कुछ और पदमावत रानी
एक बार कि बात है कि एक गांव में राजा का लड़का और एक किसान का लड़का रहता था दोनों में बहुत गैहरी मित्रता थी वो दोनों एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते थे ये बात से राजा को बहुत चिंता होती थी वो सोचते थे की मेरे जाने के बाद मेरा राज पाठ कोन और कैसे चलाएगा
फिर एक दिन राजा ने सोचा क्यों ना इन दोनों में फूट डलवाया जाए राजा ने फिर अपने मंत्री को आदेश दिया और कहा कि जाओ कुटनी को पेश करो फिर मंत्री ने सिपाही को भेजकर कूटनी को राजा के सामने पेस किया फिर राजा ने कूटनी से पूछा
ये बताओ तुम क्या कर सकती हो फिर कुटनि ने कहा कि मै आकाश में उड़ती चिड़िया को हल्दी लगा सकती हूं तो राजा ने कहा कि तुम्हारा कोई काम नहीं है तुम जा सकती हो फिर राजा ने कहा दूसरी कूटनी को पेश किया जाए फिर दूसरी कूटनी आई
और राजा ने उससे पूछा अच्छा ये बताओ तुम क्या कर सकती हो कूटनी बोली कि मै आकाश में चक्ती लगा सकती हूं राजा ने कहा तुम्हारा भी कोई काम नहीं है फिर राजा ने तीसरी कूटनी को बुलवाया और उसे पूछा कि तुम बताओ क्या कर सकती हो
कूटनी बोली कि मै पति पत्नी में झगडा लगवा सकती हूं फिर राजा ने तीसरी कूटनी को रोक लिया और सबको वापस भेज दिया फिर राजा ने तीसरी कूटनी को कहा कि तुम्हे मेरे लडके और किसान के लडके में फूट डलवानी है तो कूटनी बोली ठकी है
फिर कूटनी ने राजा से कहा कि हुजूर मुझे कुछ चीजों की जरूरत पड़ेगी फिर राजा ने कहा कि ठीक है तुम्हे जो कुछ चाहिए वो सब मिल जाएगा फिर कूटनी ने कहा कि मुझे एक डोली और दुल्हन का सिंगार और चार कहांर चाहिए राजा ने मंत्री से कहा कि कूटनी को सारा समान दिया जाए
कूटनी ने फिर मंत्री से पूछा हुजर ये बताइए कि राजा का लड़का और किसान का लड़का सबसे जादा समय कहां बिताते है तो मंत्री ने कहा कि गांवों के बगीचे में एक बरगद का पेड़ है उसी के नीचे दोनों घंटो बैठकर बात चीत करते है इतना सुनकर कूटनी वहां से चली गई
फिर अगले दिन कूटनी दुल्हन का सिंगार करके डोली में बैठ गई और कहांर से बोली कि मुझे गांवों के बगीचे के उसी बरगद के पेड़ से कुछ दूर रखकर तुम सब छुप जाना फिर कहांर ने डोली उठी और उसी पेड़ के कुछ दूर पर रखकर छुप गए
कुछ देर के बाद दोनों दोस्त वहां पहुंचे दोनों को आता देख कूटनी ने डोली से हांथ निकाला और इसरे से बुलाया दोनो ने जब डोली कि तरफ देखा तो दोनों एक दुसरे को कहने लगे कि दोस्त ओ तुम्हे बुला रही है दूसरे ने कहा कि नहीं दोस्त ओ तुम्हे बुला रही है
आखिरकार किसान का लड़का गया कूटनी ने उसकी गर्दन पकड़ी और डोली के अंदर खींच लिया और कुछ देर के बाद छोड़ दिया और फिर कहांर आए और डोली को लेकर चले गए किसान का लड़का अपने दोस्त के पास गया तो राजा के लडके ने अपने दोस्त से पूछा
दोस्त ये बताओ वो क्या बोली किसान के लडके ने कहा दोस्त कुछ नहीं बोली तो उसके दोस्त ने कहा नहीं कुछ तो जरूर बोली होगी नहीं दोस्त कुछ नहीं बोली फिर इसी बात को लेकर दोनों दोस्त में बहेस होने लगी
बहेश होते होते राजा के लडके ने कहा ठीक है आज से हमारी तुम्हारी दोस्ती ख़तम तुम अपने रास्ते मै अपने रास्ते फिर किसान के लडके ने कहा ठीक है यही से उन दोनों की दोस्ती टूट जाती है कुछ दिन के बाद राजा की तबीयत खराब होने के कारण राजा कि मित्त्यू हो जाती है
राजा की मित्त्यू के बाद सारा राज पाठ कि जीमेदरी लडके पर आ जाती है इधर किसान के घर गरीबी होने के करण ओ पैसे कमाने के लिए शहर की ओर चल पड़ता हैं और सोचता है कि क्यों ना शहर जाने से पहले अपने दोस्त से मिल लेता हूं
फिर ओ अपने दोस्त से मिलने जाता है और दोस्त से मिलने के बाद राम राम करता है और दोस्त से कहता है कि दोस्त मै शहर जा रहा हूं वहां से लौटते वक्त क्या लेकर आऊ तब उसका दोस्त कहता है कि कुछ लेते आना तब वो केहता की ठीक है और चला जाता है
कुछ दिनों के बाद जो गरीब का लड़का शहर से लौटते वक्त वो सोचता है कि मेरे दोस्त ने कुछ मंगाया था फिर वो बाजार जाता है कुछ खरीदने के लिए एक दुकानदार से पूछता है कि कुछ है दुकानदार अपनी दुकान की सभी चीजों के बारे में बताता है
तब वो लड़का कहता है कि मुझे कुछ चाहिए इतना कहकर वो दूसरी दुकान पर चला जाता है उस दुकानदार से भी वो पूछता है कि कुछ है तब दुकान कहता है हां कुछ है उस दुकान में एक कुछ नाम कि चिड़िया थी तब लड़का पूछता है कि ये कुछ कितने का है
दुकानदार कहता है कि ये कुछ 500 रुपए का है लड़का कहता है कि ये कुछ बहुत मैहंगा है तब दुकानदार कहता है कि ये अभी छोटा है जब को बढ़ा हो जाएगा तब वो दो सवारी बैठकर उड़ सकता है तब को दुकानदार को 500 रुपए देकर कुछ को लेकर चल देता है
जब वो कुछ को लेकर अपने गावों अपने दोस्त के पास जाता हैं और कुछ को अपने दोस्त को से देता हैफिर उसका दोस्त पूछता है कि ये कुछ कितने का है तब उसका दोस्त कैहता है कि ये कुछ 500रुपए का है और ये अभी छोटा है लेकिन जब वो बड़ा हो जायेगा तो दो सवारी को लेकर उड़ सकता है
फिर उसका दोस्त अपने दोस्त को 500 रुपए देकर भेज देता है फिर राजा का लड़का कुछ को पिंजरे में रख देता है कुछ दिन के बाद कुछ बड़ा हो जाता है एक दिन उसकी बीबी कुछ से पूछती है कि मुझसे सुंदर को है कोच कहता है कि आप सबसे सुंदर है
लेकिन उसकी बीबी कुछ से रोज पूछती है एक दिन कुछ गुस्से में कहता है कि आप से सुंदर तो पदमावत रानी है ये बात सुनते ही रानी को गुस्सा आ जाता है और वो कुछ को मारने के लिए पिंजरे खोलती है जैसे ही वो पिंजरा खोलती है कुछ उड़ कर छत पर बैठ जाता है
थोड़ी देर बाद जब राजा लौट कर आता है कुछ को छत पे बैठा देख कुछ से पूछता है कुछ राजा को सारी बात बताता है तब राजा कहते है कि मुझे पदमावत रानी के पास ले चलो तब कुछ कहता है कि ठीक है लेकिन आपके शरीर पर सोने का कोई आभूषणना हो
राजा कहते है कि ठीक है फिर कुछ राजा को लेकर उड़ जाता है लेकिन पदमावत रानी के महल में सख्त पेहरा होता है और उसका डेली वजन होता है रानी का वजन एक फूल के बराबर होता है रानी के महल से कुछ दूर एक पीपल का पेड़ होता है
उसी पीपल के पेड़ पर कुछ राजा को लेकर पहुंचता है दोनों उसी पेड़ पर रहते है कुछ राजा से कहता है कि अगर कोई दिक्कत हो तो मुझे तीन बात आवाज लगाना कुछ कुछ कुछ और मै आजाऊंगा इतना केहके कुछ भोजन की तलाश में चला जाता है
करते करते दो तीन दिन बीत जाते है एक दिन राजा कुछ से कहते है कि मुझे रानी के पास ले चलो कुछ कहता है कि ठीक है रात को चालेंगे जब रात हुई तो कुछ ने राजा को बिठाया और लेकर उड़ गया और रानी के महल की छत पे उतार दिया
पदमावत रानी छत पर ही सो रही थी राजा उसे पूरी रात देखते रहे देखते देखते सुबह होने लगी तभी कुछ ने आवाज लगाई राजाजी सुबह हो रही है फिर कुछ राजा को लेकर उसी पेड़ पर लेकर पहुंच जाता है जब सुबह रानी का वजन होता है
तो पूरे बगीचे के फूल आ जाते है लेकिन रानी का वजन पूरा नहीं होता तभी रानी के पिता को शक हो जाता है तभी वी पूरे गांव में डुग्गी बाजवा देते है कि कोई भी गेरुवा वस्त्र नहीं पहनेगा को भी गेरुवा वस्त्र पहना हुआ मिलता है तो उसको और उसके पूरे परिवार को फांसी से दी जाएगी
और रानी के पिताजी अपनी लड़की के पलंग के चारो तरफ गेरू लगवा देते है करते करते दो चार दिन बीत जाते है एक दिन राजा कुछ से ये कहता है कि मुझे पदमावत रानी की पास ले चलो
फिर कुछ कहता है ठीक है और जब रात होती है तो कुछ राजा को लेकर रानी के छत पर पहुंच जाता है फिर राजा थोड़ी देर खड़ा रहता है तत्पश्चात रानी का चादर खींच देता है जिसकी वजह से रानी चौक जाती है
जैसे ही रानी कि नजर राजा पर पड़ती है राजा की सुंदरता देखकर रानी मोहित हो जाती है और राजा को अपने पलंग पर बैठा लेती है
और बात करते करते सुबह हो जाती है तभी कुछ आवाज आवाज लगता है कि सुबह हो गई चलना नहीं है तो राजा जैसे ही चलने के लिए तैयार होता है तभी रानी कहती है आपके कपड़े पर गेरू लग गया है सुबह आप पकड़े जाओगे और आपको फांसी हो जाएगी
तब रानी उसे दूसरे कपड़े पहनने को देती है और कहती है ये गंदे कपड़े धोबी को धोने के लिए से देना इतना होना के बाद कुछ राजा को लेकर उसी पेड़ पर चला जाता है और वो कपड़ा राजा उसी गंव के एक धोबी को दे देता है
अगले दिन रानी कि पिता अपने गांव में एक बहुत बड़ा फंक्शन करते है जिसमें वो पूरे गांव को आमंत्रण देते है और साथ में ये बात भी अनाउंस करते है कि कोई भी व्यक्ति गेरू वस्त्र पहन कर ना आए
जब उस दावत का समय होता है तब वो धोबी सोचता है कि राजा ने इतनी बड़ी दावत रखी है और मेरे पास कोई अच्छे वस्त्र नहीं है क्यों ना मै राजा के कपड़े ही पहन कर चला जाऊं
तत्पश्चात वो राजा के कपड़े पहन कर दावत मै चला जाता है राजा के सिपाही ऐसे ही किसी मौके के तलाश में थे कि किसी के कपड़े पर गेरू लगा मिल जाए
संयोगवश वो धोबी पड़ा जाता है तो सिपाही उस धोबी को राजा के सामने पेश करते है तब राजा उससे पूछता है कि ये वस्त्र तुम्हारे पास कैसे आए तब वो धोबी राजा से कहता है मेरे पास कोई सख्श आया था देखने में वो बिल्कुल राजा महाराजाओं कि तरह लग रहा था
उसने ये कपड़े मुझे धोने के लिए दिए थे और मेरे पास अच्छे कपडे ना होने के कारण मै वहीं कपड़े पहन कर चला आया तभी राजा ने धोबी से पूछा कि वो कपडे लेने कब आएगा धोबी ने कहा कि वो कल आएगा
जवाब मिलने के बाद राजा ने धोंबी को वापस भेज दिया और राजा ने अपने सिपाहियों से धोबी के घर के चारो तरफ पहरा लगाने को कहा अगले दिन ही जैसे ही राजा अपने कपडे लेने पहुंचा सिपाहियों ने उसे पकड़ कर राजा के सामने पेश किया राजा ने उससे बिना कुछ पूछे फांसी का हुक्म सुना दिया
और जल्लाद को आदेश देते है कि इसे फांसी पर लटकदिया जाए तभी जल्लाद उसे फांसी के लिए के जाते है ओर उसी पेड़ के नीचे फांसी दी जाती है जिस पेड़ के ऊपर राजा ओर कुछ रहते थे जब जल्लाद राजा को लेकर उस पेड़ के नीचे पहुंचते और राजा से पूछते है कि आपकी अंतिम इच्छा क्या है
तभी राजा कहते है कि मैने इस पेड़ के ऊपर इए पोटली बांध कर रखी है उसमे कुछ हीरे जेवरात रखे है और मेरे मरने के बाद वो किसी काम के नहीं रहेंगे तो मै ये सोच रहा हूं कि लाकर तुम्हे दे तभी एक जल्लाद बोलता है कि ये झूट बोल रहा है
कोई पेड़ के ऊपर हीरे जेवरात रखता है तो दूसरा बोल कोई बात नहीं इसे जाने दो उसकी अंतिम इच्छा पूरी कर दो वैसे भी पेड़ के ऊपर से भाग पाएगा नहीं आयेगा तो नीचे ही तभी जल्लाद उसे पेड़ पर भेजदेते है
राजा पेड़ पर चड़कर थीं बार आवाज लगता है कुछ कुछ कुछ और कुछ आ जाता है और राजा को लेकर उड़ जाता काफी देर हो जाती है जल्लाद आपस में विचार करते है कि अभी तक वो पेड़ से नीचे क्यों नहीं आया और एक जल्लाद को ऊपर भेजते है
लेकिन जब वो जल्लाद ऊपर जाकर देखता है तो उसे आश्चर्य होता है कि अचानक वो पेड़ से गायब कैसे हो गया और वो नीचे आ जाता है और सबको बताता है सब घबरा जाते है और कहते है कि जल्दी से चलो कि जानवर को मर कर उस का कलेजा लिकाल कर राजा को दो नहीं तो राजा हमें जिंदा नहीं छोड़ेंगे
जब कुछ राजा को लेकर कुछ दूर चला जाता है तो राजा कुछ से कहते है कि चलो वापस चलो रानी को भी ले चलते है तभी कुछ राजा को लेकर उसी पेड़ के ऊपर आता है ओर जब रात हो जाती है तो कुछ राजा को लेकर रानी के पास आता है और राजा से कहता है कि रानी से केह देना कि कोई भी सोने ये जेवरात ना पहनें कुछ ही देर में कुछ राजा और रानी को लेकर अपने वतन के लिए चल देता है और चारो लोग खुशी खुशी रहने लगते है और पहली रानी को अपनी सुन्दरता का घमंड भी टूट जाता है।
फिर एक दिन राजा ने सोचा क्यों ना इन दोनों में फूट डलवाया जाए राजा ने फिर अपने मंत्री को आदेश दिया और कहा कि जाओ कुटनी को पेश करो फिर मंत्री ने सिपाही को भेजकर कूटनी को राजा के सामने पेस किया फिर राजा ने कूटनी से पूछा
ये बताओ तुम क्या कर सकती हो फिर कुटनि ने कहा कि मै आकाश में उड़ती चिड़िया को हल्दी लगा सकती हूं तो राजा ने कहा कि तुम्हारा कोई काम नहीं है तुम जा सकती हो फिर राजा ने कहा दूसरी कूटनी को पेश किया जाए फिर दूसरी कूटनी आई
कुछ और पदमावत रानी Hindi Story
और राजा ने उससे पूछा अच्छा ये बताओ तुम क्या कर सकती हो कूटनी बोली कि मै आकाश में चक्ती लगा सकती हूं राजा ने कहा तुम्हारा भी कोई काम नहीं है फिर राजा ने तीसरी कूटनी को बुलवाया और उसे पूछा कि तुम बताओ क्या कर सकती हो
कूटनी बोली कि मै पति पत्नी में झगडा लगवा सकती हूं फिर राजा ने तीसरी कूटनी को रोक लिया और सबको वापस भेज दिया फिर राजा ने तीसरी कूटनी को कहा कि तुम्हे मेरे लडके और किसान के लडके में फूट डलवानी है तो कूटनी बोली ठकी है
फिर कूटनी ने राजा से कहा कि हुजूर मुझे कुछ चीजों की जरूरत पड़ेगी फिर राजा ने कहा कि ठीक है तुम्हे जो कुछ चाहिए वो सब मिल जाएगा फिर कूटनी ने कहा कि मुझे एक डोली और दुल्हन का सिंगार और चार कहांर चाहिए राजा ने मंत्री से कहा कि कूटनी को सारा समान दिया जाए
कूटनी ने फिर मंत्री से पूछा हुजर ये बताइए कि राजा का लड़का और किसान का लड़का सबसे जादा समय कहां बिताते है तो मंत्री ने कहा कि गांवों के बगीचे में एक बरगद का पेड़ है उसी के नीचे दोनों घंटो बैठकर बात चीत करते है इतना सुनकर कूटनी वहां से चली गई
फिर अगले दिन कूटनी दुल्हन का सिंगार करके डोली में बैठ गई और कहांर से बोली कि मुझे गांवों के बगीचे के उसी बरगद के पेड़ से कुछ दूर रखकर तुम सब छुप जाना फिर कहांर ने डोली उठी और उसी पेड़ के कुछ दूर पर रखकर छुप गए
कुछ देर के बाद दोनों दोस्त वहां पहुंचे दोनों को आता देख कूटनी ने डोली से हांथ निकाला और इसरे से बुलाया दोनो ने जब डोली कि तरफ देखा तो दोनों एक दुसरे को कहने लगे कि दोस्त ओ तुम्हे बुला रही है दूसरे ने कहा कि नहीं दोस्त ओ तुम्हे बुला रही है
आखिरकार किसान का लड़का गया कूटनी ने उसकी गर्दन पकड़ी और डोली के अंदर खींच लिया और कुछ देर के बाद छोड़ दिया और फिर कहांर आए और डोली को लेकर चले गए किसान का लड़का अपने दोस्त के पास गया तो राजा के लडके ने अपने दोस्त से पूछा
दोस्त ये बताओ वो क्या बोली किसान के लडके ने कहा दोस्त कुछ नहीं बोली तो उसके दोस्त ने कहा नहीं कुछ तो जरूर बोली होगी नहीं दोस्त कुछ नहीं बोली फिर इसी बात को लेकर दोनों दोस्त में बहेस होने लगी
बहेश होते होते राजा के लडके ने कहा ठीक है आज से हमारी तुम्हारी दोस्ती ख़तम तुम अपने रास्ते मै अपने रास्ते फिर किसान के लडके ने कहा ठीक है यही से उन दोनों की दोस्ती टूट जाती है कुछ दिन के बाद राजा की तबीयत खराब होने के कारण राजा कि मित्त्यू हो जाती है
राजा की मित्त्यू के बाद सारा राज पाठ कि जीमेदरी लडके पर आ जाती है इधर किसान के घर गरीबी होने के करण ओ पैसे कमाने के लिए शहर की ओर चल पड़ता हैं और सोचता है कि क्यों ना शहर जाने से पहले अपने दोस्त से मिल लेता हूं
फिर ओ अपने दोस्त से मिलने जाता है और दोस्त से मिलने के बाद राम राम करता है और दोस्त से कहता है कि दोस्त मै शहर जा रहा हूं वहां से लौटते वक्त क्या लेकर आऊ तब उसका दोस्त कहता है कि कुछ लेते आना तब वो केहता की ठीक है और चला जाता है
कुछ दिनों के बाद जो गरीब का लड़का शहर से लौटते वक्त वो सोचता है कि मेरे दोस्त ने कुछ मंगाया था फिर वो बाजार जाता है कुछ खरीदने के लिए एक दुकानदार से पूछता है कि कुछ है दुकानदार अपनी दुकान की सभी चीजों के बारे में बताता है
तब वो लड़का कहता है कि मुझे कुछ चाहिए इतना कहकर वो दूसरी दुकान पर चला जाता है उस दुकानदार से भी वो पूछता है कि कुछ है तब दुकान कहता है हां कुछ है उस दुकान में एक कुछ नाम कि चिड़िया थी तब लड़का पूछता है कि ये कुछ कितने का है
दुकानदार कहता है कि ये कुछ 500 रुपए का है लड़का कहता है कि ये कुछ बहुत मैहंगा है तब दुकानदार कहता है कि ये अभी छोटा है जब को बढ़ा हो जाएगा तब वो दो सवारी बैठकर उड़ सकता है तब को दुकानदार को 500 रुपए देकर कुछ को लेकर चल देता है
जब वो कुछ को लेकर अपने गावों अपने दोस्त के पास जाता हैं और कुछ को अपने दोस्त को से देता हैफिर उसका दोस्त पूछता है कि ये कुछ कितने का है तब उसका दोस्त कैहता है कि ये कुछ 500रुपए का है और ये अभी छोटा है लेकिन जब वो बड़ा हो जायेगा तो दो सवारी को लेकर उड़ सकता है
फिर उसका दोस्त अपने दोस्त को 500 रुपए देकर भेज देता है फिर राजा का लड़का कुछ को पिंजरे में रख देता है कुछ दिन के बाद कुछ बड़ा हो जाता है एक दिन उसकी बीबी कुछ से पूछती है कि मुझसे सुंदर को है कोच कहता है कि आप सबसे सुंदर है
लेकिन उसकी बीबी कुछ से रोज पूछती है एक दिन कुछ गुस्से में कहता है कि आप से सुंदर तो पदमावत रानी है ये बात सुनते ही रानी को गुस्सा आ जाता है और वो कुछ को मारने के लिए पिंजरे खोलती है जैसे ही वो पिंजरा खोलती है कुछ उड़ कर छत पर बैठ जाता है
थोड़ी देर बाद जब राजा लौट कर आता है कुछ को छत पे बैठा देख कुछ से पूछता है कुछ राजा को सारी बात बताता है तब राजा कहते है कि मुझे पदमावत रानी के पास ले चलो तब कुछ कहता है कि ठीक है लेकिन आपके शरीर पर सोने का कोई आभूषणना हो
राजा कहते है कि ठीक है फिर कुछ राजा को लेकर उड़ जाता है लेकिन पदमावत रानी के महल में सख्त पेहरा होता है और उसका डेली वजन होता है रानी का वजन एक फूल के बराबर होता है रानी के महल से कुछ दूर एक पीपल का पेड़ होता है
उसी पीपल के पेड़ पर कुछ राजा को लेकर पहुंचता है दोनों उसी पेड़ पर रहते है कुछ राजा से कहता है कि अगर कोई दिक्कत हो तो मुझे तीन बात आवाज लगाना कुछ कुछ कुछ और मै आजाऊंगा इतना केहके कुछ भोजन की तलाश में चला जाता है
करते करते दो तीन दिन बीत जाते है एक दिन राजा कुछ से कहते है कि मुझे रानी के पास ले चलो कुछ कहता है कि ठीक है रात को चालेंगे जब रात हुई तो कुछ ने राजा को बिठाया और लेकर उड़ गया और रानी के महल की छत पे उतार दिया
पदमावत रानी छत पर ही सो रही थी राजा उसे पूरी रात देखते रहे देखते देखते सुबह होने लगी तभी कुछ ने आवाज लगाई राजाजी सुबह हो रही है फिर कुछ राजा को लेकर उसी पेड़ पर लेकर पहुंच जाता है जब सुबह रानी का वजन होता है
तो पूरे बगीचे के फूल आ जाते है लेकिन रानी का वजन पूरा नहीं होता तभी रानी के पिता को शक हो जाता है तभी वी पूरे गांव में डुग्गी बाजवा देते है कि कोई भी गेरुवा वस्त्र नहीं पहनेगा को भी गेरुवा वस्त्र पहना हुआ मिलता है तो उसको और उसके पूरे परिवार को फांसी से दी जाएगी
और रानी के पिताजी अपनी लड़की के पलंग के चारो तरफ गेरू लगवा देते है करते करते दो चार दिन बीत जाते है एक दिन राजा कुछ से ये कहता है कि मुझे पदमावत रानी की पास ले चलो
फिर कुछ कहता है ठीक है और जब रात होती है तो कुछ राजा को लेकर रानी के छत पर पहुंच जाता है फिर राजा थोड़ी देर खड़ा रहता है तत्पश्चात रानी का चादर खींच देता है जिसकी वजह से रानी चौक जाती है
जैसे ही रानी कि नजर राजा पर पड़ती है राजा की सुंदरता देखकर रानी मोहित हो जाती है और राजा को अपने पलंग पर बैठा लेती है
और बात करते करते सुबह हो जाती है तभी कुछ आवाज आवाज लगता है कि सुबह हो गई चलना नहीं है तो राजा जैसे ही चलने के लिए तैयार होता है तभी रानी कहती है आपके कपड़े पर गेरू लग गया है सुबह आप पकड़े जाओगे और आपको फांसी हो जाएगी
तब रानी उसे दूसरे कपड़े पहनने को देती है और कहती है ये गंदे कपड़े धोबी को धोने के लिए से देना इतना होना के बाद कुछ राजा को लेकर उसी पेड़ पर चला जाता है और वो कपड़ा राजा उसी गंव के एक धोबी को दे देता है
अगले दिन रानी कि पिता अपने गांव में एक बहुत बड़ा फंक्शन करते है जिसमें वो पूरे गांव को आमंत्रण देते है और साथ में ये बात भी अनाउंस करते है कि कोई भी व्यक्ति गेरू वस्त्र पहन कर ना आए
जब उस दावत का समय होता है तब वो धोबी सोचता है कि राजा ने इतनी बड़ी दावत रखी है और मेरे पास कोई अच्छे वस्त्र नहीं है क्यों ना मै राजा के कपड़े ही पहन कर चला जाऊं
तत्पश्चात वो राजा के कपड़े पहन कर दावत मै चला जाता है राजा के सिपाही ऐसे ही किसी मौके के तलाश में थे कि किसी के कपड़े पर गेरू लगा मिल जाए
संयोगवश वो धोबी पड़ा जाता है तो सिपाही उस धोबी को राजा के सामने पेश करते है तब राजा उससे पूछता है कि ये वस्त्र तुम्हारे पास कैसे आए तब वो धोबी राजा से कहता है मेरे पास कोई सख्श आया था देखने में वो बिल्कुल राजा महाराजाओं कि तरह लग रहा था
उसने ये कपड़े मुझे धोने के लिए दिए थे और मेरे पास अच्छे कपडे ना होने के कारण मै वहीं कपड़े पहन कर चला आया तभी राजा ने धोबी से पूछा कि वो कपडे लेने कब आएगा धोबी ने कहा कि वो कल आएगा
जवाब मिलने के बाद राजा ने धोंबी को वापस भेज दिया और राजा ने अपने सिपाहियों से धोबी के घर के चारो तरफ पहरा लगाने को कहा अगले दिन ही जैसे ही राजा अपने कपडे लेने पहुंचा सिपाहियों ने उसे पकड़ कर राजा के सामने पेश किया राजा ने उससे बिना कुछ पूछे फांसी का हुक्म सुना दिया
और जल्लाद को आदेश देते है कि इसे फांसी पर लटकदिया जाए तभी जल्लाद उसे फांसी के लिए के जाते है ओर उसी पेड़ के नीचे फांसी दी जाती है जिस पेड़ के ऊपर राजा ओर कुछ रहते थे जब जल्लाद राजा को लेकर उस पेड़ के नीचे पहुंचते और राजा से पूछते है कि आपकी अंतिम इच्छा क्या है
तभी राजा कहते है कि मैने इस पेड़ के ऊपर इए पोटली बांध कर रखी है उसमे कुछ हीरे जेवरात रखे है और मेरे मरने के बाद वो किसी काम के नहीं रहेंगे तो मै ये सोच रहा हूं कि लाकर तुम्हे दे तभी एक जल्लाद बोलता है कि ये झूट बोल रहा है
कोई पेड़ के ऊपर हीरे जेवरात रखता है तो दूसरा बोल कोई बात नहीं इसे जाने दो उसकी अंतिम इच्छा पूरी कर दो वैसे भी पेड़ के ऊपर से भाग पाएगा नहीं आयेगा तो नीचे ही तभी जल्लाद उसे पेड़ पर भेजदेते है
राजा पेड़ पर चड़कर थीं बार आवाज लगता है कुछ कुछ कुछ और कुछ आ जाता है और राजा को लेकर उड़ जाता काफी देर हो जाती है जल्लाद आपस में विचार करते है कि अभी तक वो पेड़ से नीचे क्यों नहीं आया और एक जल्लाद को ऊपर भेजते है
लेकिन जब वो जल्लाद ऊपर जाकर देखता है तो उसे आश्चर्य होता है कि अचानक वो पेड़ से गायब कैसे हो गया और वो नीचे आ जाता है और सबको बताता है सब घबरा जाते है और कहते है कि जल्दी से चलो कि जानवर को मर कर उस का कलेजा लिकाल कर राजा को दो नहीं तो राजा हमें जिंदा नहीं छोड़ेंगे
जब कुछ राजा को लेकर कुछ दूर चला जाता है तो राजा कुछ से कहते है कि चलो वापस चलो रानी को भी ले चलते है तभी कुछ राजा को लेकर उसी पेड़ के ऊपर आता है ओर जब रात हो जाती है तो कुछ राजा को लेकर रानी के पास आता है और राजा से कहता है कि रानी से केह देना कि कोई भी सोने ये जेवरात ना पहनें कुछ ही देर में कुछ राजा और रानी को लेकर अपने वतन के लिए चल देता है और चारो लोग खुशी खुशी रहने लगते है और पहली रानी को अपनी सुन्दरता का घमंड भी टूट जाता है।
कुछ और पदमावत रानी
Reviewed by Anand Singh
on
May 04, 2020
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