेज आया है तुमने 10000 की शॉपिंग की है ऐसी क्या शॉपिंग कर ली अभी पायल हंसने लगी और बोली देखिए जी इतने सारे ईयर रिंग लेकर आई हूं यह सुनकर विकास कहता है क्या तुम यहां दुकान लगाओगी क्या

पायल कहती है नहीं जी यह तो मेरा इलेक्शन है तभी विकास बोला किस बात का कलेक्शन पायल बोली अरे मुझे यह रिंग पहनना अच्छा लगता है तो मैंने सोचा इसका कलेक्शन क्यों नहीं किया जाए अभी विकास बोला तुम्हें पता भी है किसको कलेक्शन कहते हैं

कलेक्शन का मतलब यह नहीं होता कि एक ही बार में सारी की सारी चीज खरीद लो लोग सालों साल इकट्ठा करते रहते हैं तभी पायल कहती है अरे छोड़िए ना आपको तो कुछ भी नहीं पता इतना कहकर पायल वहां से चली जाती है

फिर कुछ दिनों तक पायल रिंग का ख्याल रखती है पर धीरे-धीरे रिंग से उसका इंटरेस्ट खत्म हो जाता है तो वह उनकी तरफ देखती भी नहीं है और सोने चली जाती है तभी विकास वहां आता है और कहता है पायल अपनी रिंग को साफ़ भी कर लिया करो कितनी धूल जमी हुई है

 तभी पायल कहती है मुझसे नहीं होती इतनी बारीकी से सफाई एक तो इतने सारे एरिंग कब किस की सफाई करूं तब विशाल बोला तुम तो बड़े शौक से लाई थी इन्हें फिर क्या हुआ कलेक्शन करने का भूत उतर गया

 पायल ने कहा हां हां उतर गया तो विशाल बोला मेरे ₹10000 बर्बाद कर दिए पायल ने कहा बेच आओ ना यह तब विकास ने कहा मैं क्यों बेच आओ तुम बेच आओ तुमने ही खरीदे थे तभी पायल और विकास में लड़ाई सुनकर घरवाले वहां आ जाते हैं

 संजना करती है आप दोनों झगड़ क्यों रहे हो विकास ने कहा तुम्हारी जेठानी ने तुम्हें देख कर अपना भी एयरिंग्स का कलेक्शन रखने की सोची और अब 2 महीने से उनकी तरफ देखती भी नहीं है और मेरे पैसे भी बर्बाद कर दिए

 तब संजना बोली अरे दीदी पर आपने ऐसा क्यों किया पायल ने कहा अरे मुझे लगा कि तुम इतना अच्छा कलेक्शन करती है तो मुझे भी करना चाहिए पर यह सब तो कुछ ही दिन रहा फिर तो मैं बोर होने लगी

संजना बोली दीदी यह तो बस एक शौक है जैसे आपको खाना बनाने का शौक है आपको उसी में खुशी मिलती है ऐसे ही मुझे चूड़ियों का कलेक्शन करने का शौक है तो मुझे उसी में खुशी मिलती है हम एक दूसरे को देखकर अपने शौक नहीं बदल सकते

फिर पायल बोली तू ठीक कह रही है किसी को देखकर शौक तो नहीं करना चाहिए मगर यह रिंग का क्या करें तब उसकी सास कहती है मैं बता देती हूं तुम दोनों अपनी अपनी सहेलियों को बेच दो क्या पता हमें बिजनेस का शौक लग जाए तभी पायल हंसने लगती है और सभी लोग भी खुश हो जाते हैं
जेठानी के शौक जेठानी के शौक Reviewed by Anand Singh on May 12, 2020 Rating: 5

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