बहू बेटी में फर्क
रायपुर के गांव में एक लता नाम की एक औरत अपने बेटे कमल और अपनी बेटी प्राची के साथ रहती थी कुछ दिनों के बाद कमल की शादी रचना नाम की लड़की से हो गई रचना घर आते ही पूरा घर संभाल लिया पर लता अपनी बेटी और बहु में फर्क करने लगती थी
इसी कारण घर में अशांति का माहौल हो जाया करता था लता अपनी बहू से कहती है सुनो बहू आज तुम्हें और प्राची को एक पड़ोस वाली सीमा के घर जाना है तो तुम दोनों तैयार हो जाना बहु कहती है जी हां माजी रचना और प्रीची दोनों तैयार होकर अपने-अपने कमरे से निकलते हैं
प्राची कहती है चलो मां तभी लता कहती है रुको यह क्या पहन कर जा रही हो बहू तभी बहू कहती है क्या हुआ माजी साड़ी ही तो पहनी है मैंने पर यह बिना बाजू वाला ब्लाउज क्यों पहना है अरे बदलो इसे रचना कहती है मां जी प्राची ने भी तो बिना बाजू का सूट पहना है
तभी लता कहती है वह तो इस घर की बेटी है पर तू इस घर की बहू हो तुम्हारी नई-नई शादी हुई है सबकी नजर वहां तुम्हारे ऊपर ही होगी और मैं नहीं चाहती कि अपने घर का तमाशा बन जाए जाओ कपड़े बदल कर आओ रचना को लता का यह बर्ताव बिल्कुल अच्छा नहीं लगा मगर फिर भी अपने कपड़े बदल लिए और अपनी सास के साथ चल पड़ी
प्राची मम्मी से कहती है मम्मी मेरे सारे फ्रेंड अगले महीने शिमला जाने का प्लान बनाया है और मुझे भी जाना है तभी लता कहती है हां तो चली जाओ इसमें पूछने की क्या बात है तभी रचना भी वहां आती है और कहती है मम्मी जी वह मेरी सहेली कल शाम को फिल्म देखने जाने का प्लान बना रहे हैं तो मैं भी जाऊं उनके साथ बहुत दिन हो गए उनसे मिले हुए
तभी लता कहती है अरे नहीं बहू रात में ऐसे फिल्म देखने जाने नहीं दे सकती अरे तुम्हें फिल्म देखने जाना है तो कमल के संग चली जाओ तभी रचना कहती है पर मां जी यह प्राची भी तो शिमला जाएगी उसे तो आपने कुछ नहीं कहा तभी प्राची कहती है हां तो भाभी मैं तो इस घर की बेटी हूं और आप इस घर की बहू लता कहती है और नहीं तो क्या तुम्हारा यह ससुराल है मायका नहीं कि जो जी में आए वह करती रहो फिर तुम्हारी शादी हो चुकी है
तभी रचना कहती है जी मां जी बहुत शुक्रिया याद दिलाने के लिए मैं तो भूल ही गई थी कि मेरी शादी हो चुकी है इतना कहकर रचना गुस्से मैं अपने कमरे में बैठ जाती है और तभी कमल भी ऑफिस से आ जाता है कमल अपने ऑफिस से परेशान होता है तभी वह रचना को देखता है वह भी गुस्से में बैठी हुई थी तभी रचना कमल से कहती है
तुम्हारे घर में बहुओं को इतनी बंदिश क्यों है प्राची को तो मम्मी कुछ नहीं कहती लेकिन मेरे हर बात पर टोकती रहती है तभी कमल कहता है देखो रचना ऐसा कुछ नहीं है प्राची अभी कॉलेज में पढ़ती है वह बच्ची है तूम तो समझदार हो तुम अपनी तुलना उससे क्यों करती हो तभी रचना बोली देखिए मैं कोई तुलना नहीं करती मगर मम्मी जी प्राची को हर चीज के लिए मान जाती हैं
और मेरे हर चीज के लिए मना कर देती है कमल ने कहा रचना मेरे पास इन सब के लिए वक्त नहीं है वैसे तो पहले से ही ऑफिस में इतनी टेंशन चल रही है रचना कहती है क्यों क्या हुआ ऑफिस मैं बताइए तो कमल कहता है कुछ नहीं हुआ और बाहर निकल जाता है रचना अकेले में ही कहती है कोई मुझे समझता ही नहीं है
अगले दिन कमल ऑफिस से जल्दी आ जाता है तभी रचना कहती है अरे क्या हुआ आज आप इतनी जल्दी ऑफिस से आ गए कमल परेशान होता है कुछ नहीं बोलता तभी लता पूछती है बेटा क्या हुआ क्या बात है बहुत परेशान दिखाई दे रहे हो तभी प्राची कहती है भैया आप बहुत परेशान हो क्या हुआ है
तभी कमल कहता है आप सभी चुप हो जाइए प्लीज मेरे बॉस और मेरे बीच काम को लेकर काफी झगड़ा हुआ और गुस्से में मैंने नौकरी छोड़ दी तभी लता कहती है क्या तू नौकरी छोड़ कर आ गया गुस्से में तभी प्राची कहती है कि कितनी अच्छी नौकरी थी तो अब आप क्या करेंगे
तभी कमल कहता है दूसरी नौकरी ढूंढ लूंगा पर उसमें वक्त लगेगा मेरे बॉस ने मुझे धमकी दी है वह मुझे अच्छी नौकरी मिलने नहीं देंगे तभी रचना कहती है आप चिंता मत कीजिए सब ठीक हो जाएगा यह लीजिए पानी पीजिए तभी कमल कहता है देखता हूं क्या होता है कमल नौकरी की खोज में निकल जाता है और उसे कहीं भी नौकरी नहीं मिलती जहां जहां मिलती है वहां तनखा कम होती है
कमल बहुत परेशान होने लगाता है और वो खाने-पीने पर ध्यान भी नहीं दे पाता रचना को यह देखकर बुरा लग रहा था तब रचना नौकरी करने का फैसला करती है और कमल से कहती है कमल मैंने एक नौकरी के लिए इंटरव्यू दिया था मैं सिलेक्ट हो गई हूं तभी कमल कहता है अरे तुम क्यों नौकरी करोगी रचना मै नौकरी ढूंढ रहा हूं
तब रचना कहती है आप नौकरी ढूंढिए पर देखिए कम तनखा मिल रही हो तो आप उसे ज्वाइन कर लीजिए उसमें हिचकी चाहिए गा नहीं क्योंकि हम दोनों कम करेंगे तो घर के लिए पूरा पढ़ ही जाएगा लता को नौकरी करना बिल्कुल पसंद नहीं लगा ओ बोली बहु तुम नौकरी नहीं करोगी क्यों नहीं करूंगी मम्मी जी यह मेरा भी घर है और इस घर की परेशानियों को हल करना मेरी भी जिम्मेदारी है
तभी लता कहती है कमल की मदद करने के लिए प्राची भी है वैसे भी इसका यह आखरी साल है 2 महीने बाद इसकी भी नौकरी लग जाएगी तभी रचना कहती है मम्मी जी आपने अपनी बहू और बेटी के लिए इतने गलत नियम क्यों बना रखे हैं क्यों बहू वह सब नहीं कर सकती जो बेटी कर सकती है मैंने फैसला कर लिया है
कि मैं नौकरी करूंगी तभी लता कहती है ठीक है जो मर्जी आए वह करो तब रचना नौकरी पर जाने लगती है और कुछ दिनों के बाद कमल को भी नौकरी मिल जाती है उनकी सैलरी पहले वाली से कम होती है पर रचना भी कम आती है तो दोनों की कमाई से घर अच्छे से चलने लग जाता है
रचना को घर और ऑफिस संभालने से लता भी खुश हो जाती है लता कहती है मुझे माफ करना बहु मैंने तुझे कभी अपनी बेटी नहीं समझा मगर आज मैं कहती हूं तू भी प्राची की तरह मेरी बेटी है और आज से तुझ में और उसमें कोई फर्क नहीं करूंगी यह सुनकर सब खुश हो जाते हैं
इसी कारण घर में अशांति का माहौल हो जाया करता था लता अपनी बहू से कहती है सुनो बहू आज तुम्हें और प्राची को एक पड़ोस वाली सीमा के घर जाना है तो तुम दोनों तैयार हो जाना बहु कहती है जी हां माजी रचना और प्रीची दोनों तैयार होकर अपने-अपने कमरे से निकलते हैं
प्राची कहती है चलो मां तभी लता कहती है रुको यह क्या पहन कर जा रही हो बहू तभी बहू कहती है क्या हुआ माजी साड़ी ही तो पहनी है मैंने पर यह बिना बाजू वाला ब्लाउज क्यों पहना है अरे बदलो इसे रचना कहती है मां जी प्राची ने भी तो बिना बाजू का सूट पहना है
बहू बेटी में फर्क hindi story
तभी लता कहती है वह तो इस घर की बेटी है पर तू इस घर की बहू हो तुम्हारी नई-नई शादी हुई है सबकी नजर वहां तुम्हारे ऊपर ही होगी और मैं नहीं चाहती कि अपने घर का तमाशा बन जाए जाओ कपड़े बदल कर आओ रचना को लता का यह बर्ताव बिल्कुल अच्छा नहीं लगा मगर फिर भी अपने कपड़े बदल लिए और अपनी सास के साथ चल पड़ी
प्राची मम्मी से कहती है मम्मी मेरे सारे फ्रेंड अगले महीने शिमला जाने का प्लान बनाया है और मुझे भी जाना है तभी लता कहती है हां तो चली जाओ इसमें पूछने की क्या बात है तभी रचना भी वहां आती है और कहती है मम्मी जी वह मेरी सहेली कल शाम को फिल्म देखने जाने का प्लान बना रहे हैं तो मैं भी जाऊं उनके साथ बहुत दिन हो गए उनसे मिले हुए
तभी लता कहती है अरे नहीं बहू रात में ऐसे फिल्म देखने जाने नहीं दे सकती अरे तुम्हें फिल्म देखने जाना है तो कमल के संग चली जाओ तभी रचना कहती है पर मां जी यह प्राची भी तो शिमला जाएगी उसे तो आपने कुछ नहीं कहा तभी प्राची कहती है हां तो भाभी मैं तो इस घर की बेटी हूं और आप इस घर की बहू लता कहती है और नहीं तो क्या तुम्हारा यह ससुराल है मायका नहीं कि जो जी में आए वह करती रहो फिर तुम्हारी शादी हो चुकी है
तभी रचना कहती है जी मां जी बहुत शुक्रिया याद दिलाने के लिए मैं तो भूल ही गई थी कि मेरी शादी हो चुकी है इतना कहकर रचना गुस्से मैं अपने कमरे में बैठ जाती है और तभी कमल भी ऑफिस से आ जाता है कमल अपने ऑफिस से परेशान होता है तभी वह रचना को देखता है वह भी गुस्से में बैठी हुई थी तभी रचना कमल से कहती है
तुम्हारे घर में बहुओं को इतनी बंदिश क्यों है प्राची को तो मम्मी कुछ नहीं कहती लेकिन मेरे हर बात पर टोकती रहती है तभी कमल कहता है देखो रचना ऐसा कुछ नहीं है प्राची अभी कॉलेज में पढ़ती है वह बच्ची है तूम तो समझदार हो तुम अपनी तुलना उससे क्यों करती हो तभी रचना बोली देखिए मैं कोई तुलना नहीं करती मगर मम्मी जी प्राची को हर चीज के लिए मान जाती हैं
और मेरे हर चीज के लिए मना कर देती है कमल ने कहा रचना मेरे पास इन सब के लिए वक्त नहीं है वैसे तो पहले से ही ऑफिस में इतनी टेंशन चल रही है रचना कहती है क्यों क्या हुआ ऑफिस मैं बताइए तो कमल कहता है कुछ नहीं हुआ और बाहर निकल जाता है रचना अकेले में ही कहती है कोई मुझे समझता ही नहीं है
अगले दिन कमल ऑफिस से जल्दी आ जाता है तभी रचना कहती है अरे क्या हुआ आज आप इतनी जल्दी ऑफिस से आ गए कमल परेशान होता है कुछ नहीं बोलता तभी लता पूछती है बेटा क्या हुआ क्या बात है बहुत परेशान दिखाई दे रहे हो तभी प्राची कहती है भैया आप बहुत परेशान हो क्या हुआ है
तभी कमल कहता है आप सभी चुप हो जाइए प्लीज मेरे बॉस और मेरे बीच काम को लेकर काफी झगड़ा हुआ और गुस्से में मैंने नौकरी छोड़ दी तभी लता कहती है क्या तू नौकरी छोड़ कर आ गया गुस्से में तभी प्राची कहती है कि कितनी अच्छी नौकरी थी तो अब आप क्या करेंगे
तभी कमल कहता है दूसरी नौकरी ढूंढ लूंगा पर उसमें वक्त लगेगा मेरे बॉस ने मुझे धमकी दी है वह मुझे अच्छी नौकरी मिलने नहीं देंगे तभी रचना कहती है आप चिंता मत कीजिए सब ठीक हो जाएगा यह लीजिए पानी पीजिए तभी कमल कहता है देखता हूं क्या होता है कमल नौकरी की खोज में निकल जाता है और उसे कहीं भी नौकरी नहीं मिलती जहां जहां मिलती है वहां तनखा कम होती है
कमल बहुत परेशान होने लगाता है और वो खाने-पीने पर ध्यान भी नहीं दे पाता रचना को यह देखकर बुरा लग रहा था तब रचना नौकरी करने का फैसला करती है और कमल से कहती है कमल मैंने एक नौकरी के लिए इंटरव्यू दिया था मैं सिलेक्ट हो गई हूं तभी कमल कहता है अरे तुम क्यों नौकरी करोगी रचना मै नौकरी ढूंढ रहा हूं
तब रचना कहती है आप नौकरी ढूंढिए पर देखिए कम तनखा मिल रही हो तो आप उसे ज्वाइन कर लीजिए उसमें हिचकी चाहिए गा नहीं क्योंकि हम दोनों कम करेंगे तो घर के लिए पूरा पढ़ ही जाएगा लता को नौकरी करना बिल्कुल पसंद नहीं लगा ओ बोली बहु तुम नौकरी नहीं करोगी क्यों नहीं करूंगी मम्मी जी यह मेरा भी घर है और इस घर की परेशानियों को हल करना मेरी भी जिम्मेदारी है
तभी लता कहती है कमल की मदद करने के लिए प्राची भी है वैसे भी इसका यह आखरी साल है 2 महीने बाद इसकी भी नौकरी लग जाएगी तभी रचना कहती है मम्मी जी आपने अपनी बहू और बेटी के लिए इतने गलत नियम क्यों बना रखे हैं क्यों बहू वह सब नहीं कर सकती जो बेटी कर सकती है मैंने फैसला कर लिया है
कि मैं नौकरी करूंगी तभी लता कहती है ठीक है जो मर्जी आए वह करो तब रचना नौकरी पर जाने लगती है और कुछ दिनों के बाद कमल को भी नौकरी मिल जाती है उनकी सैलरी पहले वाली से कम होती है पर रचना भी कम आती है तो दोनों की कमाई से घर अच्छे से चलने लग जाता है
रचना को घर और ऑफिस संभालने से लता भी खुश हो जाती है लता कहती है मुझे माफ करना बहु मैंने तुझे कभी अपनी बेटी नहीं समझा मगर आज मैं कहती हूं तू भी प्राची की तरह मेरी बेटी है और आज से तुझ में और उसमें कोई फर्क नहीं करूंगी यह सुनकर सब खुश हो जाते हैं
बहू बेटी में फर्क
Reviewed by Anand Singh
on
May 11, 2020
Rating:
No comments: