गरीबी का कहर

मै आप को एक देश कि कहानी सुनाता हूं जो मां के दिल को दहला देगा एक देश में सूरजपुर नाम का एक कस्बा था वहां रमजान और रामू नाम के सक्स रहते थे बड़ी मुश्किल  से अपना गुजारा करते थे और रामू अपनी बीबी के साथ रहता था और कोई भी काम हो दोनों मिल जुल के करते थे और उनकी 6 साल की लड़की थी जिसका नाम सोना था

वहीं रमजान का भी एक लड़का था उसका नाम सानू था रमजान जंगल से लकड़ी काटकर लाता था और रामू लकड़ी को बाजार में बेचता था जो भी पैसे मिलते दोनों आपस में बराबर बांट लेते थे उन्हीं पैसो से अपना गुजारा करते थे

Garibi ka kahar hindi story


एक शहर में एक वायपारी रहता था जो बच्चो को खरीदता था अक्सर सूरजपुर से गुजरता रहता था अचानक एक दिन रामू व्यापारी से मिला और रमजान के घर भी व्यापारी आए हुए थे इधर रामू ने अपनी बेटी सोना का सौदा कर दिया

गरीबी का कहर Hindi Story


इधर रमजान ने भी अपने बेटे सानू को बेच दिया जब व्यापारी दोनों को ले जाने लगे तो दोनों बच्चे अपने माता पिता से लिपट कर रोने सिस्कने लगे सानू की मां और रामू की मां दोनो अपने बच्चो को गले लगाकर रोने लगी

सोना रोते हुए कहती है कि पापा मुझे मत बेचो मै कभी कोई जिद नहीं करूंगी और ना मै परेशान करूंगी रहूंगी भूकी प्यासी रह लूंगी मगर लब नहीं खोलूंगी बिना आप के मैअकेले नहीं रह पाऊंगी बहुत छोटी हूं पापा मै केसे नहाऊंगी और खाऊंगी पापा मुझे मत बेचो

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इधर सानू भी अपनी मां की गोदी में रोता रहा और अपने पापा से कहता था कि पापा मुझे मत बेचो मै आपके बहुत काम आऊंगा मै आपके साथ जंगल में लकड़ी काटने जाऊंगा और फटे कपडे पहन लूंगा लेकिन में कुछ नहीं कहूंगा और मै स्कूल भी नहीं जाऊंगा पापा मै बहुत छोटा हूं मुझे मत बेचो

लेकिन सोना और सानू कि किसी ने नहीं सुनी और व्यापारी दोनों को लेकर चले गए वे व्यापारी बच्चो के हांथ ,पैर कटवाकर भीख मंगवाते थे जब वो दोनों बच्चो को लेकर वहां पहुंचे तो वहां का नजारा देखकर दोनों बच्चे डर गए क्योंकि वहां जो बच्चे थे वो डरे हुए थे और उनके हांथो में कटोरा था और उनके हांथ पैर कटे हुए थे

ये देखकर वो दोनों डर के मारे भूखे ही सो गए जब आधी रात से ज्यादा हो गई तब वह दोनों ने देखा कि चारों तरफ सन्नाटा है यह देखकर सानू ने सोना से कहा बहन यहां से भागने के लिए तैयार हो जाओ दोनों वहां से बड़ी मुश्किल से भाग गए लेकिन रोड पर बहुत सन्नाटा था और वह दोनों चलते जा रहे थे                                               

अचानक एक पुलिस वाले की नजर उन दोनों बच्चों पर पड़ी तो पुलिस ने उन दोनों बच्चों को प्यार से रोका और प्यार से पूछा बेटा तुम दोनों इतनी रात को अकेले कहां जा रहे हो तब दोनों बच्चों ने पुलिस को सारी हकीकत बता दी बच्चों की बात सुनकर पुलिस की आंखों में पानी भर आया और वह दोनों बच्चों को लेकर थाने पहुंच गए

 थाने में जब दरोगा ने पूछा कि यह बच्चे कहां से लाए हो उस पुलिस वाले ने सारी हकीकत दरोगा को बता दी तब दरोगा ने उस व्यापारी के अड्डे पर छापा मारा और व्यापारियों को पकड़कर थाने में बंद कर दिया और दरोगा सोना को लेकर अपने घर चला गया और शानू को ऐसो ने अपना बेटा बना कर रख लिया

 पर सानू की शर्त थी कि मैं अपनी बहन सोना से रोज मिलने जाऊंगा तब ऐसो ने कहा ठीक है एसओ ने सानू को स्कूल में दाखिल करा दिया और दरोगा ने सोना को और वह दोनों मन लगाकर पढ़ने लगे और जब उन दोनों की पढ़ाई पूरी हो गई तो सानू एसपी बन  गया

 तब उसकी बहन बहुत खुश होकर राखी बंधने आई और अपने भाई से कहा कि मेरी शादी होने वाली है और मेरे पापा ने सारी तैयारी कर ली है सानू ने कहा बहन मैं तुम्हें ऐसा तोहफा दूंगा जिससे तुम्हारी खुशी बढ़ जाएगी फिर दरोगा ने सानू से कहा कि मुझे सोना की शादी करने की इजाजत दो तब सानू ने कहा कि आप तो सोना के मालिक है तो मैं आपको कैसे मना कर सकता हूं

तब दरोगा ने सानू से कहा कि तुम्हें सोना का कन्यादान करना है तो सानू ने कहा कि सोना के माता-पिता अभी जिंदा हैं तब दरोगा ने सानू को गले लगा लिया और कहा कि तुम सोना के माता-पिता को ले आओ और सोना को भी लेते जाना यहां का सारा काम मैं संभाल लूंगा सानू अपनी बहन को जीप में बैठाकर चल देता है

 और अपने गांव सूरजपुर पहुंचकर किसी शख्स से पूछता है कि रामू का घर कौन सा है और सोना के घर जैसे ही पहुंचता है सामने सोना के माता-पिता को देखकर पहचान जाता है और जीप से उतर कर उनके पांव छूता है और जब माता पिता ने अपनी बेटी सोना को देखते ही उनकी आंख भर आई और प्यार से अपनी बेटी को गले से लगा लिया

 जब सानू के माता-पिता को पता चला कि उनका बेटा आया है वह दौड़ते हुए आए और अपने बेटे को गले से लगा लिया और रोने लगे बेटे ने अपने माता-पिता को संभाला और सब खुश हो गए तब सानू ने कहा मैं आप का दामन खुशियों से भर दूंगा लेकिन आप सब को मेरे साथ शहर चलना होगा क्योंकि सोना की शादी रचानी है

यह सुनकर सोना और सानू के माता-पिता बहुत खुश हुए और तैयार हो गए सानू के साथ जीप में बैठ कर चल दिए वहां पहुंचते ही देखा कि दरोगा ने मंडप सजा रखा था और फिर सोना की खुशी खुशी शादी हो गई जब सानू ने अपनी बहन का कन्यादान किया तो सबकी आंखों में आंसू भर गए और सोना की विदाई हो गई और सब लोग खुशी-खुशी रहने लगे
गरीबी का कहर गरीबी का कहर Reviewed by Anand Singh on May 04, 2020 Rating: 5

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