पति - पत्नी और आशिक
एक लड़का अपनी शादी करके अपने घर आता है उसका नाम तरुण था और उसकी बीवी का नाम अंजू था तरुण की मां पूरे रीति-रिवाज से अंदर लेकर आती है जैसे ही अंजू अपना पहला कदम घर में रखती है तभी अचानक एक गोली चलती है और अरुण के हाथ पर लग जाती है
यह देखकर सब हैरान रह जाते हैं और तरुण का इलाज कराते हैं और पुलिस स्टेशन में कंप्लेंट करते हैं जब पुलिस आती है तो उसके घर वालों से पूछताछ करती है उस घर में तरुण का भाई और भाभी और एक बहन रहती थी और उनकी बहन की शादी हो चुकी थी इसी कारण उसका तलाक हो चुका था
जब पुलिस को पता चला तब पुलिस बोली तरुण के ऊपर गोली प्रॉपर्टी के पीछे चली होगी या फिर उनके जीजा की इस घर से दुश्मनी होगी तब तक उनकी मां कहती है ऐसा कुछ नहीं है पुलिस वाले वहां से चले जाते हैं और छानबीन करना शुरू कर देते हैं
तभी तरुण की मां उसी पंडित को फोन करके बुलाती है जिसने तरुण और अंजू की कुंडली मिलाई थी अगले दिन वह पंडित आता है तब तरुण को देखकर कहता है कि कुंडली तो सही है फिर ऐसा क्यों हुआ तभी अंजू पंडित के लिए पानी लेकर आती है
पंडित अंजू को देखकर बोलता है अंजू की कुंडली में दोष है अगर यह इसके साथ रही तो तरुण के ऊपर हमले होते रहेंगे और उसकी जान को भी खतरा है तब तक उनकी मां बोली पंडित जी आपने जब दोनों की कुंडली देखी थी तब कहा था कि सब कुछ ठीक है तब हमने तरुण की शादी अंजू के साथ करवाई थी
तब पंडित बोले कि अगर कुंडली गलत हो तो मैं क्या कर सकता हूं मैं यकीन के साथ कहता हूं कि अंजू में ही दोष है मैंने तरुण की बहन को भी उस लड़के से शादी करने के लिए मना किया था लेकिन नहीं मानी फिर क्या हुआ आखिर डिवोर्स
तब तरुण की बहन बोली पंडित जी इसका कोई तो उपाय होगा पंडित बोले एक उपाय है इन दोनों की शादी तुड़वा दो यह बात सुनकर तरुण बोलता है कि मैं यह शादी नहीं तोड़ सकता मैंने सात फेरे लिए हैं तब पंडित वहां से चला जाता है कुछ देर के बाद तरुण के भैया भाभी और उसकी बहन एक दूसरे पर शक करने लगते हैं
तभी अचानक उनकी मां वहां आ जाती है और दोनों को डांटती है और कहती है कि इसमें किसी की गलती नहीं है मुझे तो अंजू पर ही शक लगता है उसकी ही कुंडली खराब है अगले दिन पुलिस को रोड पर एक लाख मिलती है पुलिस वहां के लोगों से पूछताछ करती है
वहां के लोग कहते हैं कि यहां की सड़क इतनी खराब है और जगह-जगह गड्ढे हैं तो एक्सीडेंट होगा ही तभी वहां का इंजीनियर तरुण बोलता है सर हमने कल से ही इस पर काम करना शुरू कर दिया था तभी वहां एक आदमी कहता है कि यहां के इंजीनियर को हटा दो नहीं तो हम भूख हड़ताल करेंगे
तब तरुण की सरकारी नौकरी चली जाती है और वह घर आकर अपने घरवालों को बताता है तभी तरुण की बहन अंजू को कोसने लगती है कि सब इसी की वजह से हो रहा है तब तरुण अपनी बहन को डांट देता है और अंजू गुस्से में अपने कमरे में चली जाती है कभी तरुण भी उसे मनाने चला जाता है
अगले दिन अंजू तरुण के लिए चाय लेकर आती है तभी तरुण को एक फोन आता है तरुण फोन उठाता है और पूछता है कौन तब वह आदमी कहता है कि मैं चेतन कन्फेक्शन से गौरव बोल रहा हूं देखिए तरुण साहब अखबारों में चाहे कुछ भी लिखा हो लेकिन हम जानते हैं कि आप बहुत ईमानदार आदमी है
और हम चाहते हैं कि आप हमारे साथ काम कीजिए तब तरुण बोला धन्यवाद गौरव साहब पर मैंने इसके बारे में अभी नहीं सोचा है तब गौरव बोला देखिए तरुण साहब जितना आप सरकारी नौकरी में कमाते हैं या उससे ज्यादा ही मिलेगा तब तरुण भोला मुझे भी आपके साथ काम करके बहुत अच्छा लगेगा इतना बोल कर फोन कट जाता है
और तरुण अंजू को सारी बात बताता है तब दोनों बहुत खुश होते है जब यह बात उसकी मां को पता चलती है तो तरुण से कहती है बेटा तुम मंदिर हो आओ इस खुशी के मौके पर तब तरुण और अंजू मंदिर चले जाते हैं मंदिर में तरुण के ऊपर फिर गोली चलती है लेकिन उसकी बीवी बचा लेती है तब पुलिस फिर तरुण के घर पहुंचती है
और बोलती है तुम कुछ छुपा रहे हो तब पुलिस वाले सबका नंबर लेकर चले जाते हैं उस दिन के बाद तरुण की मां बहन भाई भाभी सब लोग मिलकर अंजू को भगाने की कोशिश करते हैं लेकिन तरुण उसे जाने नहीं देता अगले दिन तरुण की बहन अंजू से बोलती है
कि तुम तरुण से प्यार करती हो तो यह घर छोड़कर चली जाओ नहीं तो उसके साथ कुछ भी हो सकता है उसकी जान भी जा सकती है तभी तरुण की मां भी वहां आ जाती है वह भी अंजू को जाने के लिए कहती है तभी अचानक उसके पास एक लेटर गिरता है
अंजू उसे उठाकर पड़ती है उसमें लिखा होता है तरुण ने मेरी बहन को धोखा दिया है और उसकी जिंदगी बर्बाद की है तभी उसकी मां भी उस लेटर को पड़ती है और कहती है तरुण ने किसी की जिंदगी बर्बाद नहीं की और उनकी बहन भी बोलती है कि उसका किसी के साथ कोई गलत संबंध नहीं था
तब अंजू बोली अगर ऐसा नहीं है तो कोई तरुण के ऊपर इतने अटैक क्यों करेगा तब अंजू काफी बुरा भला बोलकर घर छोड़कर अपनी मां के पास चली जाती है जब अंजू के मां-बाप उसे देखते हैं तो बोलते हैं बेटा क्या हुआ सब कुछ ठीक-ठाक है तब अंजू ने अपने मां-बाप को सब कुछ बता देती है
उसी शाम को जब सब लोग खाना खाते हैं तब तक अंजू के स्कूल का दोस्त वहां आता है और अंजू के माता-पिता को नमस्ते करता है अंजू से पूछता है कि तुम कब आई तुमने मुझे बताया ही नहीं तब अंजू के पापा बोले बेटा जब तुम चली गई थी तब तुम्हारा दोस्ती ही हमारा हालचाल पूछता था
फिर अगले दिन अंजू के मां-बाप किसी काम से बाहर चले जाते हैं तब अंजू अपने दोस्त को सारी बात बता देती है और कहती है कि मैं तरुण को डिवोर्स देना चाहती हूं क्या तुम मेरी मदद करोगे तब वह बोला ठीक है बताओ मुझे क्या करना है तब अंजू उससे एक लेटर लिखने को बोलती है
और उस लेटर को लेकर अपनी अलमारी की तरफ जाकर उस लेटर से मिला कर देखती है जो तरुण के घर पर फेंका गया था यह देखकर अंजू चौक जाती है कि दोनों लेटर में जो लिखा है उसकी लिखाई सेम है तब अंजू समझ जाती है कि उसका दोस्त ही सब कुछ कर रहा है
तब अंजू अपने दोस्त को बहुत डांटती है और कहती है कि तुमने ऐसा क्यों किया तब उसका दोस्त सारी बात बताता है कि मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं मैंने इसी डर से इजहार नहीं किया कि तुम मुझे छोड़ दोगी और जो जो तरुण के साथ घटना हुई सब मैंने ही करवाई थी तभी अंजू उसे एक चांटा मारती है
तब उसका दोस्त उसे मारने लगता है अंजू भागने की कोशिश करती है तभी वही पुलिस पहुंच जाती है और उसे पकड़ लेती है वहीं तरुण और अंजू के मां बाप भी आ जाते हैं फिर पुलिस बोलती है कि यह नहीं इसके साथ और भी लोग शामिल हैं तब पुलिस तरुण की बहन और पंडित को लाती है
और कहती है कि बताओ तुमने इसका साथ क्यों दिया तब अंजू बोली इसने मुझसे शादी का वादा किया था इसलिए मैंने इसका साथ दिया पंडित बोला मैंने पैसों के लालच में यह सब किया फिर पुलिस तीनों को लेकर चली जाती है अंजू और तरुण खुशी-खुशी रहने लगते हैं
यह देखकर सब हैरान रह जाते हैं और तरुण का इलाज कराते हैं और पुलिस स्टेशन में कंप्लेंट करते हैं जब पुलिस आती है तो उसके घर वालों से पूछताछ करती है उस घर में तरुण का भाई और भाभी और एक बहन रहती थी और उनकी बहन की शादी हो चुकी थी इसी कारण उसका तलाक हो चुका था
जब पुलिस को पता चला तब पुलिस बोली तरुण के ऊपर गोली प्रॉपर्टी के पीछे चली होगी या फिर उनके जीजा की इस घर से दुश्मनी होगी तब तक उनकी मां कहती है ऐसा कुछ नहीं है पुलिस वाले वहां से चले जाते हैं और छानबीन करना शुरू कर देते हैं
तभी तरुण की मां उसी पंडित को फोन करके बुलाती है जिसने तरुण और अंजू की कुंडली मिलाई थी अगले दिन वह पंडित आता है तब तरुण को देखकर कहता है कि कुंडली तो सही है फिर ऐसा क्यों हुआ तभी अंजू पंडित के लिए पानी लेकर आती है
पंडित अंजू को देखकर बोलता है अंजू की कुंडली में दोष है अगर यह इसके साथ रही तो तरुण के ऊपर हमले होते रहेंगे और उसकी जान को भी खतरा है तब तक उनकी मां बोली पंडित जी आपने जब दोनों की कुंडली देखी थी तब कहा था कि सब कुछ ठीक है तब हमने तरुण की शादी अंजू के साथ करवाई थी
तब पंडित बोले कि अगर कुंडली गलत हो तो मैं क्या कर सकता हूं मैं यकीन के साथ कहता हूं कि अंजू में ही दोष है मैंने तरुण की बहन को भी उस लड़के से शादी करने के लिए मना किया था लेकिन नहीं मानी फिर क्या हुआ आखिर डिवोर्स
तब तरुण की बहन बोली पंडित जी इसका कोई तो उपाय होगा पंडित बोले एक उपाय है इन दोनों की शादी तुड़वा दो यह बात सुनकर तरुण बोलता है कि मैं यह शादी नहीं तोड़ सकता मैंने सात फेरे लिए हैं तब पंडित वहां से चला जाता है कुछ देर के बाद तरुण के भैया भाभी और उसकी बहन एक दूसरे पर शक करने लगते हैं
तभी अचानक उनकी मां वहां आ जाती है और दोनों को डांटती है और कहती है कि इसमें किसी की गलती नहीं है मुझे तो अंजू पर ही शक लगता है उसकी ही कुंडली खराब है अगले दिन पुलिस को रोड पर एक लाख मिलती है पुलिस वहां के लोगों से पूछताछ करती है
वहां के लोग कहते हैं कि यहां की सड़क इतनी खराब है और जगह-जगह गड्ढे हैं तो एक्सीडेंट होगा ही तभी वहां का इंजीनियर तरुण बोलता है सर हमने कल से ही इस पर काम करना शुरू कर दिया था तभी वहां एक आदमी कहता है कि यहां के इंजीनियर को हटा दो नहीं तो हम भूख हड़ताल करेंगे
तब तरुण की सरकारी नौकरी चली जाती है और वह घर आकर अपने घरवालों को बताता है तभी तरुण की बहन अंजू को कोसने लगती है कि सब इसी की वजह से हो रहा है तब तरुण अपनी बहन को डांट देता है और अंजू गुस्से में अपने कमरे में चली जाती है कभी तरुण भी उसे मनाने चला जाता है
अगले दिन अंजू तरुण के लिए चाय लेकर आती है तभी तरुण को एक फोन आता है तरुण फोन उठाता है और पूछता है कौन तब वह आदमी कहता है कि मैं चेतन कन्फेक्शन से गौरव बोल रहा हूं देखिए तरुण साहब अखबारों में चाहे कुछ भी लिखा हो लेकिन हम जानते हैं कि आप बहुत ईमानदार आदमी है
और हम चाहते हैं कि आप हमारे साथ काम कीजिए तब तरुण बोला धन्यवाद गौरव साहब पर मैंने इसके बारे में अभी नहीं सोचा है तब गौरव बोला देखिए तरुण साहब जितना आप सरकारी नौकरी में कमाते हैं या उससे ज्यादा ही मिलेगा तब तरुण भोला मुझे भी आपके साथ काम करके बहुत अच्छा लगेगा इतना बोल कर फोन कट जाता है
और तरुण अंजू को सारी बात बताता है तब दोनों बहुत खुश होते है जब यह बात उसकी मां को पता चलती है तो तरुण से कहती है बेटा तुम मंदिर हो आओ इस खुशी के मौके पर तब तरुण और अंजू मंदिर चले जाते हैं मंदिर में तरुण के ऊपर फिर गोली चलती है लेकिन उसकी बीवी बचा लेती है तब पुलिस फिर तरुण के घर पहुंचती है
और बोलती है तुम कुछ छुपा रहे हो तब पुलिस वाले सबका नंबर लेकर चले जाते हैं उस दिन के बाद तरुण की मां बहन भाई भाभी सब लोग मिलकर अंजू को भगाने की कोशिश करते हैं लेकिन तरुण उसे जाने नहीं देता अगले दिन तरुण की बहन अंजू से बोलती है
कि तुम तरुण से प्यार करती हो तो यह घर छोड़कर चली जाओ नहीं तो उसके साथ कुछ भी हो सकता है उसकी जान भी जा सकती है तभी तरुण की मां भी वहां आ जाती है वह भी अंजू को जाने के लिए कहती है तभी अचानक उसके पास एक लेटर गिरता है
अंजू उसे उठाकर पड़ती है उसमें लिखा होता है तरुण ने मेरी बहन को धोखा दिया है और उसकी जिंदगी बर्बाद की है तभी उसकी मां भी उस लेटर को पड़ती है और कहती है तरुण ने किसी की जिंदगी बर्बाद नहीं की और उनकी बहन भी बोलती है कि उसका किसी के साथ कोई गलत संबंध नहीं था
तब अंजू बोली अगर ऐसा नहीं है तो कोई तरुण के ऊपर इतने अटैक क्यों करेगा तब अंजू काफी बुरा भला बोलकर घर छोड़कर अपनी मां के पास चली जाती है जब अंजू के मां-बाप उसे देखते हैं तो बोलते हैं बेटा क्या हुआ सब कुछ ठीक-ठाक है तब अंजू ने अपने मां-बाप को सब कुछ बता देती है
उसी शाम को जब सब लोग खाना खाते हैं तब तक अंजू के स्कूल का दोस्त वहां आता है और अंजू के माता-पिता को नमस्ते करता है अंजू से पूछता है कि तुम कब आई तुमने मुझे बताया ही नहीं तब अंजू के पापा बोले बेटा जब तुम चली गई थी तब तुम्हारा दोस्ती ही हमारा हालचाल पूछता था
फिर अगले दिन अंजू के मां-बाप किसी काम से बाहर चले जाते हैं तब अंजू अपने दोस्त को सारी बात बता देती है और कहती है कि मैं तरुण को डिवोर्स देना चाहती हूं क्या तुम मेरी मदद करोगे तब वह बोला ठीक है बताओ मुझे क्या करना है तब अंजू उससे एक लेटर लिखने को बोलती है
और उस लेटर को लेकर अपनी अलमारी की तरफ जाकर उस लेटर से मिला कर देखती है जो तरुण के घर पर फेंका गया था यह देखकर अंजू चौक जाती है कि दोनों लेटर में जो लिखा है उसकी लिखाई सेम है तब अंजू समझ जाती है कि उसका दोस्त ही सब कुछ कर रहा है
तब अंजू अपने दोस्त को बहुत डांटती है और कहती है कि तुमने ऐसा क्यों किया तब उसका दोस्त सारी बात बताता है कि मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं मैंने इसी डर से इजहार नहीं किया कि तुम मुझे छोड़ दोगी और जो जो तरुण के साथ घटना हुई सब मैंने ही करवाई थी तभी अंजू उसे एक चांटा मारती है
तब उसका दोस्त उसे मारने लगता है अंजू भागने की कोशिश करती है तभी वही पुलिस पहुंच जाती है और उसे पकड़ लेती है वहीं तरुण और अंजू के मां बाप भी आ जाते हैं फिर पुलिस बोलती है कि यह नहीं इसके साथ और भी लोग शामिल हैं तब पुलिस तरुण की बहन और पंडित को लाती है
और कहती है कि बताओ तुमने इसका साथ क्यों दिया तब अंजू बोली इसने मुझसे शादी का वादा किया था इसलिए मैंने इसका साथ दिया पंडित बोला मैंने पैसों के लालच में यह सब किया फिर पुलिस तीनों को लेकर चली जाती है अंजू और तरुण खुशी-खुशी रहने लगते हैं
पति - पत्नी और आशिक
Reviewed by Anand Singh
on
May 09, 2020
Rating:
No comments: