पटरी पर भूत

एक ट्रेन अपने निर्धारित समय से काफी देरी से चल रही थी उसका कारण यह था कि सर्दी के मौसम में धुंध का अधिक होना ऊपर से रात का वक्त ट्रेन में मौजूद अदिति के नाना जी जो कि उस ट्रेन के लोको पायलट थे उन्हें एक बार फिर ट्रेन को रोकने का सिग्नल मिला दर्शन आने वाले स्टेशन पर एक ट्रेन सिग्नल न मिलने के कारण पहले से ही खड़ी थी

 कुछ देर बाद आदिति के नाना जी को वहां से चलने का सिग्नल मिला तभी उन्होंने ट्रेन का इंजन स्टार्ट किया और चलने से पहले चेतावनी के तौर पर ट्रेन का होरण बजाया  कि अगर कोई भी ट्रेन की पटरी के आस-पास हो या पटरी पर हो तो वह हट जाए

Patri par bhoot horror story


 तीन बार हरण देने के बाद वह आगे बस चलने ही वाले थे कि उनकी नजर सामने पटरियों पर गई जहां उन्होंने देखा की पटरियों पर कोई लेटा हुआ है यूं तो धुंध की वजह से कुछ साफ साफ नहीं दिखाई दे रहा था मगर ट्रेन की लाइट से पता चल रहा था कि कोई तो है जो सफेद कपड़े पहने पटरी पर लेटा है

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आदिति के नाना जी उसे वहां देखकर हैरान थे कायदे से तो अब तक उसे होरन की आवाज सुनने के बाद उसे अब तक पटरियों से हट जाना चाहिए था मगर वह तो अपनी जगह से ट्स से मस ही नहीं हो रहा था अदिति के नाना जी ने ट्रेन के विंडो से आवाज देते हुए कहां अरे भाई होरन की आवाज सुनाई नहीं दे रही क्या चलो अब हट भी जाओ

मगर उनकी बार-बार कहने के बावजूद भी वह वही ज्यों का त्यों पड़ा रहा तब आदिति के नाना जी को गुस्सा आने लगा था वह मन ही मन सोच रहे थे कि कैसा आदमी है  इतनी तेज हरण की आवाज से भी इसे कुछ फर्क नहीं पड़ा वह यह सोचते हुए ट्रेन से नीचे उतरे और उसकी ओर बड़े जब आदिति के नाना जी उसके करीब पहुंचे तो उन्हें पता चला कि वह तो एक 15 से 16 साल का लड़का है

 अदिति के नाना जी ने फिर से उस लड़के से कहा तुम्हें मेरी ही ट्रेन मिली है मरने के लिए यह बोलते हुए आदिति के नाना जी आगे बढ़ ही रहे थे कि वह लड़का एकदम से खड़ा हो गया उस लड़के को खड़ा होते देख आदिति के नाना जी एकदम से रुक गए आदिति के नाना जी तभी उस पर चिल्ला ही रहे थे कि वह लड़का अजीब सी चाल में उनकी ओर बढ़ने लगा

 पहले तो वह लड़का अपनी मुंडी झुकाए हुए उनकी ओर बढ़ रहा था जब वह उनके पास पहुंचा तो उसने अपनी मुंडी ऊपर की तो उसकी नजर अदिति के नाना जी के गर्दन पर गई वह लड़का अदिति के नाना जी की गर्दन की और घूर ही रहा था कि सभी ट्रेन में मौजूद आरती के नाना जी के कर्मचारियों की चिल्लाने की आवाज सुनाई दी

 जब उन्होंने पीछे मुड़कर देखा तो उनके साथी उन्हें ट्रेन में वापस आने के लिए कह रहे थे क्योंकि वह सारे काफी डरे हुए भी लग रहे थे आदिति के नाना जी भी समझ नहीं पा रहे थे कि अचानक उनके साथियों को क्या हो गया उन्होंने अपने साथियों को जवाब देते हुए कहा हां हां आता हूं पहले इस लड़के से तो निपट लूं

यह कहकर वापस सामने की ओर मुड़े तो वह लड़का उनसे काफी दूर खड़ा था और उन्हें घूर रहा था आदिति के नाना जी का गुस्सा अभी शांत नहीं हुआ था मगर पहले ही  काफी देर हो चुकी थी अब वह और देर नहीं कर सकते थे लिहाजा वह वापस ट्रेन के इंजन में पहुंचे

जहां उनके साथियों ने उन्हें कहां कि तुम अभी अभी मरने से बचे हुए हो वह कोई लड़का नहीं था तुमने शायद उसके पैर को ध्यान से नहीं देखा उस लड़के के पैर उल्टे थे अपने साथियों की बात सुनने के बाद वो एकदम से सदमे में आ गए तभी उन्होंने मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत ही ट्रेन स्टार्ट की और वहां से निकल गए

 मगर रास्ते भर उनके मन में एक ही ख्याल आ रहा था कि वह तो मुझे कुछ भी कर सकता था तभी उन्हें ध्यान आया कि वह लड़का उनकी गर्दन की तरफ देख रहा था फिर जब उन्होंने अपनी गर्दन पर हाथ फेरा तो उन्होंने पाया कि उन्होंने अपने गले में बजरंगबली का एक लॉकेट पहनी हुई  है तभी उन्हें एहसास हुआ कि शायद उनकी जान बजरंगबली की वजह से बच गई
                 
Patri par bhoot horror story

                           जय बजरंगबली

पटरी पर भूत पटरी पर भूत Reviewed by Anand Singh on June 11, 2020 Rating: 5

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