समझदारी से भरा मटका
एक दिन अकबर बादशाह और उनके दरबारी दरबार में बैठे थे राजा सीलोन का एक दूत वहां आ पहुंचा वो एक विशेष काम के लिए आया था दूत बोला सलाम जहांपना मैं राजा के दरबार से आया हूं अकबर बादशाह बोले हमारी सल्तनत में आपका स्वागत है
तभी वह आदमी कहता है जहांपना सुना है आप के दरबार में बहुत सारे बुद्धिमान दरबारी रहते हैं और मेरे राजा ने समझदारी से भरे घड़े की गुजारिश की है तभी राजा बीरबल से बोले तुम्हारा क्या कहना है बीरबल कहता है हम थोड़ी बहुत समझदारी तो भेज ही सकते हैं
सीलोन के राजा के लिए आखिर कार उन्होंने हम से गुजारिश की है और हमें उनकी इच्छा पूरी करनी चाहिए तभी अकबर बादशाह कहते हैं अगर तुम ऐसा कहोगे बीरबल तो ठीक है तुम जो भी करोगे वह ठीक ही करोगे मुझे तुम पर पूरा भरोसा है बीरबल बोला शुक्रिया जहांपना मुझे घड़े को भरने के लिए कुछ हफ्ते का वक्त लगेगा
तभी वह आदमी बोला आप जितना वक्त ले सकते हैं तो ले मुझे कोई जल्दी नहीं है इतना कहकर वह आदमी वहां से चला गया तभी राजा बीरबल से बोला मैं उम्मीद करता हूं कि तुम्हें पता है कि तुम क्या कर रहे हो माना कि मुझे तुम पर भरोसा है लेकिन यह काम मुश्किल है और तुम्हें पता है की तुमने यह चुनौती स्वीकार कर ली है जिससे हमारी भी इज्जत दाव पर लगी हुई है
बीरबल बोला चिंता मत कीजिए जहांपना सीलोन के राजा को समझदारी से भरा हुआ घड़ा जरूर मिलेगा उसी शाम बीरबल ने अपने सहायक को बुलाया बीरबल के दिमाग में एक कमाल की योजना थी बीरबल सोचता है मेरी यह योजना बिल्कुल भी असफल नहीं होगी और सीलोन के राजा की यह इच्छा भी जरूर पूरी होगी
बीरबल अपने सहायक से कहता है मुझे कुछ मिट्टी के घड़े चाहिए जिनकी गर्दन थोड़ी पतली हो जितनी जल्दी हो सके यह मेरे पास लेकर आओ बीरबल बाहर बगीचे में गया और अपनी योजना के बारे में सोचने लगा और कुछ ही देर में बीरबल का सहायक भी वहां कुछ घड़े लेकर आ गया जैसा बीरबल ने कहा था
सहायक बोला यह रहे आपके घड़ी बीरबल बोला बहुत बढ़िया ये घड़े लेकर मेरे पीछे कद्दू की कीयारी में आओ कद्दू की कियारी में पहुंचकर बीरबल बोला लाओ उनमें से एक घड़ा मुझे दे दो बीरबल ने उस घड़े के आसपास लकड़ियां लगा दी थी ताकि उन्हें अच्छे से जमा सके और फिर उस घड़े को कद्दू के फूल के ऊपर रख दिया
तभी बीरबल ने सहायक को कहा अब इसी तरह बाकी के घड़े को भी रख दो कद्दू के फूल को बिना नुकसान पहुंचाए जब उन्होंने आखरी खड़ा भी कद्दू के फूल पर रख दिया बीरबल ने सहायक को कहा तुम्हें इस बात का बहुत ख्याल रखना होगा कि इन्हें अच्छे से खाद और पानी मिलता रहे ताकि यह अच्छे से बड़े हो सके और किसी को भी इन्हें छूने मत देना शिवाय मालिक के सहायक कहता है जी हुजूर बीरबल बोला जल्दी ही मैं इन्हें लेने आऊंगा
सहायक बोला जैसा आप चाहे हुजूर इस बीच कद्दू का बहुत अच्छी तरह ख्याल रखा गया जब बीरबल दरबार में पहुंचा अकबर बादशाह ने कहा तुम्हें जो काम दिया था उसको कुछ आगे बढ़ाया कि नहीं कई हफ्ते गुजर चुके हैं लेकिन तुम्हारी तरफ से कोई समाचार नहीं मिला
बीरबल बोला मैंने काम लगभग खत्म कर ही लिया है जहांपना अकबर बादशाह बोले मैं यह देखने के लिए बहुत ही उत्साहित हूं कि तुम घड़े को समझदारी से कैसे भरोगे बीरबल बोला जहांपना सिर्फ 2 हफ्ते और चाहिए मुझे आपका यह काम पूरा हो जाएगा हम सीलोन के राजा के दूत को 2 हफ्ते के बाद बुला सकते हैं
अकबर बादशाह बोले ठीक है बहुत बढ़िया मैं उम्मीद करता हूं कि हमारी इज्जत पर कोई दाग नहीं लगेगा बीरबल बोला ऐसा बिल्कुल नहीं होगा जहांपना 2 हफ्ते बाद सभी दरबार में इकट्ठा हुए भीड़ में बहुत सारी खुशपुशाहट और हंसी सुनाई दे रही थी
सभी दरबारियों की नजर बीरबल पर थी उसने ऐसा क्या किया है घड़े को समझदारी से भरने के लिए एक दरबारी कहता है मुझे नहीं लगता कि बीरबल इस चुनौती को पूरा कर पाया होगा दूसरा बोला मुझे भी ऐसा ही लगता है ऐसा कर पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है तीसरा बोला अरे वह बीरबल है जरूर उसने घड़े को भरने का कोई ना कोई रास्ता निकाल लिया होगा
सभी इस चुनौती और उसके परिणाम के बारे में बातें कर रहे थे तभी बीरबल और दूत अकबर बादशाह के सामने दरबार में हाजिर होते हैं बादशाह बोले समझदारी से भरे हुए घड़े को दिखाने के लिए क्या तुम तैयार हो बीरबल बोला जी हां जहांपनाह मैं तैयार हूं बीरबल ताली बजाता है सभी लोग दरवाजे की तरफ देखने लगते हैं
बीरबल का सहायक घड़े को थाली में रखकर हाजिर होता है और बीरबल के पास आकर खड़ा हो जाता है बीरबल बोला महाराज यह लीजिए आपके सामने समझदारी से भरा हुआ घड़ा आ चुका है घडा ऊपर से कपड़े में ढका हुआ था ताकि कोई देख ना सके कि अंदर क्या है
पहला दरबारी बोला यह नामुमकिन है दूसरा बोला ऐसा हो ही नहीं सकता तीसरा हां हां ऐसा कैसे हो सकता है तभी महाराज कहते हैं शांत हो जाओ बीरबल उस दूत से कहता है यह लो इसे अपने राजा के पास ले जाओ लेकिन याद रहे तुम्हें यह सारे घड़े खाली करके वापस लौटाने होंगे
वह भी बिना कुछ नुकसान पहुंचाए और अगर आप समझदारी के फल को बाहर निकालना चाहते हैं तो उसे भी कोई खरोच नहीं आनी चाहिए तो दूत कहता है क्या मैं इसे देख सकता हूं बीरबल बोला हां जरूर अब यह आप ही का है जैसे ही दूत घड़े में देखता है उसे घड़े में एक कद्दू दिखाई देता है तो चौक जाता है
वह दुत बीरबल से कहता है लेकिन यह तो तभी बीरबल बोला हमारे पास 5 घड़ी हैं और अगर आपके राजा को समझदारी चाहिए तो ले जा सकते हैं तभी दूत कहता है तुम्हारे सामने कोई खड़ा हो सकता है क्या बीरबल तुम लाखों में एक हो हम तुम से पंगा क्यों लेते हैं दूत घड़ा लेकर चला जाता है
महाराज कहते हैं बीरबल मैं बहुत ज्यादा उत्साहित हूं समझदारी के उस पल को देखने के लिए तुमने कहा था कि तुम्हारे पास पांच घड़े हैं बीरबल बोला जी जहांपना मेरे पास 5 और हैं मैं अभी आपके लिए मंगवाता हूं तभी बीरबल कहता है दूसरे खड़े भी यहां लेकर आओ
तभी सहायक कहता है जी हुजूर जैसे ही घड़ा आया अकबर बादशाह चौक जाते हैं और फिर जोर जोर से हंसने लगते हैं पूरा दरबार यह देखना चाहता था कि उस घड़े में क्या था बादशाह कहते है बिल्कुल यही है समझदारी का फल सीलोन के राजा इसे देखकर जरूर समझदार बन जाएंगे
यह कहकर महाराज जोर-जोर से हंसने लगते हैं इसके बाद मैं सभी को दरबार में घड़ा दिखाया गया और सभी ने बीरबल की बहुत तारीफ की महाराज कहते हैं बीरबल तुम ही मेरे अच्छे दरबारी हो तुम्हारे आगे सब पानी कम है यह कहकर महाराज हंसने लगते हैं
तभी वह आदमी कहता है जहांपना सुना है आप के दरबार में बहुत सारे बुद्धिमान दरबारी रहते हैं और मेरे राजा ने समझदारी से भरे घड़े की गुजारिश की है तभी राजा बीरबल से बोले तुम्हारा क्या कहना है बीरबल कहता है हम थोड़ी बहुत समझदारी तो भेज ही सकते हैं
सीलोन के राजा के लिए आखिर कार उन्होंने हम से गुजारिश की है और हमें उनकी इच्छा पूरी करनी चाहिए तभी अकबर बादशाह कहते हैं अगर तुम ऐसा कहोगे बीरबल तो ठीक है तुम जो भी करोगे वह ठीक ही करोगे मुझे तुम पर पूरा भरोसा है बीरबल बोला शुक्रिया जहांपना मुझे घड़े को भरने के लिए कुछ हफ्ते का वक्त लगेगा
समझदारी से भरा मटका Akbar Birbal story
तभी वह आदमी बोला आप जितना वक्त ले सकते हैं तो ले मुझे कोई जल्दी नहीं है इतना कहकर वह आदमी वहां से चला गया तभी राजा बीरबल से बोला मैं उम्मीद करता हूं कि तुम्हें पता है कि तुम क्या कर रहे हो माना कि मुझे तुम पर भरोसा है लेकिन यह काम मुश्किल है और तुम्हें पता है की तुमने यह चुनौती स्वीकार कर ली है जिससे हमारी भी इज्जत दाव पर लगी हुई है
बीरबल बोला चिंता मत कीजिए जहांपना सीलोन के राजा को समझदारी से भरा हुआ घड़ा जरूर मिलेगा उसी शाम बीरबल ने अपने सहायक को बुलाया बीरबल के दिमाग में एक कमाल की योजना थी बीरबल सोचता है मेरी यह योजना बिल्कुल भी असफल नहीं होगी और सीलोन के राजा की यह इच्छा भी जरूर पूरी होगी
बीरबल अपने सहायक से कहता है मुझे कुछ मिट्टी के घड़े चाहिए जिनकी गर्दन थोड़ी पतली हो जितनी जल्दी हो सके यह मेरे पास लेकर आओ बीरबल बाहर बगीचे में गया और अपनी योजना के बारे में सोचने लगा और कुछ ही देर में बीरबल का सहायक भी वहां कुछ घड़े लेकर आ गया जैसा बीरबल ने कहा था
सहायक बोला यह रहे आपके घड़ी बीरबल बोला बहुत बढ़िया ये घड़े लेकर मेरे पीछे कद्दू की कीयारी में आओ कद्दू की कियारी में पहुंचकर बीरबल बोला लाओ उनमें से एक घड़ा मुझे दे दो बीरबल ने उस घड़े के आसपास लकड़ियां लगा दी थी ताकि उन्हें अच्छे से जमा सके और फिर उस घड़े को कद्दू के फूल के ऊपर रख दिया
तभी बीरबल ने सहायक को कहा अब इसी तरह बाकी के घड़े को भी रख दो कद्दू के फूल को बिना नुकसान पहुंचाए जब उन्होंने आखरी खड़ा भी कद्दू के फूल पर रख दिया बीरबल ने सहायक को कहा तुम्हें इस बात का बहुत ख्याल रखना होगा कि इन्हें अच्छे से खाद और पानी मिलता रहे ताकि यह अच्छे से बड़े हो सके और किसी को भी इन्हें छूने मत देना शिवाय मालिक के सहायक कहता है जी हुजूर बीरबल बोला जल्दी ही मैं इन्हें लेने आऊंगा
सहायक बोला जैसा आप चाहे हुजूर इस बीच कद्दू का बहुत अच्छी तरह ख्याल रखा गया जब बीरबल दरबार में पहुंचा अकबर बादशाह ने कहा तुम्हें जो काम दिया था उसको कुछ आगे बढ़ाया कि नहीं कई हफ्ते गुजर चुके हैं लेकिन तुम्हारी तरफ से कोई समाचार नहीं मिला
बीरबल बोला मैंने काम लगभग खत्म कर ही लिया है जहांपना अकबर बादशाह बोले मैं यह देखने के लिए बहुत ही उत्साहित हूं कि तुम घड़े को समझदारी से कैसे भरोगे बीरबल बोला जहांपना सिर्फ 2 हफ्ते और चाहिए मुझे आपका यह काम पूरा हो जाएगा हम सीलोन के राजा के दूत को 2 हफ्ते के बाद बुला सकते हैं
अकबर बादशाह बोले ठीक है बहुत बढ़िया मैं उम्मीद करता हूं कि हमारी इज्जत पर कोई दाग नहीं लगेगा बीरबल बोला ऐसा बिल्कुल नहीं होगा जहांपना 2 हफ्ते बाद सभी दरबार में इकट्ठा हुए भीड़ में बहुत सारी खुशपुशाहट और हंसी सुनाई दे रही थी
सभी दरबारियों की नजर बीरबल पर थी उसने ऐसा क्या किया है घड़े को समझदारी से भरने के लिए एक दरबारी कहता है मुझे नहीं लगता कि बीरबल इस चुनौती को पूरा कर पाया होगा दूसरा बोला मुझे भी ऐसा ही लगता है ऐसा कर पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है तीसरा बोला अरे वह बीरबल है जरूर उसने घड़े को भरने का कोई ना कोई रास्ता निकाल लिया होगा
सभी इस चुनौती और उसके परिणाम के बारे में बातें कर रहे थे तभी बीरबल और दूत अकबर बादशाह के सामने दरबार में हाजिर होते हैं बादशाह बोले समझदारी से भरे हुए घड़े को दिखाने के लिए क्या तुम तैयार हो बीरबल बोला जी हां जहांपनाह मैं तैयार हूं बीरबल ताली बजाता है सभी लोग दरवाजे की तरफ देखने लगते हैं
बीरबल का सहायक घड़े को थाली में रखकर हाजिर होता है और बीरबल के पास आकर खड़ा हो जाता है बीरबल बोला महाराज यह लीजिए आपके सामने समझदारी से भरा हुआ घड़ा आ चुका है घडा ऊपर से कपड़े में ढका हुआ था ताकि कोई देख ना सके कि अंदर क्या है
पहला दरबारी बोला यह नामुमकिन है दूसरा बोला ऐसा हो ही नहीं सकता तीसरा हां हां ऐसा कैसे हो सकता है तभी महाराज कहते हैं शांत हो जाओ बीरबल उस दूत से कहता है यह लो इसे अपने राजा के पास ले जाओ लेकिन याद रहे तुम्हें यह सारे घड़े खाली करके वापस लौटाने होंगे
वह भी बिना कुछ नुकसान पहुंचाए और अगर आप समझदारी के फल को बाहर निकालना चाहते हैं तो उसे भी कोई खरोच नहीं आनी चाहिए तो दूत कहता है क्या मैं इसे देख सकता हूं बीरबल बोला हां जरूर अब यह आप ही का है जैसे ही दूत घड़े में देखता है उसे घड़े में एक कद्दू दिखाई देता है तो चौक जाता है
वह दुत बीरबल से कहता है लेकिन यह तो तभी बीरबल बोला हमारे पास 5 घड़ी हैं और अगर आपके राजा को समझदारी चाहिए तो ले जा सकते हैं तभी दूत कहता है तुम्हारे सामने कोई खड़ा हो सकता है क्या बीरबल तुम लाखों में एक हो हम तुम से पंगा क्यों लेते हैं दूत घड़ा लेकर चला जाता है
महाराज कहते हैं बीरबल मैं बहुत ज्यादा उत्साहित हूं समझदारी के उस पल को देखने के लिए तुमने कहा था कि तुम्हारे पास पांच घड़े हैं बीरबल बोला जी जहांपना मेरे पास 5 और हैं मैं अभी आपके लिए मंगवाता हूं तभी बीरबल कहता है दूसरे खड़े भी यहां लेकर आओ
तभी सहायक कहता है जी हुजूर जैसे ही घड़ा आया अकबर बादशाह चौक जाते हैं और फिर जोर जोर से हंसने लगते हैं पूरा दरबार यह देखना चाहता था कि उस घड़े में क्या था बादशाह कहते है बिल्कुल यही है समझदारी का फल सीलोन के राजा इसे देखकर जरूर समझदार बन जाएंगे
यह कहकर महाराज जोर-जोर से हंसने लगते हैं इसके बाद मैं सभी को दरबार में घड़ा दिखाया गया और सभी ने बीरबल की बहुत तारीफ की महाराज कहते हैं बीरबल तुम ही मेरे अच्छे दरबारी हो तुम्हारे आगे सब पानी कम है यह कहकर महाराज हंसने लगते हैं
समझदारी से भरा मटका
Reviewed by Anand Singh
on
May 29, 2020
Rating:
No comments: