पुलिस वाली बेटी
रेखा दसवीं में पढ़ने वाली एक स्टूडेंट थी जो पढ़ाई में बहुत अच्छी थी 1 दिन रेखा की मैडम रेखा के माता-पिता को स्कूल में बुलाती है और रेखा के माता-पिता स्कूल पहुंच जाते हैं टीचर रेखा के माता-पिता को देखकर कहती है आइए सर आइए तब रेखा के पिता कहते हैं क्यों रेखा से कोई गलती हो गई है क्या
तब टीचर बोले नहीं नहीं वह तो हमारे स्कूल की शान है इस बार की 6 महीने की परीक्षा में भी फर्स्ट आई है ऐसे ही मेहनत करती रही तो जरूर टॉप करेगी तब रेखा के पापा ने कहा हां जरूर करेगी रेखा के पापा उसकी पढ़ाई को लेकर बहुत खुश थे
उसके पापा पीटी के टीचर थे रोज सुबह रेखा और उसके पापा दौड़ने जाया करते थे देखा अपने पिता को कहती है पापा फास्ट दौड़ो तब उसके पापा बोले अब मेरी उम्र हो गई है रेखा कहती है कोई उम्र नहीं हुई है आप बस आलसी हो गए हो देखिए देखिए आपकी तो तोंद भी निकल गई है
उनके पापा ने कहा मेरी कोई तोंद नहीं निकली है मैं अभी तुम्हें हरा सकता हूं उसके पापा जी जान लगाकर दौड़ने लगे लेकिन वह रेखा से जीत नहीं पाए फिर वह दोनों पारक में एक्सरसाइज किया करते थे रोज रेखा अपनी सहेली पूजा और दिव्या के साथ स्कूल जाया करती थी
रास्ते में कुछ आवारा लड़के एक पान की दुकान पर खड़े होकर उन्हें छेड़ा करते थे उसमें से एक कहता हाय हाय जानेमन तब दूसरा कहता वह देखो भाई क्या दिखती है तब तीसरा बोला जब यह दौड़ती है तो अंग अंग बिजली दौड़ने लगती है
और उसकी सहेली इन लोगों से परेशान हो जाती हैं और अपने पापा से कंप्लेन करती हैं उसके कुछ दिनों बाद वह लड़के गायब हो जाते हैं यह देखकर रेखा और उनकी सहेलियां खुश हो जाती हैं पर एक महीने बाद तीनों आवारा लड़के वापस आ जाते हैं
एक लड़का बोला हमारी वाली आ गई दूसरा बोला आज तो खतरनाक लग रही है तीसरा बोला हमारी वाली भाग भाग के पतली हो गई उनकी बातें सुनकर तीनों सहेलियों को गुस्सा आ गया और रेखा ने हमें छेड़ेगा कहकर एक जोर से तमाचा मारा
जब उनके दोस्त आगे आए तो रेखा ने तीनों दोस्तों को मारना शुरू किया अकेली रेखा इन तीनों आवारा लड़कों पर भारी पड़ रही थी तब और तीनों लड़के वहां से दुम दबाकर भाग गए पूजा बोली अरे वाह रेखा तुम तो बहुत स्ट्रांग हो उस दिन से रेखा को अपनी ताकत का पता चला
और वह बहुत खुश थी रेखा अपने घर जाती है और अपने पापा से कहती है पापा आज मैंने आवारा लड़कों की खूब अच्छे से पिटाई की रेखा के पापा कहते हैं बेटा लेकिन तुम्हें कुछ हो जाता तो तभी रेखा कहती है पापा लेकिन आपको देखना चाहिए था
कि कितना मजा आया था तीनों लड़के दुम दबाकर भाग गए तभी रेखा के पिता हंसने लगे रेखा कहती है आज मुझे पता चला कि मैं भी स्ट्रांग हूं रेखा के पापा कहते हैं वह तो हो ही सालों से जो दौड़ती आ रही हो और एक्सरसाइज भी कर रही हो तभी देखा कहती है मैं बड़ी होकर पुलिस अफसर बनना चाहती हूं
रेखा के पापा कहते हैं वेरी गुड बेटा लेकिन यह इतना आसान नहीं होता मेहनत करनी पड़ती है उस दिन से रेखा ने अपनी ट्रेनिंग शुरू कर दी वह घंटों तक दौड़ती और एक्सरसाइज करती और पढ़ाई के लिए भी समय निकाल लेती थी तब रेखा की मेहनत रंग लाई
और अपने आईपीएस की परीक्षा पास करके अब वह पुलिस स्पेक्टर बन चुकी थी रेखा को उसी के शहर में ही पोस्टिंग मिली थी उसके परिवार वाले बहुत खुश थे एक दिन देखा के मोहल्ले में कुछ गुंडे आकर हफ्ता मांगने लगे
एक बुड्ढे आदमी को चाकू दिखाकर हफ्ता मांग रहे थे वह बुड्ढा आदमी कहता है अरे भाई कुछ कमाई नहीं हुई तभी गुंडे कहते हैं साले हमसे झूठ बोलेगा जैसे ही वह गुंडे उस बूढ़े आदमी पर हाथ उठाते हैं वैसे ही स्पेक्टर रेखा बीच में आ जाती है तभी रेखा ने उस गुंडे के हाथ मोड़ दिया
और दूसरे गुंडे को ढकेल दिया दूसरा गुंडा बोला क्यों यहां नई आई है हम से पंगा मत ले तुझे बहुत भारी पड़ेगा तभी रेखा कहती है अच्छा और फिर उन गुंडों की जमकर धुलाई करती है और उन्हें पुलिस स्टेशन ले कर चली जाती है उस दिन से देखा पुलिस वाली बेटी के नाम से जागरूक हो गई
तब टीचर बोले नहीं नहीं वह तो हमारे स्कूल की शान है इस बार की 6 महीने की परीक्षा में भी फर्स्ट आई है ऐसे ही मेहनत करती रही तो जरूर टॉप करेगी तब रेखा के पापा ने कहा हां जरूर करेगी रेखा के पापा उसकी पढ़ाई को लेकर बहुत खुश थे
उसके पापा पीटी के टीचर थे रोज सुबह रेखा और उसके पापा दौड़ने जाया करते थे देखा अपने पिता को कहती है पापा फास्ट दौड़ो तब उसके पापा बोले अब मेरी उम्र हो गई है रेखा कहती है कोई उम्र नहीं हुई है आप बस आलसी हो गए हो देखिए देखिए आपकी तो तोंद भी निकल गई है
पुलिस वाली बेटी moral story
उनके पापा ने कहा मेरी कोई तोंद नहीं निकली है मैं अभी तुम्हें हरा सकता हूं उसके पापा जी जान लगाकर दौड़ने लगे लेकिन वह रेखा से जीत नहीं पाए फिर वह दोनों पारक में एक्सरसाइज किया करते थे रोज रेखा अपनी सहेली पूजा और दिव्या के साथ स्कूल जाया करती थी
रास्ते में कुछ आवारा लड़के एक पान की दुकान पर खड़े होकर उन्हें छेड़ा करते थे उसमें से एक कहता हाय हाय जानेमन तब दूसरा कहता वह देखो भाई क्या दिखती है तब तीसरा बोला जब यह दौड़ती है तो अंग अंग बिजली दौड़ने लगती है
और उसकी सहेली इन लोगों से परेशान हो जाती हैं और अपने पापा से कंप्लेन करती हैं उसके कुछ दिनों बाद वह लड़के गायब हो जाते हैं यह देखकर रेखा और उनकी सहेलियां खुश हो जाती हैं पर एक महीने बाद तीनों आवारा लड़के वापस आ जाते हैं
एक लड़का बोला हमारी वाली आ गई दूसरा बोला आज तो खतरनाक लग रही है तीसरा बोला हमारी वाली भाग भाग के पतली हो गई उनकी बातें सुनकर तीनों सहेलियों को गुस्सा आ गया और रेखा ने हमें छेड़ेगा कहकर एक जोर से तमाचा मारा
जब उनके दोस्त आगे आए तो रेखा ने तीनों दोस्तों को मारना शुरू किया अकेली रेखा इन तीनों आवारा लड़कों पर भारी पड़ रही थी तब और तीनों लड़के वहां से दुम दबाकर भाग गए पूजा बोली अरे वाह रेखा तुम तो बहुत स्ट्रांग हो उस दिन से रेखा को अपनी ताकत का पता चला
और वह बहुत खुश थी रेखा अपने घर जाती है और अपने पापा से कहती है पापा आज मैंने आवारा लड़कों की खूब अच्छे से पिटाई की रेखा के पापा कहते हैं बेटा लेकिन तुम्हें कुछ हो जाता तो तभी रेखा कहती है पापा लेकिन आपको देखना चाहिए था
कि कितना मजा आया था तीनों लड़के दुम दबाकर भाग गए तभी रेखा के पिता हंसने लगे रेखा कहती है आज मुझे पता चला कि मैं भी स्ट्रांग हूं रेखा के पापा कहते हैं वह तो हो ही सालों से जो दौड़ती आ रही हो और एक्सरसाइज भी कर रही हो तभी देखा कहती है मैं बड़ी होकर पुलिस अफसर बनना चाहती हूं
रेखा के पापा कहते हैं वेरी गुड बेटा लेकिन यह इतना आसान नहीं होता मेहनत करनी पड़ती है उस दिन से रेखा ने अपनी ट्रेनिंग शुरू कर दी वह घंटों तक दौड़ती और एक्सरसाइज करती और पढ़ाई के लिए भी समय निकाल लेती थी तब रेखा की मेहनत रंग लाई
और अपने आईपीएस की परीक्षा पास करके अब वह पुलिस स्पेक्टर बन चुकी थी रेखा को उसी के शहर में ही पोस्टिंग मिली थी उसके परिवार वाले बहुत खुश थे एक दिन देखा के मोहल्ले में कुछ गुंडे आकर हफ्ता मांगने लगे
एक बुड्ढे आदमी को चाकू दिखाकर हफ्ता मांग रहे थे वह बुड्ढा आदमी कहता है अरे भाई कुछ कमाई नहीं हुई तभी गुंडे कहते हैं साले हमसे झूठ बोलेगा जैसे ही वह गुंडे उस बूढ़े आदमी पर हाथ उठाते हैं वैसे ही स्पेक्टर रेखा बीच में आ जाती है तभी रेखा ने उस गुंडे के हाथ मोड़ दिया
और दूसरे गुंडे को ढकेल दिया दूसरा गुंडा बोला क्यों यहां नई आई है हम से पंगा मत ले तुझे बहुत भारी पड़ेगा तभी रेखा कहती है अच्छा और फिर उन गुंडों की जमकर धुलाई करती है और उन्हें पुलिस स्टेशन ले कर चली जाती है उस दिन से देखा पुलिस वाली बेटी के नाम से जागरूक हो गई
पुलिस वाली बेटी
Reviewed by Anand Singh
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May 11, 2020
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