ना कोई छोटा ना कोई बड़ा

एक समय की बात है एक राजा ने अपने महल में सभी धर्म के ज्ञानी पुरुषों को बुलवाया और कहा मेरे मन में एक शंका है मैं सबसे सर्वश्रेष्ठ धर्म को अपनाना चाहता हूं अब आप लोग बताएं कि सबसे सर्वश्रेष्ठ धर्म कौन सा है

राजा की यह बात सुनकर सभी धर्म के लोग अपने अपने धर्म की प्रशंसा करने लगे और दूसरे धर्म की बुराई करने लगे इस तरह उन में वाद विवाद होता रहा करते-करते 1 सप्ताह गुजर गए परंतु कोई निष्कर्ष नहीं निकला

Na koi Chhota Na Koi Bada Hindi Story

 वाद विवाद की बात प्रजा तक पहुंच गई फिर एक बूढ़ा सा व्यक्ति अपनी फटी धोती पहनकर अपनी लाठी के सहारे राजा के महल पहुंच गया सेवकों ने उन्हें अंदर जाने नहीं दिया हार कर वह द्वार पर ही बैठ गया

ना कोई छोटा ना कोई बड़ा: Hindi Story

जब सुबह के वक्त राजा अपने माल से बाहर निकले तो उस बूढ़े व्यक्ति को देख कर उनके बारे में द्वारपाल से पूछा द्वारपाल ने राजा से कहा महाराज यह अपने धर्म के बारे में बताने आए हैं यह सुनकर राजा ने आदर के साथ उसे अंदर ले गए और कहा आप महल में विश्राम करें और धर्म सभा में उपस्थित हो

जब धर्म सभा लगी तो राजा ने कहा मैं आप लोगों की दलीलें कई दिन से सुन रहा हूं लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला आज हमारे बीच एक बड़े बूढ़े अपने धर्म को सर्वश्रेष्ठ बताएंगे तब राजा ने उस बूढ़े व्यक्ति को अपने धर्म के बारे में बताने को कहा

जब उस बूढ़े व्यक्ति ने कहा कि मैं आपको बैठकर नहीं बता पाऊंगा आपको मेरे साथ कल सुबह नदी के किनारे चलना होगा यह सुनकर सभा के लोग बेचैनी और उत्सुकता से उस बूढ़े व्यक्ति से कहा कि आखिर आप किस धर्म की बात कर रहे हैं और कैसे आपका धर्म सबसे सर्वश्रेष्ठ है

तब उस बूढ़े व्यक्ति ने बड़े मधुर शब्दों में कहा यदि ऐसा है तो राजा के साथ आप सभी नदी के किनारे चलना ऐसा कहकर वह व्यक्ति वहां से चला गया सभी रात भर बेचैन रहे और बूढ़े व्यक्ति के बारे में सोचते रहे

सोचते सोचते सुबह हो गई सभी ज्ञानी राजा के पीछे पीछे नदी के किनारे जा पहुंचे वहां वह बूढ़ा व्यक्ति पहले से उपस्थित था उसने राजा से कहा मैं आपको धर्म के विषय में नदी के उस पार जाकर ही बताऊंगा

उस व्यक्ति की बात सुनकर राजा को बहुत गुस्सा आया परंतु उस पर काबू पाते हुए सैनिकों को नाव लाने को कहा नाव को देखकर उस बूढ़े व्यक्ति ने राजा से कहा इस नाव के सहारे हम दोनों उस पार नहीं जा सकते

ऐसा सुनकर राजा ने दूसरी नाव लाने को कहा देखते-देखते छोटी बड़ी नई पुरानी कई नाम आ गई लेकिन उस बूढ़े व्यक्ति ने सभी नाम पर बैठने से इंकार कर दिया तब राजा को गुस्सा आया और बोले आपने इस सभी नाव को बेकार ठहरा दीया

मेरी समझ से तो इसमें से किसी भी नाव पर सवार होकर हम उस पार जा सकते हैं वहां उपस्थित सभी धर्म के लोगों ने राजा की हां में हां मिलाई यह सुनकर बूढ़ा व्यक्ति बोला क्या आप सभी ऐसा ही सोचते हैं

 जब सभी का उत्तर हां मैं आया तब बूढ़ा व्यक्ति मुस्कुराते हुए बोला राजन जिस तरह यह सभी नाव आपको उस पर पहुंचा सकती है वैसे ही सभी धर्म एक जैसे ही हैं केवल अपनी अपनी सोच का फर्क है रास्ते भिन्न-भिन्न होने से क्या होता है पहुंचते तो सभी एक ही स्थान पर हैं

सभी धर्म एक ही बात कहते हैं सच बोलो इमानदारी को अपनाओ और मनुष्य बनो आप किसी भी धर्म को अपनाएं सभी सम्मान हैं ना कोई छोटा ना कोई बड़ा उस बूढ़े व्यक्ति की बात सुनकर सभी की गर्दन नीचे झुक गई तब राजा ने उस बूढ़े व्यक्ति से क्षमा मांगी और वह अपने अपने घर लौट गए
ना कोई छोटा ना कोई बड़ा ना कोई छोटा ना कोई बड़ा Reviewed by Anand Singh on May 04, 2020 Rating: 5

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