संत या बदमाश

एक दिन बादशाह अकबर के पास एक सिपाही आता है और कहता है मैं माफी चाहता हूं हुजूर लेकिन आपसे एक जरूरी बात करनी थी बादशाह अकबर कहते हैं कहो क्या बात है तभी सिपाही कहता है हुजूर मेरी भतीजी के बारे में है उसके माता-पिता को एक डाकू ने कुछ महीने पहले मार दिया 

अकबर बादशाह बोले बहुत बुरा हुआ आगे बताओ सिपाही कहता है मेरी भतीजी बोलती है की एक डाकू साधु के भेष में घूम रहा है मेरी भतीजी सिर्फ 10 साल की है हुजूर पर मुझे लगता है कि वह सच बोल रही है अकबर बादशाह बोले खैर अभी हमारे सोने का वक्त हो गया है लेकिन कल सुबह उसे दरबार में ले आना हम इस पर गौर करेंगे सिपाही बोला शुक्रिया जहांपना आपको तकलीफ देने के लिए एक बार फिर माफी चाहता हूं

Sant ya Badmash Akbar Birbal story


 और फिर वह वहां से चला जाता है और अकबर बादशाह भी सो जाते हैं अगले ही दिन दरबार में बादशाह पहुंचते ही कहते हैं बीरबल कल रात हमारे एक भरोसेमंद और वफादार सिपाही ने हमें एक समस्या बताई बीरबल बोला हुजूर हमें बताएं कि हम कैसे मदद कर सकते हैं

संत या बदमाश Akbar Birbal story


 समस्या क्या है बादशाह बोले बीरबल हमने आपको अपने राजधानी और आसपास के सारे इलाकों के सारे गुंडों को पकड़ने का काम सौंपा था उस सिपाही ने बताया कि एक डाकू कुछ महीने पहले उसके भाई को मार डाला

 बताइए क्या आपने सारे डाकुओं को गिरफ्तार कर लिया है बीरबल बोला हम सबको तकरीबन पकड़ने में कामयाब हो गए थे शिवाय एक डाकू के जिसको हम पकड़ नहीं पाए उसकी तलाश अब तक जारी है और वह शायद छुपा बैठा है मुझे यकीन है कि हम उसे जल्द ही पकड़ लेंगे वैसे भी पिछले महीने में ऐसी कोई वारदात नहीं हुई है

 बादशाह बोले आप का मतलब एक डाकू अभी भी आजाद है लेकिन बीरबल कहते हैं हुजूर आप समस्या बताइए शायद हम मदद कर सकें बादशाह कहते हैं उस सिपाही ने बताया कि उसकी भतीजी ने डाकू को पहचान लिया है मगर वह अंधे साधु के भेष में घूम रहा है

 हम एक छोटी सी बच्ची का यकीन कैसे करें और काफी लोग भी उस पर विश्वास करते हैं बीरबल बोला हुजूर कोई भी जादूगर अपनी माया जाल से गरीब भोले भाले लोगों को अपने चक्रों में लुभाता है थोड़ी सी जानकारी मिलने पर हम पता लगा सकते हैं 

क्यों ना हम उन सिपाही और उसकी भतीजी से मिलकर उनकी कहानी सुने अकबर बादशाह बोले हां हम भी यही सोच रहे थे तभी सिपाही दिलावर सिंह और उनकी भतीजी को दरबार में पेश किया जाता है दीवान सिंह और उनकी भतीजी दरबार में हाजिर हो जाते हैं

 बादशाह बोले अब हमें पूरी कहानी बताओ सिपाही बोला जहांपना करीब 3 महीने पहले एक डाकू मेरे भाई के घर में घुस आया मेरे भाई और उनकी पत्नी को उसने मार डाला यह छोटी बच्ची उनकी बेटी है और उस हादसे की गवाह भी उस हादसे के बाद से भारी सदमा लगने के कारण इसने अपने बोलने की शक्ति खो दी है 

बादशाह बोले फिर क्या हुआ सिपाही बोला कुछ हफ्ते पहले मैंने एक अंधे साधु के बारे में सुना जो जंगल में रहता है जो लोगों को ठीक करने की शक्ति रखते हैं काफी रोगी उनसे मिलने के बाद ठीक हो जाते हैं और सुकून पाते हैं मैंने सोचा अगर वह सचमुच एक अंतर्यामी है तो शायद वह मेरी भतीजी के बोलने की शक्ति दिलवा सकें

 तभी मेरी भतीजी उसे देख कर बोली यह कातिल है मैं यह चेहरा कभी नहीं भूल सकती यह कोई साधु नहीं है तभी कुछ लोग कहने लगे तुम इसका मुंह बंद करवाओ यह हमारे साधु महाराज की बेइज्जती कर रही है जिसने इसकी आवाज लौट आई है तभी साधु बोला नहीं नहीं रहने दीजिए यह छोटी बच्ची है काफी सदमे में हैं

 मैं अपनी भतीजी को कहने लगा तुम्हें साधु महाराज के बारे में ऐसा नहीं कहना चाहिए उन्होंने तुम्हारी आवाज वापिस लौट आई है मेरी भतीजी बोली नहीं नहीं यह साधु नहीं है यह खूनी है साधु कहने लगा तुम इसे यहां से ले जाओ वरना मैं इसकी बोलने की शक्ति इसे वापस ले लूंगा

 मैंने उस बाबा से कहा इसे माफ कर दीजिए यह नहीं जानती यह क्या बोल रही है चलो यहां से इससे पहले तुम अपनी आवाज फिर से खोदो इसलिए मैं अपनी भतीजी को वहां से लेकर आ गया जहांपना मैं उसे घर ले गया पर यह जिद कर रही है यह कह रही थी कि वही चेहरा था और मुझे भी यकीन हो गया हुजूर पर हमारे पास कोई सबूत ही नहीं जहांपना बोले लेकिन यह कैसे साबित होगा की अंधा साधु एक ढोंगी है 

बीरबल बोला हुजूर हम पता लगा सकते हैं कि यह आदमी सही में साधु है या फिर एक ढोंगी क्या मैं आपसे एक बात कर सकता हूं तभी बीरबल बादशाह के कान में कुछ कहता है बादशाह कहते हैं ठीक है हम कल उस साधु से जाकर मिलेंगे अगले दिन बादशाह घोड़े पर बैठकर उस साधु से मिलने जाते हैं 

साधु को देख कर कहते है प्रणाम साधु महाराज साधु बोला आओ बैठो अकबर बादशाह बोले हमें आपकी शक्ति और चमत्कारों के बारे में इतना कुछ सुना है कि हमें आना पड़ा बाबा बोले यह तो विश्वास की बात है ऊपर वाले की शक्ति में विश्वास रखो तो कुछ भी हो सकता है 

बादशाह बोले यह आपका बड़प्पन है अकबर बादशाह बोले हम कुछ प्रसाद चढ़ाने आए है और आपका आशीर्वाद चाहते हैं बाबा बोले हमारा आशीर्वाद तो तुम्हारे साथ है तभी बीरबल वहां आ जाता है और कहता है वो यही है बेईमान और खूनी मैं उसका सर काट दूंगा बेईमान कहीं का तभी साधु पर तलवार से वार करने जाता है 

और साधु आंखें खोल कर अपने आप को बचाने के लिए उठा लेता है तभी अकबर बादशाह कहते हैं ओ तो तुम अंधे हो भाइयों इस नकली साधु को गिरफ्तार कर लो तुम ने इस मासूम बच्ची को अनाथ कर दिया और लोगों के विश्वास और भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है इसके लिए हम तुम्हें मौत की सजा सुनाते हैं ले जाओ इस डाकू को तभी बच्ची को कहते हैं तुमने निडर होकर भादुरी से सच्चाई का साथ दिया है बच्ची तुम्हें इनाम दिया जाएगा

 तभी वह सिपाही शुक्रिया अदा करता है तो बादशाह बोले शुक्रिया अदा बीरबल का करो उसी के कारण इस ढोंगी साधु की असलियत सामने आई बीरबल बोला यह आसान था हुजूर कोई भी स्वाभाविक रूप से खतरे में अपने  सुरक्षा अवश्य करेगा अगर वह सच में अंधा नहीं हो तो इसीलिए पकड़ा गया
संत या बदमाश संत या बदमाश Reviewed by Anand Singh on May 25, 2020 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.