रोड रोलर वाली पत्नी

जगतपुर गांव में संग्राम नाम के एक शख्स की टायर पंचर  की दुकान थी उसकी दुकान उसके घर से 5 किलोमीटर दूर थी वह साइकिल से दुकान पर जाता था दिन भर काम करता और शाम को वापस आ जाता उसका एक बेटा था शिवा वैसे तो शिवा कॉलेज में पढ़ रहा था लेकिन उसका पढ़ाई में तो बिल्कुल मन नहीं लगता था

अपने आवारा दोस्तों के साथ गांव में घूमता रहता पिता उसे समझाते बेटा अब मैं बूढ़ा हो गया हूं तू काम संभाला कर पढ़ाई में तो तेरा मन नहीं लगता बेटा कहता है ठीक है पिताजी एक दिन संग्राम सिंह बहुत बीमार हो गया तो शिवा को दुकान पर जाना पड़ा

Road roller wali patni moral story


 शाम को जब वह लौट रहा था तो रास्ते में उसे एक रोड रोलर दिखाई दिया उसने देखा कि एक बूढ़ा आदमी दर्द से छटपटा रहा था और रोलर पर एक सुंदर लड़की बैठी हुई थी जो चिल्ला रही थी तभी शिवा रुक जाता है और अपने थैले से पानी की बोतल निकाल कर उसे पिलाता है

रोड रोलर वाली पत्नी moral story


 और कहता है क्या हुआ आपको वह बूढ़ा इंसान बोला सुनो बेटा मुझे दिल का दौरा पड़ा है रोलर पर जो तुम देख रहे हो वह मेरी बेटी है मैं अपनी बेटी और रोलर तुम्हें शोंप रहा हूं लेकिन यह बात याद रहे कि मेरी बेटी के ऊपर एक सराफ लगा है शिवा कहता है कैसा सराफ

 वह आदमी बोला मेरी बेटी केवल रात में ही रोड रोलर से उतर सकती है अगर वह दिन में उतरी तो मर जाएगी इतना कहकर वह बूढ़ा आदमी मर जाता है पहले तो शिवा सोचता है कि कहां से मैंने यह मुसीबत मोल ले ली लेकिन वह लड़की की सुंदरता को देखकर खुश हो जाता है

 और मन में सोचता है इतनी सुंदर लड़की तो मुझे अपने गांव में कभी नहीं मिलेगी वह रोड रोलर पर बैठकर अपने घर पहुंच जाता है अपने घर पहुंच कर रोड रोलर से उतरकर उस लड़की को हाथ बढ़ाता है तभी लड़की कहती है रुको पहले सूरज डूब जाने दो वरना मैं धरती पर पैर रखते ही मर जाऊंगी

जब सूरज डूब जाता है तो वह अपने पिताजी के पास लड़की को लेकर जाता है और पिताजी को सारी बात बताता है शिवा अपने पिताजी से कहता है मैं इस लड़की से शादी करना चाहता हूं संग्राम कहता है ठीक है अब तू बहू को भी ले ही आया है

अब दोनों साथ में खुशी से रहो अगले दिन सुबह होते ही संग्राम देखता है लड़की रोलर पर बैठकर ब्रश कर रही है तभी शिवा से संग्राम कहता है तू यह कैसी लड़की लाया है यह तो कोई काम नहीं कर पाएगी सुबह को नाश्ता खुद बना कर देना पड़ेगा और खाना भी बना कर देना पड़ेगा

 तभी वह लड़की कहती है पिताजी आप अपने गंदे कपड़े ले आइए और शिवा तुम बाल्टी में पानी ले आओ मैं यहीं पर धो देती हूं एक दिन शिवा जब सो कर उठता है तो लड़की उसे कहती है तुम जल्दी से तैयार हो जाओ आज हम गांव में सिनेमा देखने जाएंगे

 लेकिन सिनेमा देखने तो हम रात में भी जा सकते हैं तभी लड़की कहती है नहीं मुझे अभी जाना है जब दोनों रोलर से जा रहे होते हैं पूरा गांव उन्हें देखकर हंसता है साइकिल चलाने वाले बच्चे भी उस रोलर से आगे निकल जाते हैं

 तभी एक बच्चा कहता है यह देखो भैया और भाभी अपनी लोहे की गाड़ी पर बैठकर जा रहे हैं जो बैलगाड़ी से भी धीमी चलती है तभी शिवा कहता है रोल से तो हम रात तक भी नहीं पहुंच पाएंगे रास्ते में हर जगह डीजल भरवाना पड़ता है

घर लौटते लौटते शिवा के सारे पैसे खत्म हो जाते हैं अगले दिन शिवा सोकर उठता है तो लड़की कहती है आज मुझे बाजार में कपड़े खरीदने जाना है तभी शिवा घर के अंदर से एक बड़ी सी कैन अपने सिर पर लेकर आता है उसमें डीजल था और फिर वह रोलर पर जाकर बैठ जाता है

 तभी वह लड़की कहती है इसमें क्या है शिवा कहता है इसमें डीजल है रास्ते में कहां-कहां भरवाते रहेंगे इसलिए साथ ही लेकर चलते हैं दोनों रोलर पर बैठकर मार्केट जाते हैं दुकान वाले को रोलर पर ही कपड़े दिखाने पढ़ते हैं तभी रोड पर जाम लग जाता है

 लौटते समय डीजल खत्म हो जाता है सिवाय एक हाथी पकड़ कर लाता है और उससे रोलर को खींचना पड़ता है एक दिन संग्राम सिंह सिवा से कहता है तूने सारे पैसे डीजल पर खत्म कर दिए हैं अब हम घर में क्या खाएंगे क्या पिएंगे मैं तुम दोनों को घर से बाहर निकाल रहा हूं

तू ऐसी बहू लेकर आया है तो तू ही संभाल संग्राम सिंह उन दोनों को घर से बाहर निकाल देता है तभी सिवा कहता है अब क्या करें मेरी तो कुछ समझ नहीं आ रहा है ना तो हमारे पास रहने की जगह है और ना ही खाने को कुछ है

 तभी वह लड़की कहती है ठंडे दिमाग से काम लो तुम ऐसा काम करो गांव के रोड डलवाने वाले ठेकेदार से बात करो उससे कहना मेरे पास रोड रोलर भी है और उसका ड्राइवर भी वह हमें कितने पैसे देगा शिवा जाकर ठेकेदार से बात करता है

 ठेकेदार कहता है अरे तुम बिल्कुल सही समय पर आए हो मुझे एक रोड रोलर और उसके ड्राइवर की बहुत जरूरत है मैं तुम्हें मुंह मांगी कीमत दूंगा शिवा खुश होकर लौटता है और लड़की को सारी बात बताता है लड़की दिन भर बड़ी मेहनत से रोलर चलाती है

और शिवा मजदूरी करता है इस तरह जल्द ही दोनों अमीर हो जाते हैं और एक बड़ा सा घर खरीद लेते हैं जिससे रोलर भी आसानी से आ जाए एक रात शिवा अपनी बहू को लेकर पिताजी के घर जाता है

 और उनसे कहता है पिताजी अब आपकी उम्र काफी हो गई है अब आप आराम करो हम दोनों कमा कर लाएंगे संग्राम लड़की से कहता है मुझे माफ कर दो बेटी मैं तुम्हें समझ नहीं पाया फिर तीनों लोग खुशी-खुशी रहने लगते हैं
रोड रोलर वाली पत्नी रोड रोलर वाली पत्नी Reviewed by Anand Singh on May 17, 2020 Rating: 5

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