देशरत्न
चंबल नदी के किनारे एक हरा-भरा आम का बगीचा था उसी बगीचे के पास बहुत सुंदर गांव था जिसका नाम मदनपुर था उसी आम के बगीचे के पास एक स्कूल था जिसमें स्वतंत्रता दिवस के 1 दिन पहले देश भक्ति कार्यक्रम रखा गया
जिसमें सभी विद्यार्थी अपने अपने देश भक्ति गीत सुना रहे थे उसी में से एक चौथी कक्षा का विद्यार्थी बहुत जोश और आत्मविश्वास के साथ एक कविता सुना रहा था
मां मुझे बंदूक मंगा दे , मैं भी लड़ने जाऊंगा ,
सीमा पर आए दुश्मनों को , मैं भी मार गिरा लूंगा ।
देशरत्न को भगत की वीरता नाम की एक पुस्तक भेंट दी गई इस पुस्तक को पाकर देशरत्न को ऐसा लगा कि जैसे वह एक देश का बहादुर सैनिक बन गया हो इस पुस्तक ने देश रत्न का जीवन ही बदल दिया सोते जागते उठते बैठते उसे देश का सैनिक और तिरंगा ही नजर आने लगा
देशभक्त की भावना उसकी रग रग में समाने लगी देशरत्न के पिता एक डाकू थे जिसके कारण उसके घर सब बंदूकधारी को आते जाते देखता था और उन लोगों के साथ रहते-रहते उनकी तरह हरकतें करने लगा
यह देखकर देशरत्न की मां को लगा कहीं यह भी अपने पापा की तरह डाकू ना बन जाए यह सोचकर वह परेशान रहती थी देशरत्न अपने साथ के बच्चों को मारता पीटता रहता था और बहुत शैतानी करता और किसी की बात नहीं मानता आसपास के लोग उसकी मां को ताने देते थे
1 दिन की बात है कि स्कूल के मास्टर देशरत्न के घर के सामने से गुजर रहे थे देश रत्न को बच्चे के साथ मारपीट करते देख उसे बुलाया और उससे पूछा बेटा तुम पढ़ने जाते हो तब उसने कहा कि नहीं फिर मास्टर ने पूछा क्यों नहीं जाते तो देश रत्न ने कहा पिताजी नहीं भेजते
तो मास्टर देश रत्न को लेकर उसकी मां के पास गए और उसकी मां की इजाजत लेकर देशरत्न को अपने स्कूल ले गए मास्टर ने देश रत्न का स्कूल में नाम लिखवा दिया उस मास्टर ने देश रत्न की दशा और दिशा दोनों ही बदल दी
कुछ दिन के बाद देशरत्न पढ़ लिखकर एक सैनिक बन गया अपनी मेहनत और लगन से वह कैप्टन भी बन गया अचानक एक दिन सीमा पर युद्ध छिड़ गया बहादुर कैप्टन देशरत्न को इस युद्ध का सामना करना पड़ा और देशरत्न ने अपनी टीम को बॉर्डर पर तैनात कर दिया
और गोलियों की बौछार होने लगी जिसमें से कुछ गोलियां सैनिकों को झेलनी पड़ी और वह शहीद हो गए एक बम का गोला देशरत्न के पास गिरा जिससे देश रत्न का एक हाथ के चिथड़े बनकर अलग हो गए लेकिन देशरत्न ने हिम्मत नहीं हारी जिससे उसका हौसला और बढ़ गया
उसने भारत माता की जय का नारा लगाया और आगे बढ़ा जिधर से हथगोला आया था वही दुश्मनों की और देशरत्न ने गोली और बमों की बारिश कर दी थोड़ी देर में ही दुश्मनों को मार गिराया और अपने देश का तिरंगा लहरा दिया भारत माता की जय का नारा लगाया
जब देशरत्न दुश्मनों का निरक्षण करने के लिए कुछ कदम आगे बढ़ाया वैसे ही दुश्मनों की गोलियां फिर शुरू हो गई जिसमें से एक गोली देशरत्न के पैर पर लगी जिससे वह गिर गया लेकिन वह दोबारा उठकर फायर करने लगा
अचानक एक बम का गोला उसके ऊपर गिरा जिससे वह शहीद हो गया मां मुझको बंदूक मंगा दे गाने वाला लड़का सचमुच बंदूक से अपने देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए शहीद हो गया
जिसमें सभी विद्यार्थी अपने अपने देश भक्ति गीत सुना रहे थे उसी में से एक चौथी कक्षा का विद्यार्थी बहुत जोश और आत्मविश्वास के साथ एक कविता सुना रहा था
मां मुझे बंदूक मंगा दे , मैं भी लड़ने जाऊंगा ,
सीमा पर आए दुश्मनों को , मैं भी मार गिरा लूंगा ।
देश रत्न hindi story
वह बालक 9 साल का था जिसका नाम देश रत्न था उसकी कविता सुनकर स्कूल के हेड मास्टर बहुत खुश हुए जैसे ही कविता पूरी हुई सभी छात्रों ने तालियों से स्वागत किया और कार्यक्रम समाप्त होने के बाद देशरत्न को एक पुरस्कार मिलता हैदेशरत्न को भगत की वीरता नाम की एक पुस्तक भेंट दी गई इस पुस्तक को पाकर देशरत्न को ऐसा लगा कि जैसे वह एक देश का बहादुर सैनिक बन गया हो इस पुस्तक ने देश रत्न का जीवन ही बदल दिया सोते जागते उठते बैठते उसे देश का सैनिक और तिरंगा ही नजर आने लगा
देशभक्त की भावना उसकी रग रग में समाने लगी देशरत्न के पिता एक डाकू थे जिसके कारण उसके घर सब बंदूकधारी को आते जाते देखता था और उन लोगों के साथ रहते-रहते उनकी तरह हरकतें करने लगा
यह देखकर देशरत्न की मां को लगा कहीं यह भी अपने पापा की तरह डाकू ना बन जाए यह सोचकर वह परेशान रहती थी देशरत्न अपने साथ के बच्चों को मारता पीटता रहता था और बहुत शैतानी करता और किसी की बात नहीं मानता आसपास के लोग उसकी मां को ताने देते थे
1 दिन की बात है कि स्कूल के मास्टर देशरत्न के घर के सामने से गुजर रहे थे देश रत्न को बच्चे के साथ मारपीट करते देख उसे बुलाया और उससे पूछा बेटा तुम पढ़ने जाते हो तब उसने कहा कि नहीं फिर मास्टर ने पूछा क्यों नहीं जाते तो देश रत्न ने कहा पिताजी नहीं भेजते
तो मास्टर देश रत्न को लेकर उसकी मां के पास गए और उसकी मां की इजाजत लेकर देशरत्न को अपने स्कूल ले गए मास्टर ने देश रत्न का स्कूल में नाम लिखवा दिया उस मास्टर ने देश रत्न की दशा और दिशा दोनों ही बदल दी
कुछ दिन के बाद देशरत्न पढ़ लिखकर एक सैनिक बन गया अपनी मेहनत और लगन से वह कैप्टन भी बन गया अचानक एक दिन सीमा पर युद्ध छिड़ गया बहादुर कैप्टन देशरत्न को इस युद्ध का सामना करना पड़ा और देशरत्न ने अपनी टीम को बॉर्डर पर तैनात कर दिया
और गोलियों की बौछार होने लगी जिसमें से कुछ गोलियां सैनिकों को झेलनी पड़ी और वह शहीद हो गए एक बम का गोला देशरत्न के पास गिरा जिससे देश रत्न का एक हाथ के चिथड़े बनकर अलग हो गए लेकिन देशरत्न ने हिम्मत नहीं हारी जिससे उसका हौसला और बढ़ गया
उसने भारत माता की जय का नारा लगाया और आगे बढ़ा जिधर से हथगोला आया था वही दुश्मनों की और देशरत्न ने गोली और बमों की बारिश कर दी थोड़ी देर में ही दुश्मनों को मार गिराया और अपने देश का तिरंगा लहरा दिया भारत माता की जय का नारा लगाया
जब देशरत्न दुश्मनों का निरक्षण करने के लिए कुछ कदम आगे बढ़ाया वैसे ही दुश्मनों की गोलियां फिर शुरू हो गई जिसमें से एक गोली देशरत्न के पैर पर लगी जिससे वह गिर गया लेकिन वह दोबारा उठकर फायर करने लगा
अचानक एक बम का गोला उसके ऊपर गिरा जिससे वह शहीद हो गया मां मुझको बंदूक मंगा दे गाने वाला लड़का सचमुच बंदूक से अपने देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए शहीद हो गया
देशरत्न
Reviewed by Anand Singh
on
May 04, 2020
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