बहादुर बालक

एक गांव में एक राजा रहता था उसे चित्रकारी का बहुत शौक था जब भी उसे अपने कामकाज से फुर्सत मिलती तो वह चित्र बनाने लग जाता एक दिन वह अपने चित्रकारी का सामान लेकर एक पहाड़ी पर गया

 और वह पहाड़ी बहुत ऊंची थी उसके चारों तरफ हरे भरे पेड़ थे और ठंडी ठंडी हवा चल रही थी ऐसा वातावरण देखकर राजा का मन बहुत खुश हो गया और वह राजा उस वातावरण का चित्र कैनवास पर बनाने लगा

Bahadur balak hindi story

 राजा मेहनत और लगन से उस वातावरण का चित्र बना रहा था कुछ समय के बाद जब वह चित्र बनकर तैयार हुआ तब राजा उसे ऊपर नीचे दाएं बाएं चारों तरफ से देखने लगे

बहादुर बालक Hindi Story


चित्र को देखते-देखते पीछे की ओर बढ़ते जा रहा थे जितना चित्र से दूर जाते चित्र उतना ही सुंदर दिखाई देता पीछे हटते हटते राजा उस जगह पर जा पहुंचा जहां से वह कभी भी गिर सकते थे उसी पहाड़ी पर एक लड़का बकरी चरा रहा था

अचानक उसकी नजर राजा के ऊपर पड़ी उसने देखा कि राजा पहाड़ी के किनारे पहुंच चुका है जहां से वह कभी भी गिर सकता है यह देखकर वह लड़का तेजी से दौड़ा और राजा ने जो चित्र बनाएं उसको फाड़ने लगाया

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 चित्र को फाड़ता देख राजा तेजी से उस लड़के की और दौड़े और उसे डांटने लगा गुस्से से राजा ने उससे कहा कि तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरी सुंदर सी चित्र को फाड़ने की यह मैंने बहुत मेहनत से बनाई है

 लड़का रोते हुए बोला हुजूर गलती हो गई लेकिन मुझे थोड़ी देर और हो जाती तो आप पहाड़ी से गिर जाते और आप की मौत हो जाती इसलिए मैंने सोचा कि अगर मैं आप के बनाए हुए चित्र को खा फाड़ दू तो आप पीछे हटने की वजह अपने चित्र को बचाने के लिए आओगे

और जिससे आपकी जान बच जाएगी या सुनकर राजा ने जब पीछे मुड़कर देखा तो वह हैरान रह गया लड़के की बुद्धिमानी से बहुत खुश हुआ और उसे अपने गले से लगा लिया और अपने राज महल ले गया फिर राजा ने उसे गुरुजी से शिक्षा दिलवाई कुछ सालों के बाद वह लड़का जब बड़ा हो गया तो राजा ने उसे अपना मंत्री बन दिया

बहादुर बालक बहादुर बालक Reviewed by Anand Singh on May 04, 2020 Rating: 5

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