हमारी प्रेम कहानी

बहुत दिनों पहले एक गांव के छोटे से झोपड़े में पंकज और उसकी बीवी सोनी रहते थे उनके घर में धन दौलत नहीं थी पर खुशियां थी वह दोनों एक दूसरे से बेहद प्यार करते थे उनके घर में खाने पीने की भी कमी थी पर फिर भी सोनी के चेहरे पर हमेशा खुशी के अलावा और कुछ नहीं देखने को मिलता

सोनी के बाल काफी लंबे और घने थे सोनी के दिल में एक चाहत थी कि वह एक चांदी की पिन से अपने बालों को बांध पाती जब सारे काम होने के बाद सोनी अपने घने बालों को सस्ते कम दाम वाले की तरह बांधती है तब पंकज को बहुत बुरा लग रहा था

Hamari prame kahani love story

 तभी सोनी की नजर अपने पंकज पर पड़ी तब वह कहती है क्या हुआ पंकज तुम बहुत दुखी हो तब पंकज बोला कि मैं तुम्हें कभी कुछ नहीं दे पाता तुम्हारे इन घने बालों को भी तभी सोना बोली बालों को क्या पंकज कहता है नहीं कुछ नहीं तभी सोना कहती है क्या हुआ कुछ बताओगे या ऐसे ही लंबी सांस लेते रहोगे

हमारी प्रेम कहानी love story


 अच्छा क्या कमी है हमारे में जरा बताइए तो बहुत खुशी है हमारे घर में जो है वह तो राजा महाराजा के घर में भी नहीं होता आप दुखी मत होइए नहीं तो मुझे बहुत बुरा लगेगा चलिए सो जाइए दोनों एक दूसरे को देखने लगते हैं और सो जाते हैं अगले दिन सोनी कहती है आज मैं बहुत खुश हूं तभी पंकज कहता है

 सोनी तुम्हारे लिए चमचमाते एक चांदी का पिन खरीदना चाहता हूं यह कहकर दोनों सो जाते हैं अगले दिन सोनी कहती है चलिए अब हाथ मुंह धो लीजिए मैं आपको भुजा और बतासा देती हूं थोड़ा खा लीजिए और बचे हुए अपनी पोटली में बांध लीजिए जब भूख लगे तो खा लीजिएगा

 यह कहकर सोनी पानी लेने चली जाती है और पंकज। फावड़ा लेकर महाचंद्र के खेत में काम करने चला जाता है पर उसे उस काम के नाम मात्रा ही पैसे मिलते थे सुबह से शाम तक काम करने के बाद ₹5 प्रति माह मिलते थे इसलिए सोनी भी काम करती थी

पंकज के जाने के बाद सोनी भी जमीदार की पत्नी के पास जाकर काम किया करती थी वह झाड़ू पोछा बर्तन मांजना यह सब काम करने जाती थी जमीदार की पत्नी हमेशा यह कहा करती थी अरे सोनी अगर तेरे जैसे मेरे बाल होते तो मैं धन्य हो जाती पता नहीं कैसा भाग्य है मेरा सब कुछ है मेरे पास मगर बाल ही नहीं है

इतने में सोनी कहती है दुखी मत होइए लेकिन ऊपर वाले ने आपको बाल नहीं दिए तो क्या हुआ आप लोगों को रुपए दिए हैं खुशी और शांति दी है और हमें तो कुछ भी नहीं दिया फिर भी हम दुखी नहीं है मालकिन हम बहुत खुश हैं तभी मालकिन कहती है चल अब जरा हाथ पैर दबा दे और मन ही मन कहती है

 मेरे बाल कभी सोनी की तरह नहीं हो पाएंगे सोनी को देखकर मुझे बहुत गुस्सा आता है मुझे ऐसे लगता है जैसे वह मुझे दिखा दिखा कर कहती है देखो देखो मेरे बाल तुम्हारे से कितने अच्छे हैं देखो देखो अगर किसी तरह इसके बाल झड़ जाते तो मैं बहुत खुश होती

तभी सोना से कहती है देखो ना अपने बालों का बहुत ध्यान रखा कर वरना मेरी तरह बाल हो जाएंगे बालों का ख्याल रख समझी ना तभी सोनी कहती है खाने के लाले पड़े रहते हैं और बालों का ध्यान देने को कह रही हो आप भी मालकिन अच्छा मजाक कर लेती हो जो है वह है अगर झड़ गए तो झड़ जाए मैं यह सब नहीं सोचती

 मालकिन को यह कहकर सोनी घर चली जाती है तभी पंकज सोचता है कि आने वाले रविवार को सोनी का जन्मदिन है पंकज की बहुत इच्छा है कि मैं सोनी के जन्मदिन पर उसे चमचमाते वाला चांदी का पिन दूं इसलिए खेतों में अपना काम खत्म करके वह दुकान जाकर कीमत पूछता है

कहता है काका काका यह चांदी का पिन कितने का है अगर सही कीमत बताओगे तो मैं खरीद लूंगा अभी दुकान वाला काका कहता है 50 रुपया एक दाम 1 रुपए ज्यादा नहीं 1 रुपए कम नहीं तभी पंकज कहता है मेरे पास बचत तो कुछ भी नहीं है पर मैं वह इसे सोनी को देना चाहता हूं

 मैं जरूर दूंगा पंकज इतना कह कर चला जाता है और कहता है मैंने उसे पूरी जिंदगी दुख के अलावा और कुछ भी नहीं दिया सपने में मैंने उसका हंसता हुआ चेहरा देखा था कितनी सुंदर लग रही थी तब पंकज उधार लूंगा इतना कह कर चला जाता है

उधर सोनी भी सोच रही थी कि पंकज जो कमीज पहन कर काम पर जाता है वह बिल्कुल फट चुकी है सोनी मन ही मन सोचती है काश उन्हें एक अच्छी सी कमीज खरीद कर दे पाती तो कितना अच्छा होता मैं अपने जन्मदिन पर उन्हें कमीज खरीद कर दूंगी कल मालकिन से कुछ उधार ले लेती हूं और कह दूंगी कि मेरी तनख्वाह में से काट लेना

 यही ठीक रहेगा एक ही जन्मदिन के उपलक्ष में दोनों के मन में एक-दूसरे को उपहार देने की इच्छा होने लगी थी सोनी उसे एक अच्छी कमीज देना चाहती थी और पंकज उसे चांदी का पिन देना चाहता था 1 दिन काम से समय निकालकर महाजन के पास जाता है

तब पंकज ने कहा मालिक मालिक 50 रुपए उधार दे दीजिए ना आप के खेतों में काम करके लौटा दूंगा हां सच्ची मालिक कहता हूं पर तू सूद का पैसा कैसे देगा मुझे तो पता है मैं खुद का कारोबार करता हूं तभी पंकज कहता है मैं और ज्यादा मेहनत करूंगा और आपके सारे पैसे लौटा दूंगा सच बोल रहा हू दे दीजिए ना 50 रुपए

अच्छा ठीक है  पास के गांव में एक मेला लगा हुआ है वहां पर एक पहलवान आया है अगर तूने पहलवानी में हरा दिया तो तुझे पैसे मिलेंगे वैसे देखने में तो हट्टा कट्टा लगता है तुम उस से लड़ सकता है और अगर तू जीत गया तो मुंह मांगे पैसे मिलेंगे क्योंकि मैं तो तुझे उधार नहीं दूंगा और अगर तुझे पैसे चाहिए तो जा जाकर पहलवानी की तैयारी कर पैसे कमाने का अच्छा तरीका नहीं है

 उधर सोनी मालकिन से पैसे मांगती है तो मालकिन कहती है अरे सोनी मैं तो पैसे उधार नहीं देती तुझे रुपए की जरूरत है तो तुझे रुपए दे देती हूं लेकिन तुझे मेरे पास एक चीज बेचनी होगी बता बेच पाएगी क्यों नहीं बोल रही तभी सोनी कहती है मेरे पास बेचने के लिए कुछ भी नहीं है मालकिन मैं क्या बेच सकती हूं

तभी मालकिन कहती है सोनी तेरे यह घने काले बाल हैं मुझे दे दे इसके बदले मैं तुझे पैसे दे दूंगी तभी सोनी बोली आप मेरे बालों का क्या करोगी मालकिन ने कहा कुछ भी नहीं करूंगी इन्हें फेंक दूंगी वही तो तेरी संपत्ति है उसे मैं खरीदूंगी और तू बेचेगी अगर तू तैयार है तो बोल मैं खरीदने के लिए तैयार हूं

सोनी अपने बाल मालकिन को काट कर दे देती है और अपने घर चली जाती है घनघोर बरसात हो रही थी बेचारा पंकज थका हारा मेले से लौट रहा था उसके हाथों में चमचमाते चांदी के पिन थे बरसात होने के कारण उसे चलने में तकलीफ हो रही थी और पूरा शरीर लहूलुहान हो गया था

पर चेहरे पर मुस्कान थी कि आज अपनी सोनी के लिए पिन खरीदी है यह सोचता सोचता घर चला जाता है और बार-बार सोनी को आवाज लगाता है कहता है कहां चली गई तुम देखो सोनी देखो तुम्हारे लिए मैं क्या लाया हूं अभी सोनी कहती है क्या हुआ आ रही हूं सोनी झूठ मूड पंकज के सामने हंसकर आती है और कहती है आपके लिए मैंने एक कमीज खरीदी है

 मेरे जन्मदिन पर मेरी तरफ से आपके लिए उपहार लाई हूं यह देखिए यह अच्छी है ना तभी पंकज कहता है यह देखो मैं चांदी की पिन लाया हूं इसे बालों में लगाना तुम्हारी बहुत दिनों से इच्छा थी ना लो पकड़ो तभी तेज हवा के कारण सोनी के सिर से आंचल सरक जाता है

और पंकज देखता है  यह तो वह सोनी नहीं है जिसके लंबे घने बाल थे इसे तो अब चांदी की पिंकी की कोई जरूरत नहीं है उसने लंबे घने बाल काटे थे जब पंकज को यह सब समझ आया तो वह फूट-फूट कर रोने लगा उसके हाथ से चांदी की पिन गिर गई

सोनी की नजर उसके शरीर के जख्म पर पड़ी और उसकी पुरानी शर्ट उतारने लगी देखा कि उसके शरीर पर जख्म के निशान थे और सोनी रोने लगी यह सब कैसे हुआ आप कहां गए थे क्या आप मेले में गए थे बोलिए क्यों गए थे  और रोती रहती है तभी पंकज कहता है

 यह तूने क्या किया बताओ मुझे मैं तो तुम्हारे जन्मदिन का उपहार देना चाहता था पर तुमने यह क्या किया सोनी तुमने सारे बाल काट दिए और बोला तब तो फिर यह पिंन की जरूरत ही नहीं पड़ेगी सोनी यह तुमने क्या किया सोनी और पंकज दोनों रोने लगते हैं और बाहर बड़ी जोर से बारिश हो रही थी
हमारी प्रेम कहानी हमारी प्रेम कहानी Reviewed by Anand Singh on May 11, 2020 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.