पुलिस वाली बहू
16 साल के भानु नाम का लड़का और उसके माता-पिता पुलिस स्पेक्टर थे उनके साथ उनकी दादा दादी भी रहते थे भानु के माता पिता ड्यूटी पर जा रहे थे तभी भानु बोला मम्मी पापा मेरे लिए लौटते समय एक एरोप्लेन लेकर आना उसके पापा बोले ठीक है बेटा लेते आऊंगा
तुम दादा दादी को ज्यादा परेशान मत करना तब भानु कहता है ठीक है नहीं करूंगा फिर थोड़ी देर बाद भानु अपनी दादी के साथ पार्क में खेलने चला जाता है खेलते खेलते दादी उससे पूछती है बेटा तुम बड़े होकर क्या बनोगे तो भानु कहता है मैं बड़ा होकर मम्मी पापा की तरह पुलिस वाला बनूंगा
कुछ समय बाद भानु के माता-पिता लौट आते हैं भानु बहुत खुश होता है और कहता है मम्मी पापा आ गए आप मेरे लिए एरोप्लेन लेकर आए तब उसके पापा बोले हां बेटा मैं ले आया हूं तुम्हारा एरोप्लेन तब भानु की मम्मी अपनी साल से पूछती है कहती है मम्मी इसने आपको ज्यादा परेशान तो नहीं किया
तब उसकी दादी बोली नहीं परेशान नहीं किया तभी अगले दिन भानु के दादाजी भानु को लेकर पारक में घुमाने ले जाते हैं उसके दादा उसको लंबाई बढ़ाने वाले झूले पर लटका देते हैं और कहते हैं देखो अगर तुम्हें अपने मम्मी पापा की तरह पुलिस वाला बनना है तो रोज ऐसे ही लटकना होगा
कुछ दिनों के बाद भानु के माता-पिता का कार एक्सीडेंट हो जाता है और उन दोनों की मृत्यु हो जाती है भानु के दादा दादी भानु की परवरिश करते हैं भानु जब 18 साल का हो जाता है तो वह पुलिस में जाने की तैयारी करने लगता है सुबह 4:00 बजे उठकर पारक में दौड़ लगाता है
लंबी कद ऊंची कूद कि खुद ही प्रैक्टिस करता है एक दिन भानु पहाड़ों पर चढ़ने की प्रैक्टिस करता है उसी समय उसके पैर में सांप काट लेता है भानु तुरंत अपना चाकू निकालकर जहां सांप ने काटा था उसी जगह को चाकू से काट देता है उसके बाद वह अपनी शर्ट उतार कर उस जगह बांध देता है
ताकि सांप का विष निकल जाए और पूरे शरीर में ना फैले लेकिन खून ज्यादा बहने से भानु वहीं पर बेहोश हो जाता है जब उसको होश आता है तो अपने दादा दादी को सामने देखता है और कहता है अरे मैं हॉस्पिटल में कैसे पहुंचा तभी दादी कहती है बेटा 2 लोग तुझे यहां लेकर आए थे
तुम 3 दिन से बेहोश पड़े हो तुम्हें खून की कई बोतलें चढ़ चुकी हैं तभी दादा जी कहते हैं आज तुम्हारा फिजिकल टेस्ट था लेकिन तुम्हारे खून के कम होने के कारण तुम नहीं जा सके लेकिन तुम्हारी कल यहां से छुट्टी हो जाएगी तब मजबूरी में भानु एक फैक्ट्री में जॉब करने लगा
कुछ दिनों बाद भानु के दादाजी की मृत्यु हो गई भानु की दादी कहती है बेटा मैं बीमार रहती हूं और तुम ड्यूटी पर चले जाते हो यहां तो कोई खाना देने वाला है ना कोई मेरा ध्यान रखने वाला तुम शादी कर लो घर में बहू आ जाएगी तो काम में हाथ बता देगी
1 दिन भानु और उसकी दादी लड़की को देखने जाते हैं और वह लड़की के घर पहुंच जाते हैं तभी दादी कहती है बेटी तुमने क्या क्या कर रखा है तभी उसकी बेटी कहती है जी मैंने B.A. कर रखा है दादी भानु से कहती है बेटा भानु क्या तुम्हें यह लड़की पसंद है तो भानु कहता है हां दादी जी तभी कुछ दिनों के बाद उन दोनों की शादी हो जाती है
फिर वह लड़की भानु के घर आ जाती है भानु के माता-पिता को पुलिस की वर्दी में तस्वीर पर लगी देखती है तब वह कहती है जब तुम्हारे माता-पिता दोनों पुलिस में थे तब तुमने पुलिस में जाने की तैयारी क्यों नहीं की भानु फिर उसे पूरी कहानी बताता है और कहता है मेरी किस्मत ने ही मेरा साथ नहीं दिया
और मेरे माता-पिता और दादा-दादी का भी यही सपना था कि मैं पुलिस में जाऊं लेकिन ईश्वर की मर्जी के खिलाफ इंसान क्या कर सकता है तभी उसकी बीवी कहती है मैं तुम्हारे माता पिता का सपना पूरा करूंगी मैं पुलिस में जाने की तैयारी करूंगी और तुम मेरी तैयारी में मेरी मदद करना
तब अगले दिन भानु अपनी बीवी को तैयारी करवाने लगता है तब वह दोनों रोजाना 10 किलोमीटर दौड़ने लगे भानु अपनी बीवी को लंबी कूद ऊंची कूद सब कुछ सिखा देता है कुछ दिन के बाद उसकी आईपीएस की परीक्षा देती है और पास कर लेती है
जब फिजिकल टेस्ट की बारी आती है फिर एक दिन उसकी बीवी सीढ़ियों से उतरते समय फिसल कर गिर जाती है और उसके सर में चोट लग जाती है तब दादी कहती है बेटी अब तुम्हें आराम की जरूरत है तुम फिजिकल टेस्ट की तैयारी बंद कर दो
तभी उसकी बीवी कहती है नहीं दादी मेरे सर पर चोट जरूर लगी है लेकिन मैं फिर भी अपनी तैयारी जारी रखूंगी तब उसकी बीवी पट्टी बांधकर ऊंची कूद लंबी कूद और दौड़ की प्रैक्टिस जारी रखती है जब फिजिकल टेस्ट की बारी आती है
तब तक उसकी चोट भी ठीक हो जाती है वह सभी लड़कियों में फर्स्ट आती है और पुलिस में भर्ती हो जाती है तब भानु की दादी कहती है तुम पर मुझे बहुत गर्व है कि तुमने इतनी परेशानियों के बावजूद तुमने पुलिस वाली बहू बन कर दिखा दिया
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है जब हम अपने टारगेट को पाना चाहते हैं तो उसमें बहुत कठिनाइयां भी पड़ती है लेकिन हमें उन कठिनाइयों से हार नहीं माननी चाहिए उनका सामना करना चाहिए
तुम दादा दादी को ज्यादा परेशान मत करना तब भानु कहता है ठीक है नहीं करूंगा फिर थोड़ी देर बाद भानु अपनी दादी के साथ पार्क में खेलने चला जाता है खेलते खेलते दादी उससे पूछती है बेटा तुम बड़े होकर क्या बनोगे तो भानु कहता है मैं बड़ा होकर मम्मी पापा की तरह पुलिस वाला बनूंगा
कुछ समय बाद भानु के माता-पिता लौट आते हैं भानु बहुत खुश होता है और कहता है मम्मी पापा आ गए आप मेरे लिए एरोप्लेन लेकर आए तब उसके पापा बोले हां बेटा मैं ले आया हूं तुम्हारा एरोप्लेन तब भानु की मम्मी अपनी साल से पूछती है कहती है मम्मी इसने आपको ज्यादा परेशान तो नहीं किया
पुलिस वाली बहू moral story
तब उसकी दादी बोली नहीं परेशान नहीं किया तभी अगले दिन भानु के दादाजी भानु को लेकर पारक में घुमाने ले जाते हैं उसके दादा उसको लंबाई बढ़ाने वाले झूले पर लटका देते हैं और कहते हैं देखो अगर तुम्हें अपने मम्मी पापा की तरह पुलिस वाला बनना है तो रोज ऐसे ही लटकना होगा
कुछ दिनों के बाद भानु के माता-पिता का कार एक्सीडेंट हो जाता है और उन दोनों की मृत्यु हो जाती है भानु के दादा दादी भानु की परवरिश करते हैं भानु जब 18 साल का हो जाता है तो वह पुलिस में जाने की तैयारी करने लगता है सुबह 4:00 बजे उठकर पारक में दौड़ लगाता है
लंबी कद ऊंची कूद कि खुद ही प्रैक्टिस करता है एक दिन भानु पहाड़ों पर चढ़ने की प्रैक्टिस करता है उसी समय उसके पैर में सांप काट लेता है भानु तुरंत अपना चाकू निकालकर जहां सांप ने काटा था उसी जगह को चाकू से काट देता है उसके बाद वह अपनी शर्ट उतार कर उस जगह बांध देता है
ताकि सांप का विष निकल जाए और पूरे शरीर में ना फैले लेकिन खून ज्यादा बहने से भानु वहीं पर बेहोश हो जाता है जब उसको होश आता है तो अपने दादा दादी को सामने देखता है और कहता है अरे मैं हॉस्पिटल में कैसे पहुंचा तभी दादी कहती है बेटा 2 लोग तुझे यहां लेकर आए थे
तुम 3 दिन से बेहोश पड़े हो तुम्हें खून की कई बोतलें चढ़ चुकी हैं तभी दादा जी कहते हैं आज तुम्हारा फिजिकल टेस्ट था लेकिन तुम्हारे खून के कम होने के कारण तुम नहीं जा सके लेकिन तुम्हारी कल यहां से छुट्टी हो जाएगी तब मजबूरी में भानु एक फैक्ट्री में जॉब करने लगा
कुछ दिनों बाद भानु के दादाजी की मृत्यु हो गई भानु की दादी कहती है बेटा मैं बीमार रहती हूं और तुम ड्यूटी पर चले जाते हो यहां तो कोई खाना देने वाला है ना कोई मेरा ध्यान रखने वाला तुम शादी कर लो घर में बहू आ जाएगी तो काम में हाथ बता देगी
1 दिन भानु और उसकी दादी लड़की को देखने जाते हैं और वह लड़की के घर पहुंच जाते हैं तभी दादी कहती है बेटी तुमने क्या क्या कर रखा है तभी उसकी बेटी कहती है जी मैंने B.A. कर रखा है दादी भानु से कहती है बेटा भानु क्या तुम्हें यह लड़की पसंद है तो भानु कहता है हां दादी जी तभी कुछ दिनों के बाद उन दोनों की शादी हो जाती है
फिर वह लड़की भानु के घर आ जाती है भानु के माता-पिता को पुलिस की वर्दी में तस्वीर पर लगी देखती है तब वह कहती है जब तुम्हारे माता-पिता दोनों पुलिस में थे तब तुमने पुलिस में जाने की तैयारी क्यों नहीं की भानु फिर उसे पूरी कहानी बताता है और कहता है मेरी किस्मत ने ही मेरा साथ नहीं दिया
और मेरे माता-पिता और दादा-दादी का भी यही सपना था कि मैं पुलिस में जाऊं लेकिन ईश्वर की मर्जी के खिलाफ इंसान क्या कर सकता है तभी उसकी बीवी कहती है मैं तुम्हारे माता पिता का सपना पूरा करूंगी मैं पुलिस में जाने की तैयारी करूंगी और तुम मेरी तैयारी में मेरी मदद करना
तब अगले दिन भानु अपनी बीवी को तैयारी करवाने लगता है तब वह दोनों रोजाना 10 किलोमीटर दौड़ने लगे भानु अपनी बीवी को लंबी कूद ऊंची कूद सब कुछ सिखा देता है कुछ दिन के बाद उसकी आईपीएस की परीक्षा देती है और पास कर लेती है
जब फिजिकल टेस्ट की बारी आती है फिर एक दिन उसकी बीवी सीढ़ियों से उतरते समय फिसल कर गिर जाती है और उसके सर में चोट लग जाती है तब दादी कहती है बेटी अब तुम्हें आराम की जरूरत है तुम फिजिकल टेस्ट की तैयारी बंद कर दो
तभी उसकी बीवी कहती है नहीं दादी मेरे सर पर चोट जरूर लगी है लेकिन मैं फिर भी अपनी तैयारी जारी रखूंगी तब उसकी बीवी पट्टी बांधकर ऊंची कूद लंबी कूद और दौड़ की प्रैक्टिस जारी रखती है जब फिजिकल टेस्ट की बारी आती है
तब तक उसकी चोट भी ठीक हो जाती है वह सभी लड़कियों में फर्स्ट आती है और पुलिस में भर्ती हो जाती है तब भानु की दादी कहती है तुम पर मुझे बहुत गर्व है कि तुमने इतनी परेशानियों के बावजूद तुमने पुलिस वाली बहू बन कर दिखा दिया
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है जब हम अपने टारगेट को पाना चाहते हैं तो उसमें बहुत कठिनाइयां भी पड़ती है लेकिन हमें उन कठिनाइयों से हार नहीं माननी चाहिए उनका सामना करना चाहिए
पुलिस वाली बहू
Reviewed by Anand Singh
on
May 11, 2020
Rating:
No comments: