विनोद की दादी
गोंडा के अजय नगर गांव में बहुत गर्मी पड़ रही थी सारा गांव गर्मी से बहुत परेशान था सभी गांववासी आकाश में काले बादलों का इंतजार कर रहे थे एक दिन विशाल के घर से जोर-जोर से आवाज आती है विशाल की बूढ़ी मां अपने बेटे को आवाज लगाती है
लेकिन विशाल को सुनाई नहीं देता क्योंकि वह अखबार में व्यस्त था तभी विशाल का 12 साल का बेटा जिसका नाम विनोद था वह अपनी दादी की आवाज सुनकर दौड़ता हुआ आता है और अपनी दादी से बोलता है कि दादी आप जोर जोर से आवाज क्यों लगा रही हो
विनोद की मीठी बात सुनकर दादी खुश हो गई और विनोद से कहा बेटा मुझे ठंडा पानी पिला दे यह सुनकर विनोद अपनी दादी को ठंडा पानी पिलाता है और बोलता है कि दादी आप आराम करो मुझे कुछ कार्ड बनाने हैं दादी ने हैरानी से पूछा बेटा तुम यह कार्ड क्यों बना रहे हो
तुमने स्कूल का सारा काम कर लिया तभी अचानक विनोद की मां आ गई और विनोद को डांटने लगी और अपनी सास से बोली माता जी आप विनोद को बिगाड़ रही हो इसे आप बार-बार मत बुलाया करो यह पढ़ाई नहीं कर पाता इतना कहते हुए विनोद की मां उसका कान पकड़ कर कमरे से बाहर ले जाती है
और कहती है कि यह जितना कागज फैलाया है उन्हें उठाकर कूड़ेदान में डालो और दोबारा कागज मत फैलाना और गुस्से में चली गई विनोद के पापा ने अपने बेटे से कहा कि तुम पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे रहे हो तुम अपना घर का सारा काम कर लो तो तुम्हें घुमाने ले जाऊंगा
फिर विनोद अपना सारा काम निपटा कर दो सुंदर से कार्ड बनाता है विनोद ने चुपचाप मुस्कुराते हुए अपनी दादी के कमरे मैं गया और अपनी दादी की आंखें बंद करते ही बोला दादी पहचानो कौन दादी ने भी खुश होकर उसे प्यार से छुआ और बोली मेरा छोटा सा कन्हैया
फिर विनोद बोला दादी जी मेरे स्कूल में मेरे मास्टर ने कहा था कि हमें सबको खुशी देनी चाहिए तब दादी खुश होकर बोली बेटा तुम क्या बना रहे थे जो तुम्हें इतनी डांट पड़ी तो विनोद ने अपनी दादी को काट दिया जिसमें लिखा था जन्मदिन मुबारक हो
दादी के जन्मदिन की बात विनोद के माता-पिता को भी नहीं पता थी पर उसके पोते को याद थी यह जानकर दादी की आंखों में आंसू आ गए और अपने पोते को गले से लगा लिया और ढेर सारा आशीर्वाद दिया
विनोद के माता-पिता दादी और पोते का प्यार देख रहे थे तब उन्हें भी अपनी भूल का एहसास हो गया दोनों उनके पास गए विनोद ने अपने माता पिता को आता देख अपने कानों को हाथों से छुपा लिया उसे लगा कि आज उसकी पिटाई होगी
जब विनोद ने सब ठीक-ठाक देखा तो दूसरा कार्ड अपने माता पिता को दिया जिसमें लिखा था मम्मी-पापा मुझे माफ कर दो कार्ड पढ़कर विनोद के माता-पिता ने अपने बेटे को सीने से लगा लिया और खूब सारा प्यार किया और कहा बेटा तुम अपनों से बड़ों का ऐसे ही सम्मान करते रहना
लेकिन विशाल को सुनाई नहीं देता क्योंकि वह अखबार में व्यस्त था तभी विशाल का 12 साल का बेटा जिसका नाम विनोद था वह अपनी दादी की आवाज सुनकर दौड़ता हुआ आता है और अपनी दादी से बोलता है कि दादी आप जोर जोर से आवाज क्यों लगा रही हो
विनोद की मीठी बात सुनकर दादी खुश हो गई और विनोद से कहा बेटा मुझे ठंडा पानी पिला दे यह सुनकर विनोद अपनी दादी को ठंडा पानी पिलाता है और बोलता है कि दादी आप आराम करो मुझे कुछ कार्ड बनाने हैं दादी ने हैरानी से पूछा बेटा तुम यह कार्ड क्यों बना रहे हो
विनोद की दादी hindi story
तुमने स्कूल का सारा काम कर लिया तभी अचानक विनोद की मां आ गई और विनोद को डांटने लगी और अपनी सास से बोली माता जी आप विनोद को बिगाड़ रही हो इसे आप बार-बार मत बुलाया करो यह पढ़ाई नहीं कर पाता इतना कहते हुए विनोद की मां उसका कान पकड़ कर कमरे से बाहर ले जाती है
और कहती है कि यह जितना कागज फैलाया है उन्हें उठाकर कूड़ेदान में डालो और दोबारा कागज मत फैलाना और गुस्से में चली गई विनोद के पापा ने अपने बेटे से कहा कि तुम पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे रहे हो तुम अपना घर का सारा काम कर लो तो तुम्हें घुमाने ले जाऊंगा
फिर विनोद अपना सारा काम निपटा कर दो सुंदर से कार्ड बनाता है विनोद ने चुपचाप मुस्कुराते हुए अपनी दादी के कमरे मैं गया और अपनी दादी की आंखें बंद करते ही बोला दादी पहचानो कौन दादी ने भी खुश होकर उसे प्यार से छुआ और बोली मेरा छोटा सा कन्हैया
फिर विनोद बोला दादी जी मेरे स्कूल में मेरे मास्टर ने कहा था कि हमें सबको खुशी देनी चाहिए तब दादी खुश होकर बोली बेटा तुम क्या बना रहे थे जो तुम्हें इतनी डांट पड़ी तो विनोद ने अपनी दादी को काट दिया जिसमें लिखा था जन्मदिन मुबारक हो
दादी के जन्मदिन की बात विनोद के माता-पिता को भी नहीं पता थी पर उसके पोते को याद थी यह जानकर दादी की आंखों में आंसू आ गए और अपने पोते को गले से लगा लिया और ढेर सारा आशीर्वाद दिया
विनोद के माता-पिता दादी और पोते का प्यार देख रहे थे तब उन्हें भी अपनी भूल का एहसास हो गया दोनों उनके पास गए विनोद ने अपने माता पिता को आता देख अपने कानों को हाथों से छुपा लिया उसे लगा कि आज उसकी पिटाई होगी
जब विनोद ने सब ठीक-ठाक देखा तो दूसरा कार्ड अपने माता पिता को दिया जिसमें लिखा था मम्मी-पापा मुझे माफ कर दो कार्ड पढ़कर विनोद के माता-पिता ने अपने बेटे को सीने से लगा लिया और खूब सारा प्यार किया और कहा बेटा तुम अपनों से बड़ों का ऐसे ही सम्मान करते रहना
विनोद की दादी
Reviewed by Anand Singh
on
May 04, 2020
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