सच्ची डरावनी कहानी

मेरा नाम विक्की है मैं 21 साल का हूं मैं पंजाब के जालंधर का रहने वाला हूं आपको ऐसे तो बहुत लोग मिले होंगे जो बोलते हैं कि भूत प्रेतों जैसी चीजों पर यकीन नहीं करते लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि इस दुनिया में अगर भगवान है तो शैतान भी है मेरी लाइफ में ऐसे बहुत से खिस्से हुए हैं जो मेरा सामने ऐसी चीजों से हुआ है आज मैं ऐसी ही दो खिस्सो के बारे में बताने जा रहा हूं

 यह पहली कहानी आज से 15 साल पहले की है मैं अपने परिवार के साथ गर्मी की छुट्टियों में अपनी नानी के यहां जम्मू में घूमने गया था वह पूरा इलाका पहाड़ी का है इसलिए वहां घर भी दूर दूर होते हैं तो वहां जाकर मैं और मेरी मौसी का लड़का हम दोनों घर के सामने वाले एक छोटे से पारक में ही दिन भर खेलते रहते थे

Sachi darawni kahani horror story


वहां खेलते हुए अक्सर एक बुढ़िया औरत सफेद कपड़े पहने घूमती दिखाई देती थी दिखने में वह औरत भीख मांगने वाली औरत जैसी लगती थी वह चलती तो बिल्कुल धीरे धीरे थी वह अक्सर हमें छुप-छुप कर देखती रहती थी और आती भी थी छुप छुप के तो ऐसे ही एक दिन रोज की तरह हम दोनों पारक में खेल रहे थे

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 और वह औरत हमारे पास आ गई उसका चेहरा ठीक से दिखाई नहीं दे रहा था धुंधला धुंधला लग रहा था पास आकर वह मुझसे बोली कि बेटा क्या तुम मुझे पानी पिलाओगे मुझे बहुत प्यास लगी है तो मैं घर के अंदर गया और उसके लिए पानी ले आया उसने पानी पिया

 और फिर मुझे और मेरी मौसी के लड़के को खाने के लिए दो अमरुद दिए और वहां से चली गई हम दोनों ने वह अमरूद खा लिए लेकिन अमरूद खाते ही वह औरत फिर से हमारे सामने अचानक से आ गई और जोर-जोर से हंसने लगी और फिर से गायब हो गई

यह देखकर हम दोनों बहुत डर गए और जल्दी से घर के अंदर भाग गए दो-तीन घंटे सब कुछ ठीक रहा लेकिन फिर शाम 7:00 बजे मुझे बहुत तेज बुखार हो गया मेरी आंखें भी नीली पड़ने लगी मुझे हर तरफ सांप ही सांप दिखाई दे रहे थे लेकिन सांप मुझे ही घर में दिखाई दे रहे थे किसी और को नहीं

मैं पूरे घर में इधर-उधर घूम रहा था लेकिन हर जगह सांप मेरे पीछे आ रहे थे यहां तक कि मेरे ऊपर भी चल रहे थे मैंने नानी को यह बात बताई तो नानी तुरंत समझ गई कि किसी ने मेरे ऊपर कुछ करवा दिया है तो उन्होंने जल्दी से एक बाबा के पास जाने को कहा

 मेरी मम्मी और मामा मुझे लेकर स्कूटर पर एक बाबा के पास जाने के लिए निकल गए स्कूटर पर मम्मी ने मुझे गोद में बिठाया हुआ था और उस वक्त भी मेरे हाथ पर दो सांप लटके हुए थे और बहुत सारे सांप पीछे पीछे आ रहे थे

 थोड़ी देर बाद ही हम बाबा के यहां पहुंच गए उस वक्त रात के 12:00 बज चुके थे उनके मंदिर में जाते ही वह सांप जो मेरे हाथों पर लटके हुए थे वह भी गायब हो गए फिर हम बाबा के पास पहुंचे तो मुझे देखते ही समझ गए कि इसके ऊपर किसी ने कुछ कर दिया है

 उन्होंने मुझे एक नारियल खाने को दिया मैंने वह थोड़ा सा ही खाया था कि मुझे उल्टी होने लगी उल्टी में वह अमरुद भी बाहर निकल गया जो मैंने दिन में खाया था लेकिन अब उसका रंग काला पड़ चुका था

 उसके बाद बाबा ने कुछ झाड़-फूंक किया उसके बाद बताया कि वह एक शैतान भूत है उन्होंने बताया कि तुम्हारे बेटे की कुंडली में ऐसा कुछ है कि वह इसे मार के इसकी आत्मा को काबू में करना चाहती है और वह बहुत ही ताकतवर डायन है और उस डायन को मार कर ही इसकी जान बचाई जा सकती है

 उन्होंने कहा मैं इस लड़के के हाथ पैर में धागा बांध दूंगा जिससे वह इस लड़के का कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी मगर आज रात 3:00 बजे से पहले तुम लोगों को घर पहुंच के उस काले अमरूद को भगवान के सामने आग में जलाना होगा उन्होंने कहा तुम्हारे पास टाइम बहुत कम है तुम जल्दी से यहां से निकल जाओ

 हम लोग वहां से जल्दी से निकल गए मैं बिल्कुल बेहोश हो चुका था मामा मुझे बताते हैं कि हम वहां से आ रहे थे तो वह डायन बीच-बीच में उनके रास्ते में दिखाई दे रही थी लेकिन बाबा ने हमें बताया था कि वह हमें डरा सकती है मगर कुछ बिगाड़ नहीं सकती

 कुछ ही देर बाद हम घर के पास पहुंच गए हमने देखा कि घर के करीब 200 मीटर दूर एक पेड़ के ऊपर वह औरत बैठी थी और जोर-जोर से पेड़ को हिला रही थी लेकिन हम जल्दी से घर के अंदर घुस गए और अंदर जाकर जल्दी से भगवान की तस्वीर के सामने आग जलाकर वह अमरूद के टुकड़ों को आग में फेंक दिया

उसके बाद हमने बाहर जाकर देखा कि वह औरत पेड़ पर बैठी रो रही थी यह सब हमारे साथ यहां वहां के और भी कई लोगों ने देखा था हम पूरी रात जागते रहे फिर सुबह हुई तो मुझे भी होश आ गया लेकिन मुझे इसलिए किसी ने नहीं बताया था कि मैं बहुत छोटा था

 फिर मैं जब 16 साल का हुआ तो मेरी दादी ने मुझे यह सारी बात बताई अब यह दूसरी कहानी जब की है जब मैं 14 साल का हुआ था और मेरा मुंडन होना था मुंडन वाले दिन हमारे यहां पूजा होती है और रात में सब लोग पार्टी करते हैं तो उस दिन हमारे सभी रिश्तेदार भी हमारे यहां आए हुए थे

 गर्मी के दिन थे मैं कई बार चोरी चुपे अपने दोस्तों के साथ पास के एक नहर में नहाने जाया करता था उस दिन मेरे यहां बहुत सारे मेहमान भी आए हुए थे तो मैं उन लोगों को लेकर अपने दोस्तों के साथ उस नहर पर चला गया उस वक्त दोपहर के 3:00 बजे थे नहर हमारे घर से ज्यादा दूर नहीं था लेकिन वह एरिया बिल्कुल सुनसान था

 वहां बहुत बड़े-बड़े पेड़ थे तो हम सब नहर की तरफ धीरे-धीरे जा रहे थे लेकिन आगे जाकर हमें एक औरत दिखाई दी वह छोटे से कद की औरत थी जो देखने में बहुत डरावनी लग रही थी वहां खड़ी औरत नहर के सामने देख रही थी हम हिम्मत करके उसके थोड़ा पास गए तो देखा कि उसके हाथ में किसी इंसान का कटा हुआ सर था और वह उस सर से कुछ बातें कर रही थी

यह देखते ही हम सब तेजी से वहां से भागने लगे कुछ देर बाद हम अपने घर पहुंच गए लेकिन हमने किसी को कुछ नहीं बताया नहीं तो सब बहुत गुस्सा करते लेकिन कुछ देर बाद हमने सबको उस बारे में बता ही दिया हमें बहुत डांट पड़ी इसके बाद भी मेरे साथ कई बार ऐसे हादसे हुए हैं
सच्ची डरावनी कहानी सच्ची डरावनी कहानी Reviewed by Anand Singh on May 18, 2020 Rating: 5

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