तोता की आजादी
एक दिन बादशाह के दरबार में कुछ सिपाही आते हैं और वह एक तोता लाते हैं उसमें से एक सिपाही कहता है बादशाह सलामत रहे तभी तोता भी कहता है बादशाह सलामत रहे तभी बादशाह कहते हैं कमाल है यह बोलता है तभी तोता कहता है यह बोलता है सिपाही बोला जहांपना यह सब सुनते ही रट लेता है
मेरी तरफ से आपके लिए यह तोहफा तभी अकबर बादशाह हंसने लगते हैं शुक्रिया यह तो मजेदार तोता लाए हो मेरे लिए तभी तोता बोला यह तो मजेदार तोहफा लाए हो तब बादशाह हंसने लगते हैं तोता भी हंसने लगता है बादशाह कहते हैं इसे अंदर ले जाओ और सोने के पिंजरे में रखो फिर एक सिपाही उस तोते को सोने के पिंजरे में रखने के लिए ले जाता है
बादशाह तोते के पास आते हैं उसे मिरची खिलाते हैं वह एक ही झटके में खा जाता है बादशाह कहते हैं और खाओगे मैं तुमसे पूछ रहा हूं तभी बादशाह की बात तोता दोहराने लगता है बादशाह हंसने लगते हैं और सिपाही से कहते हैं तुम इस तोते का ठीक से ख्याल रखना कहीं यह भाग ना जाए और बीमार भी नहीं पढ़ना चाहिए बादशाह वहां से चले जाते हैं
तोता खूब चिल्लाता है तभी सिपाही कहता है अब तुम्हें कोई काम नहीं करना है बस मजे करो और तोता उसकी बात दोहराने लगा सिपाही बोला अरे वाह क्या तोता है दूसरा सिपाही बोला मगर इसके सामने थोड़ा होशियार रहना तोता कहता है दोहराना दे एक सिपाही बोला चुप कर तोता तभी तीनों सिपाही हंसने लगते हैं
एक दिन पिंजरे में बैठकर तोता काफी पंछियों को बाहर उड़ते और इकट्ठा होते देखता है तो बहुत उदास हो जाता है पिंजरे में वह काफी फड़फड़ाने लगता है और चिल्लाने भी लगता है तोता फड़फड़ाते फड़फड़ाते थक जाता है
तभी एक सिपाही वहां आता है और उसे अंगूर खिलाता है खाओ खाओ ना भाई खाओ ना तभी दूसरा दरबारी भी वहां आ जाता है वह कहता है कब से इसने खाया नहीं बहुत दिनों से सेहत तो ठीक लगती है पर आप पहले जैसे नहीं रहे फिकर मत करो मैं यह दवाई दे रहा हूं खाना शुरू कर देगा
उसने पिंजरे का दरवाजा खोलकर तोता को दवाई देना चाहा वैसे ही तोता ने पंख मारकर दवाई गिरा दी और जोर-जोर से चीखने लगा फिर उसने अपनी उंगली से एक दवाई रखी और पिंजरे के अंदर ले गया तभी तोते ने उसकी उंगली भी काट ली वह आऊच करके नीचे गिर गया और बोला बदमाश शैतान कहीं का
तभी तोता उसकी बात दोहराने लगा दूसरा सिपाही बोला संभल के हुजूर गंदे शब्द मत बोलिए इसके सामने तभी तोता उसकी बात दोहराने लगता है तभी बहुत सारे सिपाही वहां आ जाते हैं सिपाही उस तोते को मिट्ठू मियां मिट्ठू मियां कहने लगते हैं और तोता चिल्ला चिल्ला कर पिंजरे में अपने सारे पंख तोड़ लेता है और वह मर जाता है तभी बाकी के सिपाही वहां से चले जाते हैं
बस एक सिपाही बैठकर रोने लगता है तभी वहां पर बीरबल और एक सैनिक आते हैं वह सिपाही कहता है दादा बीरबल आप इस बूढ़े गरीब को बचा लीजिए 40 साल की सजा देंगे तोते की देखभाल में कोई कसर नहीं कि तो तभी बीरबल उस रोते हुए बूढ़े आदमी को चुप करवाया और कहां फिक्र मत करो मैं खुद जाकर बादशाह को तोते की मौत की खबर दूंगा लेकिन तुम कुछ मत बोलना बस मुझे बोलने देना
बीरबल बादशाह के पास जाता है और सलाम करता है बादशाह बोले बीरबल इतनी सुबह-सुबह तभी बूढ़ा आदमी को बादशाह देखते हैं और कहते हैं तोता सही सलामत है ना बीरबल बोला अब नहीं हुजूर बादशाह बोले अब नहीं से क्या मतलब है बीरबल बोला तुम्हारा वह तोता मर गया क्योंकि वह यहां खुश नहीं था
जहांपना उसका यह महल हरे भरे जंगलों के सामने कुछ नहीं जहां वह पैदा हुआ था सोने का पिंजरा भी उसे बांधकर नहीं रख सका वह उन जंगलों में उड़ने के लिए बेचैन था जहां वह पल्ला बड़ा था लेकिन आजाद होने की छटपटाहट ने उसकी जान ले ली बादशाह बोले तुमने ना इस बुजुर्ग को सजा से बचाया है बल्कि मेरी भी आंखें खोल दी पंछी पिंजरे में रहने के लिए नहीं होते उड़ने के लिए याद रहे
मेरी तरफ से आपके लिए यह तोहफा तभी अकबर बादशाह हंसने लगते हैं शुक्रिया यह तो मजेदार तोता लाए हो मेरे लिए तभी तोता बोला यह तो मजेदार तोहफा लाए हो तब बादशाह हंसने लगते हैं तोता भी हंसने लगता है बादशाह कहते हैं इसे अंदर ले जाओ और सोने के पिंजरे में रखो फिर एक सिपाही उस तोते को सोने के पिंजरे में रखने के लिए ले जाता है
बादशाह तोते के पास आते हैं उसे मिरची खिलाते हैं वह एक ही झटके में खा जाता है बादशाह कहते हैं और खाओगे मैं तुमसे पूछ रहा हूं तभी बादशाह की बात तोता दोहराने लगता है बादशाह हंसने लगते हैं और सिपाही से कहते हैं तुम इस तोते का ठीक से ख्याल रखना कहीं यह भाग ना जाए और बीमार भी नहीं पढ़ना चाहिए बादशाह वहां से चले जाते हैं
तोता की आजादी Akbar Birbal story
तोता खूब चिल्लाता है तभी सिपाही कहता है अब तुम्हें कोई काम नहीं करना है बस मजे करो और तोता उसकी बात दोहराने लगा सिपाही बोला अरे वाह क्या तोता है दूसरा सिपाही बोला मगर इसके सामने थोड़ा होशियार रहना तोता कहता है दोहराना दे एक सिपाही बोला चुप कर तोता तभी तीनों सिपाही हंसने लगते हैं
एक दिन पिंजरे में बैठकर तोता काफी पंछियों को बाहर उड़ते और इकट्ठा होते देखता है तो बहुत उदास हो जाता है पिंजरे में वह काफी फड़फड़ाने लगता है और चिल्लाने भी लगता है तोता फड़फड़ाते फड़फड़ाते थक जाता है
तभी एक सिपाही वहां आता है और उसे अंगूर खिलाता है खाओ खाओ ना भाई खाओ ना तभी दूसरा दरबारी भी वहां आ जाता है वह कहता है कब से इसने खाया नहीं बहुत दिनों से सेहत तो ठीक लगती है पर आप पहले जैसे नहीं रहे फिकर मत करो मैं यह दवाई दे रहा हूं खाना शुरू कर देगा
उसने पिंजरे का दरवाजा खोलकर तोता को दवाई देना चाहा वैसे ही तोता ने पंख मारकर दवाई गिरा दी और जोर-जोर से चीखने लगा फिर उसने अपनी उंगली से एक दवाई रखी और पिंजरे के अंदर ले गया तभी तोते ने उसकी उंगली भी काट ली वह आऊच करके नीचे गिर गया और बोला बदमाश शैतान कहीं का
तभी तोता उसकी बात दोहराने लगा दूसरा सिपाही बोला संभल के हुजूर गंदे शब्द मत बोलिए इसके सामने तभी तोता उसकी बात दोहराने लगता है तभी बहुत सारे सिपाही वहां आ जाते हैं सिपाही उस तोते को मिट्ठू मियां मिट्ठू मियां कहने लगते हैं और तोता चिल्ला चिल्ला कर पिंजरे में अपने सारे पंख तोड़ लेता है और वह मर जाता है तभी बाकी के सिपाही वहां से चले जाते हैं
बस एक सिपाही बैठकर रोने लगता है तभी वहां पर बीरबल और एक सैनिक आते हैं वह सिपाही कहता है दादा बीरबल आप इस बूढ़े गरीब को बचा लीजिए 40 साल की सजा देंगे तोते की देखभाल में कोई कसर नहीं कि तो तभी बीरबल उस रोते हुए बूढ़े आदमी को चुप करवाया और कहां फिक्र मत करो मैं खुद जाकर बादशाह को तोते की मौत की खबर दूंगा लेकिन तुम कुछ मत बोलना बस मुझे बोलने देना
बीरबल बादशाह के पास जाता है और सलाम करता है बादशाह बोले बीरबल इतनी सुबह-सुबह तभी बूढ़ा आदमी को बादशाह देखते हैं और कहते हैं तोता सही सलामत है ना बीरबल बोला अब नहीं हुजूर बादशाह बोले अब नहीं से क्या मतलब है बीरबल बोला तुम्हारा वह तोता मर गया क्योंकि वह यहां खुश नहीं था
जहांपना उसका यह महल हरे भरे जंगलों के सामने कुछ नहीं जहां वह पैदा हुआ था सोने का पिंजरा भी उसे बांधकर नहीं रख सका वह उन जंगलों में उड़ने के लिए बेचैन था जहां वह पल्ला बड़ा था लेकिन आजाद होने की छटपटाहट ने उसकी जान ले ली बादशाह बोले तुमने ना इस बुजुर्ग को सजा से बचाया है बल्कि मेरी भी आंखें खोल दी पंछी पिंजरे में रहने के लिए नहीं होते उड़ने के लिए याद रहे
तोता की आजादी
Reviewed by Anand Singh
on
May 22, 2020
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