बेटी बेटों से कम नहीं
धरमपुरा के सरकारी अस्पताल में धर्म सिंह चिंता में खड़ा था और वह अपनी मां से कहता है मां मुझे बेटा ही होगा तभी उसकी मां कहती है हां मेरे लाल तुझे बेटा ही होगा हमारे वंश का वारिस यह कहकर मां हंसने लगती है
थोड़ी ही देर में वहां नर्स आ जाती हैं और कहती हैं मुबारक हो आपके जुड़वा बच्चे हुए हैं तभी धर्म सिंह कहता है क्या दो दो लड़के तभी नर्स कहती है नहीं-नहीं एक लड़का और एक लड़की सभी धर्म सिंह अपनी मां से कहता है अम्मा इतनी महंगाई में इस लड़की को कैसे पालन पोषण और उसकी शादी कैसे कर आऊंगा
तभी नर्स कहती है आपकी पत्नी आपको अंदर बुला रही है जैसे ही वह कमरे के अंदर जाते ही देखता है कि पदमा के पलंग में दो बच्चे है तभी पदमा कहती है देखिए जी दोनों आप पर ही गए हैं तभी धर्म सिंह पदमा से पूछता है इनमें से लड़का कौन है पदमा कहती है यह है
धर्म सिंह ने अपने बेटे को उठाया और उसे चूम लिया कुछ देर बाद पदमा कहती है यह लीजिए आप इसे भी देखिए ना इसके नैन नक्श कितने सुंदर हैं धर्म सिंह हां रहने दो यह सुनकर बेचारी पदमा का मुंह उतर जाता है कुछ दिन बाद वे दोनों बच्चों को लेकर घर पहुंच गए
धर्म सिंह की मां ने सबकी नजर उतारी अभी धर्म सिंह और पदमा अपने कमरे में चले जाते हैं धर्म सिंह अपनी बीवी को कहता है पदमा मुझे तुझसे कुछ जरूरी बात करनी है पदमा कहती है जी हां बोलिए धर्म सिंह ने कहा कि मैं इस लड़की को अपने मित्र को दे रहा हूं अब से वहीं इसका पालन पोषण होगा
तभी पदमा कहती है यह हमारी बेटी है इतना कहकर पदमा जोर जोर से रोने लगती है तभी धर्म सिंह बोला लेकिन मेरी बात समझने की कोशिश करो इतनी महंगाई के जमाने में हम दो दो बच्चों को कैसे पालेंगे ऊपर से यह लड़की है इसीलिए शादी विवाह का खर्चा कहां से लाएंगे
मेरा जो मित्र हैं उसकी कोई भी संतान नहीं है वह हमारी बेटी को बड़े ही लाड प्यार से पालेंगे अभी पदमा रोते-रोते कहती है आप जब पूरे परिवार को पाल सकते हैं तो क्या इस नन्ही सी जान को नहीं पाल सकते यह कहकर पदमा जोर जोर से रोने लगती है
धर्म सिंह कहता है पदमा मेरी बात समझो हमारी आर्थिक स्थिति बहुत खराब है हम इसे नहीं पाल पाएंगे लाओ इसे मुझे दे दो पदमा अपनी बेटी को पकड़कर रोती रही और फिर धर्म सिंह के ज्यादा जिद पर उसने रोते रोते हुए अपनी बेटी को धर्म सिंह के हवाले कर दिया
धर्म सिंह ने अपनी बेटी को अपने दोस्त रवि को दे दी जो बच्ची को पाकर बहुत खुश हुआ यहां धर्म सिंह अपने बेटे को लाड करने लगा धर्म सिंह अपने बेटे को चलाना सिखा रहा था यह देखकर पदमा अपनी बेटी के बारे में सोच कर रोने लगी जैसे जैसे धर्म और पदमा का बेटा बड़ा होता गया
वैसे-वैसे उनका लाडला भी होता गया धर्म अपने बेटे को कंधे पर बिठाकर गांव भर घुमाया करता था तभी धर्म का लड़का कहता है मुझे चॉकलेट चाहिए मुझे चॉकलेट चाहिए धर्म सिंह कहता है हां हां यह लो जब धर्म का लड़का 20 साल का हो गया था
अपने पापा से फटफटिया मांगने लगा तभी धर्म सिंह कहता है लेकिन बेटा तू तो हमारी मजबूरी जानता है तब उसका बेटा बोला मेरे सारे दोस्त के पास फटफटिया है मुझे भी चाहिए धर्म सिंह ने अपनी पत्नी के गहने गिरवी रख कर अपने बेटे को फटफटिया दिलवाई
फिर कुछ सालों बाद बेटे को प्यार करने के लिए पैसे चाहिए थे धर्म ने अपना खेत भी लाला के यहां गिरवी रख दिया धर्म ने अपने बेटे के लिए गांव में एक किराने की दुकान खोल दी जिससे उसका बेटा कुछ ना कुछ कमा ही लेता था और फिर बड़ी ही धूमधाम से उसकी शादी करवाई
लेकिन कुछ दिनों के बाद लाट साहब के तेवर और भी बदल गए धर्म का बेटा अपने बाप से झगड़ता रहता उसका बेटा कहता पापा मैंने कहा था आपसे मेरे ससुराल वालों को ताने मत दिया करो लेकिन आपको कहां मेरी बात सुनाई देती है
धर्म कहता है अरे बेटा मैं तो बस समधी जी से मजाक कर रहा था तभी उसका लड़का रहता है मजाक आप उन्हें ताने मार रहे थे धर्म बेचारा चुप हो जाता है मगर ऐसा कई दिनों तक चलता रहा और फिर एक दिन धर्म सिंह के बेटे ने अपने मां बाप को उन्हीं के घर से बाहर निकाल दिया
पदमा रोने लगी धर्म कहता है अरे बेटा यह तू क्या कर रहा है मैंने सोचा था तू मेरे बुढ़ापे का सहारा बनेगा यह कह कर रोने लगा तभी बेटा कहता है बेटा मेहनत करें और आप दोनों आराम से रोटी तोड़े ऊपर से दिन भर मैं काम करूं या आप की कच कच सुनूं जाइए जाइए आप रोना और कहीं करिए
बेटे की ऐसी कटी कटी बातें सुनकर धर्म सिंह अंदर से टूट गया पदमा ने धर्म सिंह को उठाया और वह दोनों वहां से चले गए दोनों चलकर एक मंदिर के पास पहुंचे पदमा धर्म सिंह से कहती है कि आपने सुबह से कुछ नहीं खाया कम से कम प्रसाद तो खा लीजिए
दोनों प्रसाद खाने के लिए लाइन में बैठ गए और वहां एक गुड़िया औरत प्रसाद परोसने आई और धर्म को देखकर कहती है भाई साहब आप तो धर्म सिंह है उस औरत की और देखा वह बूढ़ी औरत कहती है भाई साहब मैं आपके दोस्त रवि की पत्नी हूं
आपको याद होगा कि 25 साल पहले आपने अपनी बेटी मुझे दी थी वह देखिए आपकी बेटी आज वह एक डॉक्टर है और साथ-साथ एक वृद्ध आश्रम भी चलाती है बड़ी नैक है आपकी बेटी यह सुनकर धर्म की आंखों से आंसू बहने लगे पदमा ने अपनी बेटी को रोते हुए गले लगाया
और फिर पदमा ने अपने साथ हुई सारी घटना उसे बता दी तभी बेटी कहती है मम्मी पापा आप दोनों मुझे वापस मिल गए मुझे सारी दुनिया मिल गई और मुझे कुछ नहीं चाहिए आज से आप मेरे साथ मेरे ही घर में रहेंगे एक तरफ जहां धर्म सिंह के बेटे ने धर्म सिंह को घर से निकाल दिया
और दूसरी तरफ उसकी बेटी ने उसे अपनाया जिसे धन सिंह ने कुछ वर्षों पहले घर से निकाल दिया था इस बात से हमें यह शिक्षा मिलती है लड़कों और लड़कियों में भेदभाव नहीं करना चाहिए लड़कियां लड़कों से कम नहीं होती
थोड़ी ही देर में वहां नर्स आ जाती हैं और कहती हैं मुबारक हो आपके जुड़वा बच्चे हुए हैं तभी धर्म सिंह कहता है क्या दो दो लड़के तभी नर्स कहती है नहीं-नहीं एक लड़का और एक लड़की सभी धर्म सिंह अपनी मां से कहता है अम्मा इतनी महंगाई में इस लड़की को कैसे पालन पोषण और उसकी शादी कैसे कर आऊंगा
तभी नर्स कहती है आपकी पत्नी आपको अंदर बुला रही है जैसे ही वह कमरे के अंदर जाते ही देखता है कि पदमा के पलंग में दो बच्चे है तभी पदमा कहती है देखिए जी दोनों आप पर ही गए हैं तभी धर्म सिंह पदमा से पूछता है इनमें से लड़का कौन है पदमा कहती है यह है
बेटी बेटों से कम नहीं moral story
धर्म सिंह ने अपने बेटे को उठाया और उसे चूम लिया कुछ देर बाद पदमा कहती है यह लीजिए आप इसे भी देखिए ना इसके नैन नक्श कितने सुंदर हैं धर्म सिंह हां रहने दो यह सुनकर बेचारी पदमा का मुंह उतर जाता है कुछ दिन बाद वे दोनों बच्चों को लेकर घर पहुंच गए
धर्म सिंह की मां ने सबकी नजर उतारी अभी धर्म सिंह और पदमा अपने कमरे में चले जाते हैं धर्म सिंह अपनी बीवी को कहता है पदमा मुझे तुझसे कुछ जरूरी बात करनी है पदमा कहती है जी हां बोलिए धर्म सिंह ने कहा कि मैं इस लड़की को अपने मित्र को दे रहा हूं अब से वहीं इसका पालन पोषण होगा
तभी पदमा कहती है यह हमारी बेटी है इतना कहकर पदमा जोर जोर से रोने लगती है तभी धर्म सिंह बोला लेकिन मेरी बात समझने की कोशिश करो इतनी महंगाई के जमाने में हम दो दो बच्चों को कैसे पालेंगे ऊपर से यह लड़की है इसीलिए शादी विवाह का खर्चा कहां से लाएंगे
मेरा जो मित्र हैं उसकी कोई भी संतान नहीं है वह हमारी बेटी को बड़े ही लाड प्यार से पालेंगे अभी पदमा रोते-रोते कहती है आप जब पूरे परिवार को पाल सकते हैं तो क्या इस नन्ही सी जान को नहीं पाल सकते यह कहकर पदमा जोर जोर से रोने लगती है
धर्म सिंह कहता है पदमा मेरी बात समझो हमारी आर्थिक स्थिति बहुत खराब है हम इसे नहीं पाल पाएंगे लाओ इसे मुझे दे दो पदमा अपनी बेटी को पकड़कर रोती रही और फिर धर्म सिंह के ज्यादा जिद पर उसने रोते रोते हुए अपनी बेटी को धर्म सिंह के हवाले कर दिया
धर्म सिंह ने अपनी बेटी को अपने दोस्त रवि को दे दी जो बच्ची को पाकर बहुत खुश हुआ यहां धर्म सिंह अपने बेटे को लाड करने लगा धर्म सिंह अपने बेटे को चलाना सिखा रहा था यह देखकर पदमा अपनी बेटी के बारे में सोच कर रोने लगी जैसे जैसे धर्म और पदमा का बेटा बड़ा होता गया
वैसे-वैसे उनका लाडला भी होता गया धर्म अपने बेटे को कंधे पर बिठाकर गांव भर घुमाया करता था तभी धर्म का लड़का कहता है मुझे चॉकलेट चाहिए मुझे चॉकलेट चाहिए धर्म सिंह कहता है हां हां यह लो जब धर्म का लड़का 20 साल का हो गया था
अपने पापा से फटफटिया मांगने लगा तभी धर्म सिंह कहता है लेकिन बेटा तू तो हमारी मजबूरी जानता है तब उसका बेटा बोला मेरे सारे दोस्त के पास फटफटिया है मुझे भी चाहिए धर्म सिंह ने अपनी पत्नी के गहने गिरवी रख कर अपने बेटे को फटफटिया दिलवाई
फिर कुछ सालों बाद बेटे को प्यार करने के लिए पैसे चाहिए थे धर्म ने अपना खेत भी लाला के यहां गिरवी रख दिया धर्म ने अपने बेटे के लिए गांव में एक किराने की दुकान खोल दी जिससे उसका बेटा कुछ ना कुछ कमा ही लेता था और फिर बड़ी ही धूमधाम से उसकी शादी करवाई
लेकिन कुछ दिनों के बाद लाट साहब के तेवर और भी बदल गए धर्म का बेटा अपने बाप से झगड़ता रहता उसका बेटा कहता पापा मैंने कहा था आपसे मेरे ससुराल वालों को ताने मत दिया करो लेकिन आपको कहां मेरी बात सुनाई देती है
धर्म कहता है अरे बेटा मैं तो बस समधी जी से मजाक कर रहा था तभी उसका लड़का रहता है मजाक आप उन्हें ताने मार रहे थे धर्म बेचारा चुप हो जाता है मगर ऐसा कई दिनों तक चलता रहा और फिर एक दिन धर्म सिंह के बेटे ने अपने मां बाप को उन्हीं के घर से बाहर निकाल दिया
पदमा रोने लगी धर्म कहता है अरे बेटा यह तू क्या कर रहा है मैंने सोचा था तू मेरे बुढ़ापे का सहारा बनेगा यह कह कर रोने लगा तभी बेटा कहता है बेटा मेहनत करें और आप दोनों आराम से रोटी तोड़े ऊपर से दिन भर मैं काम करूं या आप की कच कच सुनूं जाइए जाइए आप रोना और कहीं करिए
बेटे की ऐसी कटी कटी बातें सुनकर धर्म सिंह अंदर से टूट गया पदमा ने धर्म सिंह को उठाया और वह दोनों वहां से चले गए दोनों चलकर एक मंदिर के पास पहुंचे पदमा धर्म सिंह से कहती है कि आपने सुबह से कुछ नहीं खाया कम से कम प्रसाद तो खा लीजिए
दोनों प्रसाद खाने के लिए लाइन में बैठ गए और वहां एक गुड़िया औरत प्रसाद परोसने आई और धर्म को देखकर कहती है भाई साहब आप तो धर्म सिंह है उस औरत की और देखा वह बूढ़ी औरत कहती है भाई साहब मैं आपके दोस्त रवि की पत्नी हूं
आपको याद होगा कि 25 साल पहले आपने अपनी बेटी मुझे दी थी वह देखिए आपकी बेटी आज वह एक डॉक्टर है और साथ-साथ एक वृद्ध आश्रम भी चलाती है बड़ी नैक है आपकी बेटी यह सुनकर धर्म की आंखों से आंसू बहने लगे पदमा ने अपनी बेटी को रोते हुए गले लगाया
और फिर पदमा ने अपने साथ हुई सारी घटना उसे बता दी तभी बेटी कहती है मम्मी पापा आप दोनों मुझे वापस मिल गए मुझे सारी दुनिया मिल गई और मुझे कुछ नहीं चाहिए आज से आप मेरे साथ मेरे ही घर में रहेंगे एक तरफ जहां धर्म सिंह के बेटे ने धर्म सिंह को घर से निकाल दिया
और दूसरी तरफ उसकी बेटी ने उसे अपनाया जिसे धन सिंह ने कुछ वर्षों पहले घर से निकाल दिया था इस बात से हमें यह शिक्षा मिलती है लड़कों और लड़कियों में भेदभाव नहीं करना चाहिए लड़कियां लड़कों से कम नहीं होती
बेटी बेटों से कम नहीं
Reviewed by Anand Singh
on
May 14, 2020
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